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निखत का चांद तो सऊदी अरब में 'कैद'

जागरण संवाददाता, बरेली : ग्यास अहमद इस उम्मीद के साथ परदेस गए थे कि अच्छी तनख्वाह मिलेगी तो धूमधाम स

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Jun 2018 11:58 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jun 2018 11:58 PM (IST)
निखत का चांद तो सऊदी अरब में 'कैद'
निखत का चांद तो सऊदी अरब में 'कैद'

जागरण संवाददाता, बरेली : ग्यास अहमद इस उम्मीद के साथ परदेस गए थे कि अच्छी तनख्वाह मिलेगी तो धूमधाम से बेटी की शादी करेंगे। मगर एजेंट की दगाबाजी ने उनके सारे ख्वाब तोड़ दिए। पिछले चार साल से वह सऊदी अरब में हैं। उनका पासपोर्ट-वीजा जब्त कर लिया गया। परिवार चार से साल से उनके वतन वापसी की राह ताक रहा है। इस बार भी वह नहीं आ सके।

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कटराचांद खां निवासी करीब 55 वर्षीय ग्यास अहमद की दो बेटियां हैं। वह वर्ष 2014 में सऊदी गए थे। एजेंट ने उन्हें इलेक्ट्रीशियन की जॉब के लिए भेजा मगर सऊदी पहुंचे तो वहां घरेलू काम में लगा दिया। पांच महीने तक कोई वेतन भी नहीं दिया। बाद में उन्हें महज सात सौ रियाल दिए गए। उनके रिश्तेदार रिजवान बकराती बताते हैं कि खुद को फंसा देख उन्होंने वहां से निकलना चाहा, लेकिन मालिक ने वीजा-पासपोर्ट छीन लिया। अब तीन साल के वीजा की वैधता भी खत्म हो चुकी है। मगर ग्यास को घर आने की इजाजत नहीं मिल पा रही है। इस बीच वर्ष 2016 में उनकी छोटी बेटी की शादी भी हो गई। घर में बीवी निखत परवीन अकेली रहती हैं। उनकी आंखे हर पल शौहर की राह तक रही हैं। वह आएं तो उनकी ईद में भी खुशियां भरें। वहीं, रिजवान बरकाती बताते हैं कि हम लोगों ने उनकी वतन वापसी के लिए विदेश मंत्रालय में भी दरख्वास्त लगाई। विदेश मंत्री से लेकर, राष्ट्रपति, स्थानीय प्रशासन से मदद मांगी। मगर किसी ने संज्ञान नहीं लिया। अब ईद के बाद फिर विदेश मंत्रालय जाकर मदद की इल्तिजा करेंगे। ताकि वो वापस आ सकें।


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