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मुहल्लानामा : यहां अभ‍िनेता दिलीप कुमार को आने से मना कर दिया Bareilly News

कांग्रेस में तब तक शामिल नहीं हुए जब तक इंदिरा गांधी उनसे मिल नहीं लीं। और तो और जिन दिलीप कुमार की झलक पाने के लिए शहर उमड़ पड़ा था उन्हें अपने घर आने से मना कर दिया था।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Thu, 08 Aug 2019 02:26 PM (IST)Updated: Sat, 10 Aug 2019 09:51 AM (IST)
मुहल्लानामा : यहां अभ‍िनेता दिलीप कुमार को आने से मना कर दिया Bareilly News
मुहल्लानामा : यहां अभ‍िनेता दिलीप कुमार को आने से मना कर दिया Bareilly News

बरेली [वसीम अख्तर] : किला इलाके में एक छोटा सा रिहायशी क्षेत्र है। नाम है खन्नू मुहल्ला। इसे बसाया जरूर ब्रिटिश हूकूमत के दौरान दीवान सिंह खन्ना ने था। मशहूरियत और पहचान मिली आजाद भारत में राम सिंह खन्ना की बदौलत गया, जिन्होंने अपनी शर्तो पर राजनीति की।

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धर्म दत्त वैद्य के आवास पर फिल्म अभिनेता दिलीप कुमार के साथ राम सिंह खन्ना। फाइल फोटो

कांग्रेस में तब तक शामिल नहीं हुए, जब तक इंदिरा गांधी उनसे मिल नहीं लीं। और तो और जिन दिलीप कुमार की झलक पाने के लिए शहर उमड़ पड़ा था, उन्हें अपने घर आने से मना कर दिया था। इसलिए क्योंकि ऐसा होने पर इंदिरा गांधी के सचिव यशपाल कपूर का कद छोटा हो जाता। तब के सुपर स्टार दिलीप कुमार को मदारी दरवाजा से ही लौट जाना पड़ा था।

इन्होंने बसाया था मुहल्ला

रियासत के दौरान इस मुहल्ले को दीवान सिंह खन्ना ने बसाया था। उस समय में वही कोठी में बैठकर मुकदमे सुना करते थे। मुहल्ले में खत्रियों के परिवार ज्यादा रहते थे। इसी वजह से मुहल्ले को खन्नू कहा जाने लगा।

 

खन्नू मुहल्ले में पहले इसी मकान की कोठरी में बैठते थे राम सिंह खन्ना। जागरण

चौधरी चरण सिंह, फारुक अब्दुल्ला भी आए

स्वर्गीय राम सिंह खन्ना के आवास पर चौधरी चरण सिंह समेत उस समय के कई बड़े नेता आ चुके हैं। उनके फोटोग्राफ अब भी मौजूद हैं। फारूक अब्दुल्ला भी आए थे। 

बनवाया किला पुल, लेकर आए बीडीए

श्रुति खन्ना बताती हैं कि ताऊ राम सिंह खन्ना ने राजनीति में आदर्श स्थापित किए। ईमानदारी को सदैव आगे रखा। पिताजी ने उनके मंत्री रहते रामपुर बाग में प्लाट लेने का प्रयास किया तो साफ इन्कार कर दिया। उस दौर में किला क्रासिंग पर पुल नहीं होने से जाम लगता था। कोशिश करके पुल मंजूर कराया। बरेली विकास प्राधिकरण उन्हीं की कोशिशों से स्थापित हुआ। नगर पालिका को नगर निगम का दर्जा मिला।

राजीव गांधी के साथ राम सिंह खन्ना। फाइल फोटो

बीकेडी से शुरू की राजनीति 

मुहल्ले में रहने वाले जागेश्वर नाथ खन्ना बताते हैं कि राम सिंह खन्ना पहले नगर पालिका परिषद के सभासद चुने गए और 1953 से 1957 तक चेयरमैन भी रहे। विधायक चौधरी चरण सिंह की पार्टी भारतीय क्रांति दल से बने। उनकी सरकार में राज्यमंत्री भी रहे। इंदिरा गांधी से मुलाकात के बाद कांग्रेस में शामिल हुए। 1980 में चुनाव जीतने के बाद आवास विकास मंत्री बनाए गए। गाड़ी होते हुए भी शहर में रिक्शा से घूमकर जायजा लेते थे, ताकि जनता से दूरी न रहे। बड़े नेता होने के बाद मुहल्ले के एक छोटे से कमरे में ही रहते रहे। यहीं से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा।

खन्नू मुहल्ले में पहले इसी मकान की कोठरी में बैठते थे राम सिंह खन्ना। जागरण

धर्मदत्त वैद्य के घर रुके थे दिलीप कुमार 

राम सिंह खन्ना के छोटे भाई संतोष सिंह खन्ना बताते हैं कि दिलीप कुमार को इंदिरा गांधी के सचिव यशपाल कपूर लेकर आए थे। यह 1974-75 की बात है। तब कोई चुनाव था। वह धर्मदत्त वैद्य के मदारी दरवाजा स्थित घर तक आ गए थे। संतोष सिंह बताते हैं कि बड़े भाई राम सिंह खन्ना चाहते थे कि जनता यशपाल कपूर को जाने। अगर दिलीप कुमार हमारे घर आते तो लोग उनके के ही जयकारे लगाते। इसलिए सुपरस्टार को अपने घर नहीं आने दिया। बल्कि खुद धर्मदत्त वैद्य के घर जाकर उनसे मिले।

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