बोर्ड परीक्षा में सख्ती ने बदला विद्यार्थियों का मिजाज
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षा में सख्ती ने विद्यार्थियों का मिजाज बदल दिया है।
जागरण संवाददाता, बरेली : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षा में सख्ती ने विद्यार्थियों का मिजाज बदल दिया है। अब वे जुगाड़ से पास होने के बजाय पढ़ने पर ध्यान दे रहे। इसकी तस्दीक राजकीय-एडेड कॉलेजों में होने वाले प्रवेश से हो रही। पिछले कई सालों से विद्यार्थी राजकीय-एडेड कॉलेज में प्रवेश से कतराते थे। नतीजतन यहां सीटें खाली रह जाती थीं। अबकी नजारा बदला है। विद्यार्थियों ने राजकीय-एडेड को प्राथमिकता में रखा। परिणाम सामने है। बरेली-मुरादाबाद मंडल के अधिकांश राजकीय-एडेड कॉलेजों की सीटें भर चुकी हैं।
रुविवि की परीक्षा में बरेली-मुरादाबाद मंडल के कुछ कॉलेज विद्यार्थियों को कई तरीकों से लुभाते थे। परीक्षा, प्रैक्टिकल में नंबर और फीस में रियायत तक का ऑफर दिया जाता था। इसीलिए विद्यार्थी ऐसे कॉलेजों में दाखिला लेने को ज्यादा तवज्जो देते थे। मगर पिछले सत्र में रुविवि ने अपनी परीक्षा पारदर्शी बना दिया। वहीं, बोर्ड परीक्षा में भी खासी सख्ती हुई। बोर्ड से जो विद्यार्थी इंटरमीडिएट पास करके आए, उन्होंने राजकीय-एडेड को प्राथमिकता में रखा। यही वजह है कि बरेली कॉलेज में स्नातक की पांच हजार सीटों के सापेक्ष करीब 16 हजार ने प्रवेश के लिए आवेदन किया था। स्थिति यह है बरेली कॉलेज जैसे संस्थानों में प्रवेश बंद हो गए, जबकि निजी कॉलेजों में आधी से ज्यादा सीटें खाली हैं।
यूजी-पीजी में पंजीकरण का आखिरी मौका
रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने स्नातक प्रथम वर्ष यानी यूजी में प्रवेश के लिए नए सिरे से पंजीकरण का शेड्यूल जारी कर दिया है। नौ जुलाई को विवि की वेबसाइट खुलेगी, 12 जुलाई तक पंजीकरण का सिलसिला चलेगा। पंद्रह जुलाई तक कॉलेजों में प्रवेश होंगे। वहीं परास्नातक के पंजीकरण 17 जुलाई तक होंगे और 20 जुलाई तक कॉलेजों को प्रवेश पूरे करने होंगे।
रुविवि के कुलसचिव अशोक कुमार अरविंद ने बताया कि जो विद्यार्थी स्नातक और परास्नातक में प्रवेश लेना चाहते हैं, वे निर्धारित तिथि के अंदर अपना पंजीकरण कराएं। इसके बाद जिस कॉलेज में प्रवेश लेना चाहते हों वहां आवेदन कर दें। इसके बाद प्रवेश का मौका नहीं मिलेगा।
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मैंने कई जिलों के राजकीय-एडेड कॉलेजों का दौरा किया। ज्यादातर कॉलेजों में सीटें लगभग भर चुकी हैं। विद्यार्थियों ने इस बार राजकीय-एडेड में खूब दिलचस्पी दिखाई है।
डॉ. राजेश प्रकाश, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी