बरेली के जनकपुरी में रिटायर्ड फौजी पर बंदरों ने किया हमला
बंदरों के हमलों से चोटिल होने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। जनकपुरी में सोमवार तड़के एक रिटायर्ड फौजी पर बंदरों ने हमला कर दिया। उनके चेहरे पर काट लिया। वहां मौजूद लोगों ने उन्हें बचाया। लहूलुहान हालत में उन्हें निजी डाक्टर के पास उपचार के लिए ले जाया गया। इस घटना के बाद जनकपुरी के लोगों में आक्रोश है।
जागरण संवाददाता, बरेली: बंदरों के हमलों से चोटिल होने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। जनकपुरी में सोमवार तड़के एक रिटायर्ड फौजी पर बंदरों ने हमला कर दिया। उनके चेहरे पर काट लिया। वहां मौजूद लोगों ने उन्हें बचाया। लहूलुहान हालत में उन्हें निजी डाक्टर के पास उपचार के लिए ले जाया गया। इस घटना के बाद जनकपुरी के लोगों में आक्रोश है।
जनकपुरी निवासी राकेश सक्सेना भारतीय नौसेना से रिटायर्ड हैं। सोमवार सुबह वह घर से टहलने निकले थे। मंदिर की तरफ जाते समय बंदरों के झुंड ने उनपर हमला कर दिया। संभलने से पहले बंदरों ने उन्हें घायल कर दिया। उनकी चीख पुकार सुनकर कालोनी के लोग दौड़े और बंदरों को भगाकर उनको बचाया। जनकपुरी के लोगों का कहना है कि नगर निगम और वन विभाग तक बंदरों की समस्या कई बार पहुंचाई है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। बंदरों को पकड़ने के लिए नगर निगम को विशेष अभियान चलाना चाहिए।
पहले भी हो घायल हो चुके हैं लोग
रिटायर्ड फौजी के मुताबिक जनकपुरी में 50 से 60 बंदर हैं। बंदरों के डर से बच्चों को छतों पर अकेले नहीं जाने दिया जाता है। बंदरों के हमले से कॉलोनी की चमेली गंगवार, पंकज अरोरा और सुखवीर सिंह सहित कई लोग घायल हो चुके हैं।
एनओसी के फेर में फंसा बंदर पकड़ो अभियान
नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक बंदरों को पकड़ने के लिए वन विभाग के डीएफओ से पत्राचार किया गया, ताकि उन्हें एनओसी मिल सके। वन विभाग के अधिकारियों ने नगर निगम के अधिकारियों को एनओसी के लिए सीधे वन विभाग के लखनऊ मुख्यालय से पत्राचार करने के लिए कहा है। एनओसी नहीं मिलने की वजह से बंदरों के उत्पात को पकड़ने के लिए अभियान नहीं चलाया जा पा रहा है।
वर्जन
बंदरों के उत्पात को कम करने के लिए उन्हें पकड़ने का अभियान चलाया जा रहा है। जल्द लोगों को राहत मिल लाएगी।
- डा. अशोक कुमार, नगर स्वास्थ्य अधिकारी