Scheme : सरकार की इस योजना से मिलेगा 480 बेसहारा को ‘आसरा’
2016 में आसरा योजना के तहत निर्मित हो चुके आवासों के आवंटन की प्रक्रिया संजय कम्यूनिटी हॉल में मंगलवार को की गई।
बरेली, जेएनएन । 2016 में आसरा योजना के तहत निर्मित हो चुके आवासों के आवंटन की प्रक्रिया संजय कम्यूनिटी हॉल में मंगलवार को की गई। शहर विधायक डॉ. अरुण कुमार, एडीएम प्रशासन वीके सिंह संयुक्त नगर आयुक्त अजित कुमार सिंह और डूडा के परियोजना निदेशक शैलेंद्र भूषण की मौजूदगी में एससी-एसटी, ओबीसी और सामान्य श्रेणी के लोगों के लिए आवासों का आवंटन लॉटरी प्रक्रिया से किया गया। हर लॉटरी के साथ हॉल में मौजूद एक परिवार के चेहरे पर मुस्कान खिलती जाती थी।
तहसील से सत्यापन में देरी होने की वजह से आसरा आवासों का आवंटन नहीं हो पा रहा था। एक साल पहले डूडा में तैनात हुए परियोजना निदेशक शैलेंद्र भूषण प्रयासरत थे कि बचे हुए आवासों को आवंटन हो सके। कुल 1860 आवासों के लिए आवेदन किए गए थे। तहसील से सत्यापित होने के बाद 828 पात्र लोगों का चयन किया गया है। इन्हीं पात्र लोगों के बीच 480 आवासों को लॉटरी के माध्यम से बांटा गया था। इसमें खड़ौआ में बने 216 आवास, जबकि सनैया रानी के 264 आवास शामिल है।
एक साल में बने, चार साल बाद हो सके आवंटित
2015 में डूडा ने सीएंडडीएस को 1013.76 लाख का बजट देकर खड़ौआ और सनैया रानी में निर्माण शुरू कराया था। 2016 तक आवास बनकर तैयार हुए। सपा सरकार हटने के बाद इंदिरा आवास, समाजवादी आवास, लोहिया आवास समेत सभी आवासीय योजनाओं को मर्ज किया गया था। इसके बाद से आवास बनकर तैयार होते रहे, लेकिन आवंटन नहीं हो सकता था।
आयोजन बहुत सफल रहा। सत्यापन में पात्र पाए गए लोगों को सरकारी आवास मिल गए। कोविड-19 के मानकों का पालन कराते हुए यह आयोजन किया गया था।
- शैलेंद्र भूषण, परियोजना निदेशक डूडा
आवास बनने के बाद आवंटन प्रक्रिया में फंसे हुए थे। हमने उन्हें लोगों तक पहुंचाने का काम किया गया है। सत्यापन प्रक्रिया को तेज कराया गया था। जिसके बाद लोगों को आवास मिल सके।
- वीके सिंह, एडीएम प्रशासन