Move to Jagran APP

54 लाख रुपये के तीन हजार से अधिक रेमडेसिविर इंजेक्शन एक्सपायर

54 लाख रुपये के 3 हजार से अधिक रेमेडिसिवर इंजेक्शन एक्सपायर

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 May 2022 02:27 AM (IST)Updated: Thu, 26 May 2022 02:27 AM (IST)
54 लाख रुपये के तीन हजार से अधिक रेमडेसिविर इंजेक्शन एक्सपायर
54 लाख रुपये के तीन हजार से अधिक रेमडेसिविर इंजेक्शन एक्सपायर

54 लाख रुपये के तीन हजार से अधिक रेमडेसिविर इंजेक्शन एक्सपायर

loksabha election banner

जागरण संवाददाता, बरेली: कोरोना की दूसरी लहर काफी भयावह रही। संक्रमण का असर कम करने के लिए प्रयोग होने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की 35-40 हजार रुपये में कालाबाजारी हुई। तमाम संक्रमितों ने रेमडेसिविर के अभाव में तड़प कर दम तोड़ दिया, लेकिन उनको इंजेक्शन नहीं मिल सकी। अब 54 लाख रुपये की तीन हजार से अधिक रेमडेसिविर इंजेक्शन के एक्सपायर होने का मामला सामने आया है। यदि उस समय मरीजों को इसकी डोज दी गई होती तो शायद इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत न होती। फिलहाल यह कोरोना काल में जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की नाकामी का एक और नमूना बनकर रह गया। --- केस एक धौराटांडा के शकील अहमद मई 2021 में कोरोना संक्रमित हुए। उनके भतीजे रिजवान ने बताया कि तबीयत बिगड़ने पर ताऊ को आनन-फानन में शहर के गंगाशील अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत पड़ी। स्वजन ने तमाम कोशिश की, लेकिन इंजेक्शन नहीं मिला। अंत में शकील जिंदगी की जंग हार गए। केस दो आशा ज्योति केंद्र में कार्यरत महिला कर्मचारी के 14 अप्रैल 2021 को संक्रमित हुए थे। उन्हें भी रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत पड़ी। पत्नी ने तमाम लोगों से मदद मांगी, लेकिन इंजेक्शन नहीं मिला। थकहार कर उन्होंने 1,800 रुपये का इंजेक्शन 30-35 हजार में खरीदा। चूकिं कई इंजेक्शन लगने थे, इसलिए उन्होंने एक लाख से ऊपर के इंजेक्शन खरीदे, लेकिन उनके पति ने 30 अप्रैल को दम तोड़ दिया। केस तीन शहर के जसौली स्कूल के प्रधनाध्यापक हरीश शर्मा की पत्नी ममता कोरोना संक्रमित हुईं तो उन्हें भी रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत पड़ी। काफी प्रयास के बाद भी उन्हें इंजेक्शन नहीं मिला तो उन्होंने 35 हजार रुपये में खरीदा। इसके बाद बिथरी चैनुपर के तत्कालीन विधायक पप्पू भरतौल ने उनकी मदद की। इसके बाद भी वह अपनी पत्नी को नहीं बचा पाए। इसी तरह से किला के बासिल ने भी रेमडेसिविर के अभाव में दम तोड़ दिया। अभी बचे हैं 241 इंजेक्शन, दिसंबर में होंगे एक्सपायर यह दो केस तो केवल बानगी मात्र हैं। कोविड काल में न जाने कितने लोगों ने रेमडेसिविर के इंतजार में दम तोड़ दिया। पिछले केस अब इसलिए याद दिलाए, क्योंकि कोरोना काल के बचे 3035 रेमडेसिविर इंजेक्शन सरकारी स्टाक में एक्पायर हो चुके हैं, इनकी सरकारी कीमत करीब 54.63 लाख रुपये आंकी गई है। कोविड काल में 28 मई, 2020 से बरेली में रेमडेसिविर इंजेक्शन की खेप आनी शुरू हुई। 25 मई, 2021 तक जिले में 12,453 रेमडेसिविर इंजेक्शन सप्लाई किए गए। पूरे कोविड काल में केवल 9,177 इंजेक्शन की ही खपत हुई। बाकी के 3,276 इंजेक्शन में से करीब 3,035 इंजेक्शन एक्सपायर हो गए। अभी भी 241 इंजेक्शन शेष बचे हैं जो दिसंबर में एक्सपायर हो जाएंगे। डीएम की अनुमति थी अनिवार्य कोरोना काल में सरकारी स्टाक से जिले में केवल चार कोविड अस्पतालों को ही रेमडेसिविर इंजेक्शन सप्लाई करने की अनुमति थी। इसमें 300 बेड कोविड अस्पताल के अलावा एसआरएमएस, रुहेलखंड और राजश्री मेडिकल कालेज शामिल थे। इसके अलावा जिस व्यक्ति को इंजेक्शन चाहिए था, उसे पहले डीएम की अनुमति लेनी होती थी। उसके बाद उसे इंजेक्शन दिया जा रहा था। इंजेक्शन का सरकारी रेट 1,800 रुपये था। बाजार में बिके नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन कोरोना से मौतों का आंकड़ा बढ़ा तो हालात यह हो गए कि कालाबाजारियों ने मार्केट में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन उतार दिए। इस नकली इंजेक्शन को भी ऊंचे दामों में बेचकर करोड़ों रुपये की कमाई की।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.