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संवाद में मोहन भागवत ने कहा - स्वयं खत्म हो जाएगी दो हजार साल पुरानी जातिवाद की समस्या Bareilly News

यह दो हजार वर्ष पुरानी समस्या है। इसे तुरंत नहीं खत्म किया जा सकता है। यह समय के साथ खुद खत्म हो जाएगी।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 02:26 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 02:51 PM (IST)
संवाद में मोहन भागवत ने कहा - स्वयं खत्म हो जाएगी  दो हजार साल पुरानी जातिवाद की समस्या Bareilly News
संवाद में मोहन भागवत ने कहा - स्वयं खत्म हो जाएगी दो हजार साल पुरानी जातिवाद की समस्या Bareilly News

जेएनएन, बरेली : संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर से जातिवाद पर प्रहार किया। उन्होंने इसे देश के लिए बड़ी समस्या बताई। कहा कि यह अपने लोगों को विभाजित कर रही है। यह दो हजार वर्ष पुरानी समस्या है। इसे तुरंत नहीं खत्म किया जा सकता है। यह समय के साथ खुद खत्म हो जाएगी।

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 जीआरएम स्कूल में बृज प्रांत के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के आखिरी दिन आयोजित ‘जिज्ञासा समाधान’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। संघ प्रमुख से स्वयंसेवियों ने कई सवाल पूछे। एक स्वयंसेवी ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन, अराजकता आदि पर सवाल खड़ा किया। पूछा कि इसे कैसे दूर किया जा सकता है।

इस पर संघ प्रमुख ने कहा कि इसे रोकना सरकार का काम है। वह ऐसे लोगों से निपट लेगी। संघ का काम व्यवस्था परिवर्तन का नहीं बल्कि मनुष्य निर्माण है। उस पर सभी को ध्यान देना चाहिए। संघ प्रमुख ने सीएए समेत अन्य मुद्दों को लेकर समाज के बीच कार्यकर्ताओं को जाने के लिए कहा। बोले, लोगों को जागरुक करिए।

राष्ट्र को परम वैभव तक क्यों नहीं ले जा पाए : एक स्वयंसेवी ने संघ प्रमुख से पूछा कि 1924 में जब संघ की स्थापना हुई थी तब उद्देश्य था कि राष्ट्र को परम वैभव तक ले जाना है। तब से लेकर आज तक पांच सर संघ चालक बदल चुके हैं लेकिन हम अपने उद्देश्य तक नहीं पहुंच सके। ऐसा क्यों?

इस पर मोहन भागवत ने कहा कि यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। आजीवन चलती रहेगी। संघ तीव्र गति से बढ़ रहा था। उस पर प्रतिबंध लगाने की कोशिशें हुई लेकिन फिर भी संघ ने अपना उद्देश्य नहीं भूला। हम और तीव्र गति से बढ़ते चले गए।

देशहित में होगा तो समर्थन, नहीं तो विरोध : एक स्वयंसेवी ने सवाल किया कि क्या सरकार के फैसलों में संघ हस्तक्षेप करता है? इसपर संघ प्रमुख ने कहा कि शासन, सत्ता जो निर्धारित करता है, उसमें संघ की कोई भूमिका नहीं होती। संघ उन सभी फैसलों का समर्थन करेगा जो देशहित में होगा लेकिन अगर देशहित में नहीं होगा तो उसका विरोध भी उसी तरह से किया जाएगा।

संघ का कोई छिपा उद्देश्य नहीं है। एक स्वयंसेवी ने संघ प्रमुख से भाजपा का नाम लिए बगैर पूछा कि अब तो अपनी विचारधारा से जुड़े लोग सत्ता में हैं। फिर भी तेजी से परिवर्तन क्यों नहीं हो पा रहा है। इस पर उन्होंने जवाब दिया। बोले, राजनीति में जो लोग गए हैं उनका अपना एजेंडा होता है।

विचार धारा हमसे जुड़ी है इसलिए वह हिंदुत्व के लिए काम करते हैं। अन्य समस्याओं को खत्म करने के लिए सभी को आगे आना होगा। यह किसी एक व्यक्ति या राजनीति पार्टी का काम नहीं है। यह समस्या समाज की है और समाज ही इसे खत्म कर सकती है।


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