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डीएम के आदेश के बाद बढ़ी हलचल, शुरु होंगे एनओसी पर अटके निर्माण कार्य Bareilly News

शहर में विकास की गति बढ़ाने के लिए डीएम नितीश कुमार ने हफ्ते भर पहले अधिकारियों को निर्देश दिए थे। उन्होंने फंसी हुई एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) को संबंधित विभाग से लेने को कहा था

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 02:38 PM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 02:38 PM (IST)
डीएम के आदेश के बाद बढ़ी हलचल, शुरु होंगे एनओसी पर अटके निर्माण कार्य Bareilly News
डीएम के आदेश के बाद बढ़ी हलचल, शुरु होंगे एनओसी पर अटके निर्माण कार्य Bareilly News

जेएनएन, बरेली : शहर में विकास की गति बढ़ाने के लिए डीएम नितीश कुमार ने हफ्ते भर पहले अधिकारियों को निर्देश दिए थे। उन्होंने फंसी हुई एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) को संबंधित विभाग से लेने को कहा था। अधिकारियों को हर हाल में कामों की गति बढ़ाने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके अब तक निर्माण कार्य एनओसी नहीं मिलने के कारण अटके हैं। अब तक सिर्फ सेटेलाइट तिराहे पर ओवरब्रिज बनाने के लिए वन विभाग से एनओसी मिल पाई है। वही, आइवीआरआइ क्रासिंग पर ओवरब्रिज बनाने के लिए हलचल दिखाई देने लगी है।

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लालफाटक ओवरब्रिज: मार्च 2014 में शासन ने लालफाटक रेलवे क्रासिंग पर ओवरब्रिज की मंजूरी दी थी। पुल निर्माण को कैंट की ओर सेना की करीब 65 सौ वर्ग मीटर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। जुलाई 2017 में पुल का निर्माण कांधरपुर बाजार की ओर से शुरू हुआ। उस ओर से करीब 55 फीसद निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इधर, अब तक सेना की एनओसी नहीं मिल पाई है, जिस कारण काम शुरू नहीं हो पा रहा है।

चौपुला ओवरब्रिज: शासन ने अक्टूबर 2018 में चौपुला चौराहे पर थ्री लेन ओवरब्रिज की मंजूरी दी थी। करीब 60 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट है। मार्च 2019 में सेतु निगम ने सर्विस लेन का निर्माण शुरू करवाया तो वन संरक्षित भूमि होने के कारण वन विभाग ने काम रुकवा दिया। उसके बाद निगम ने अयूब खां रोड और पुलिस लाइंस की ओर पाइलिंग का काम करवाया। अब मढ़ीनाथ की ओर पाइलिंग का काम शुरू करवाया है, लेकिन अब तक वन विभाग की एनओसी नहीं मिली है। पुलिस लाइंस के ऊपर से एक ब्रांच पुल बदायूं को निकलना है। इस पर पुलिस महकमे ने आपत्ति लगाई थी। इसकी एनओसी भी अब तक पुलिस मुख्यालय ने नहीं दी है।

मार्च 2016 में आइवीआरआइ रेलवे क्रासिंग पर ओवरब्रिज को मंजूरी मिली थी। इसके लिए शासन ने 38 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया था। इसमें रेलवे के हिस्से में करीब दस करोड़ रुपये और सेतु निगम को 28 करोड़ रुपये खर्च करने थे। जुलाई 2018 में इसका एस्टीमेट रिवाइज किया गया। रेलवे ने दो अंडरपास भी उसे जोड़े। इस पर रेलवे का एस्टीमेट 19 करोड़ रुपये किया है। सेतु निगम ने भी करीब सात करोड़ एस्टीमेट बढ़ाया। सेतु निगम करीब छह महीने पहले ही अपना काम पूरा कर चुका है। इधर, रेलवे भी हरकत में आया है। मौके पर गार्डर रखे गए हैं। जल्द ही गार्डर ऊपर रखकर पुल का काम शुरू होगा।


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