Malaria : मच्छरों के डंक ने बरेली में प्रदेश के दस सालों का रिकार्ड तोड़ा Bareilly News
मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग के तमाम इंतजाम बेकार साबित नजर आ रहे हैैं। इसका खुलासा प्रदेश भर में मलेरिया के मरीजों का आंकड़ा कर रहा है।
जेएनएन, बरेली : मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग के तमाम इंतजाम बेकार साबित नजर आ रहे हैैं। इसका खुलासा प्रदेश भर में मलेरिया के मरीजों का आंकड़ा कर रहा है। प्रदेश में इस साल मलेरिया के सबसे अधिक मरीज पाए गए हैं, जिनमें बरेली मंडल के दो बड़े जिलों में 73 फीसद मरीज मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग के अफसर आने वाले वर्षों में आंकड़ा घटने का दावा कर रहे हैं।
पिछले साल का भी तोड़ा Record
बरेली और बदायूं जिले में पिछले साल मलेरिया का जबरदस्त प्रकोप रहा था। बरेली में 17 हजार और बदायूं में करीब पांच हजार मरीजों में मलेरिया की पुष्टि हुई थी। इसमें बड़ी संख्या में खतरनाक प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम (पीएफ) के मरीज भी शामिल थे। इसके चलते राज्य व केंद्र से भी स्वास्थ्य विभाग की टीमें नियंत्रण को जुटी। इस बार शुरू से ही एहतियात बरती गई, लेकिन मलेरिया को नियंत्रित नहीं किया जा सका। मलेरिया ने पिछले साल का भी रिकार्ड तोड़ दिया। प्रदेश में 90 हजार से अधिक रोगी मिले। बरेली में मलेरिया के 46 हजार से अधिक और बदायूं में 20 हजार से अधिक रोगी पाए गए। प्लाज्मोडियम वाइवेक्स (पीवी) के रोगियों की संख्या पीएफ से कम रही।
प्रदेश में मलेरिया का दस साल का Deta
2010 - 67468
2011 - 56829
2012 - 47400
2013 - 48112
2014 - 41875
2015 - 42767
2016 - 40787
2017 - 32342
2018 - 86486
2019 - 90960
स्वास्थ्य विभाग के सर्विलांस और तुरंत उपचार के कारण इस बार मलेरिया के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। पिछले साल के मुकाबले कई गुना अधिक लोगों का इस बार मलेरिया का टेस्ट हुआ। विभाग लगातार मलेरिया के मरीजों की जांच व उपचार कर रहा है। अगले साल से मलेरिया के मरीजों की संख्या घटेगी।
-डॉ. अवधेश यादव, संयुक्त निदेशक (मलेरिया)