मुरीदों ने सादगी से पेश की अकीदत की चादर
उर्स-ए-शाह शराफती का आगाज सोमवार को हुआ। पहले दिन मुरीदों ने सादगी के साथ अकीदत की चादर पेश की। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मन्नत मांगी और दुआ की। रात को मुशायरे की महफिल सजाई गई।
बरेली, जेएनएन : उर्स-ए-शाह शराफती का आगाज सोमवार को हुआ। पहले दिन मुरीदों ने सादगी के साथ अकीदत की चादर पेश की। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मन्नत मांगी और दुआ की। रात को मुशायरे की महफिल सजाई गई। कोविड-19 नियमों का पालन किया गया। भीड़ न जुटे, इसके लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात रही।
दरगाह के मीडिया प्रभारी हमजा सकलैनी ने बताया कि शाह मौलाना शराफत अली मियां के सालाना 53वां चार रोजा उर्स के पहले दिन सोमवार को कुरआनख्वानी से आगाज हुआ। दरगाह पर शहर और गांव से अकीदतमंद मजार पर हाजिरी देकर वापस होते रहे। किसी को भी रुकने नहीं दिया गया। साहिबे सज्जादा शाह सकलैन मियां से मुरीदीन व अकीदतमंदों ने दूर से ही सलाम किया। खानकाह पर दूरदराज से मुरीद हाजिरी देने के लिए पहुंच रहे हैं। मेहमानखाने में उन्हें तवर्रुख दिया गया। दरगाह शाह शराफत से जुड़े आफताब आलम ने बताया कि उर्स के पहले दिन तमाम मुरीद चादर लेकर दरगाह पर पहुंचे। कोविड 19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए दो से चार लोगों को ही चादरपोशी करने की इजाजत दी गई। उर्स-ए-शराफती सादगी और सुकून के साथ मनाया जा रहा है। चादरों के जुलूस को मना कर दिया गया है। उर्स में व्यवस्था बनाए रखने व जायरीन की भीड़ की रोकथाम के लिए दरगाह शाह शराफत के आसपास और चौराहों पर दरगाह के खादिम वालंटियर्स लगाए गए हैं।