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मंत्री सुधार को कह गए, मुद्दे भूल बैठे अफसर Bareilly News

जिले के प्रभारी मंत्री बनने के बाद श्रीकांत शर्मा ने अपने दूसरे दौरे में बड़ा वादा किया कि दिसंबर 2021 में शहर बदला हुआ दिखाई देगा।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 08:45 AM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 06:00 PM (IST)
मंत्री सुधार को कह गए, मुद्दे भूल बैठे अफसर Bareilly News
मंत्री सुधार को कह गए, मुद्दे भूल बैठे अफसर Bareilly News

जेएनएन, बरेली : जिले के प्रभारी मंत्री बनने के बाद श्रीकांत शर्मा ने अपने दूसरे दौरे में बड़ा वादा किया कि दिसंबर 2021 में शहर बदला हुआ दिखाई देगा। इसके लिए कई बड़े प्रोजेक्ट के कामों में तेजी के लिए कह गए। उसके लिए सिस्टम को कसा, अफसरों को जिम्मेदारी तय की थी। यह कहते हुए एक माह बाद फिर समीक्षा होगी। ‘जागरण’ ने मंत्री की ओर से दिए अल्टीमेटम का आधा समय यानी एक पखवाड़ा बीतने के बाद हकीकत जानने की कोशिश की तो वही पुरानी तस्वीर सामने आई। मंत्री के सबक को अफसर भुलाकर बैठ गए, निर्देश कागजों में दबे रह गए और बड़े अड़ंगों में जूझते रहे गए।

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आइवीआरआइ पुल : 26 सितंबर को हुई समीक्षा बैठक में प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा ने अब तक नहीं बन सके आइवीआरआइ ओवरब्रिज के जल्द शुरू कराने की बात कही थी। जिस पर सेतु निगम के अफसरों ने कहा था कि उनके हिस्से का काम हो चुका है, रेलवे का बाकी है जोकि दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। उसी महीने में ओवरब्रिज शुरू कर देंगे। जबकि हाल यह है कि रेलवे को बीच का हिस्सा जोड़ना है। रेलवे ने पुराने ठेकेदार से अनुबंध निरस्त कर नया टेंडर किया है, लेकिन अभी तक वर्कआर्डर जारी नहीं हो पाया है। हां, राहत की बात यह है कि एक अंडरपास शुरू कर दिया है। दूसरे पर काम चल रहा है। हालांकि जो दूसरा अंडरपास शुरू करना था, उसकी समय सीमा समाप्त होने वाली है। दरअसल, रेल अधिकारियों ने कहा था कि सितंबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में पहला अंडरपास और इसके एक महीने बाद दूसरा अंडरपास शुरू कर देंगे। इस हिसाब से अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में यह काम हो जाना चाहिए था मगर ऐसे आसार नहीं दिख रहे। क्योंकि काफी काम अधूरा है।

चौपुला ओवरब्रिज : चौपुला चौराह पर सेतु निगम, पुलिस, यातायात पुलिस के बीच समन्वय का सवाल खड़ा हुआ था तो मंत्री कह गए थे कि आपस में बात कर सारे व्यवधान दूर करें। निर्माण तेजी से हो मगर ऐसा नहीं हो सका। विभागों के बीच समन्वय के अभाव में काम गति नहीं पकड़ पा रहा है। पहले वन विभाग ने सर्विस रोड पर अड़ंगा डाल दिया था। इधर, पुलिस मुख्यालय की अनुमति नहीं मिलने के कारण सेतु निगम पुलिस लाइंस से बदायूं रोड की ओर ब्रांच पुल का निर्माण शुरू नहीं कर पा रहा है। अंदर मंदिर के पास बनने वाले दो पिलर पर मुख्यालय ने तीन ¨बदुओं पर आपत्ति जताई थी। उधर, बिजली विभाग ने हाईटेंशन लाइन भी नहीं हटाई है।

लाल फाटक : इस ओवरब्रिज में रेलवे अपने हिस्से का काम शुरू करने से पहले क्रासिंग को बंद करेगा। ऐसे में वहां एक ओर तीस मीटर और दूसरी ओर 25 मीटर तक गेट शिफ्ट किया जाना है। वहां एस आकार में सर्विस रोड का निर्माण किया जाना है। इसके लिए सेतु निगम ने 1.30 करोड़ रुपये का एस्टीमेट शासन को मंजूरी के लिए भेजा है। गेट शिफ्ट करने के लिए रेलवे ने खुद रकम खर्च करने की हामी भरी है। रेलवे दोनों गेट शिफ्ट करेगा और उस पर कुछ हिस्सा अस्थायी सड़क भी डालेगा। फिलहाल काम शुरू होने में लंबा समय लगने की आशंका है।

रामगंगा पुल का काम शुरू : रामगंगा नदी पर बन रहे सामानांतर पुल में 77 फीसद काम हो पाया था। बीते दिनों शासन ने 52 करोड़ रुपये और जारी कर दिए थे। इसके बाद अब काम शुरू हुआ है। मार्च तक काम पूरा करना है, जो धीमी गति के कारण पूरा होते दिखाई नहीं दे रहा। पुल का एक कुआं बनने से बचा है। उसके ऊपर के स्लैब पड़ना बाकी है। दूसरी ओर से दो स्पैन का काम शुरू हो गया है।

 कार्रवाई को कह गए मंत्री, तैयार न हो सकी जांच रिपोर्ट 

प्रभारी मंत्री की समीक्षा बैठक में जन प्रतिनिधियों ने बीएसए और डीसी मनरेगा की शिकायत की थी। डीएम ने दोनों ही मामलों में सीडीओ की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर जांच शुरू करा दी है। अधिकारियों का कहना है कि अगले सप्ताह दोनों ही मामलों की जांच रिपोर्ट आ जाएगी।

स्कूलों में कहां गया खेल का पैसा

बैठक में जन प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया था कि स्कूलों में मरम्मत और खेल का पैसा गोलमाल किया गया है। इस पैसे से खेल का सामान खरीदना था। इसके साथ मरम्मत करानी थी लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया। इस पर प्रभारी मंत्री ने डीएम को जांच करके रिपोर्ट देने को कहा था। डीएम ने मामले की जांच के लिए सीडीओ की अध्यक्षता में कमेटी बना कर जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले में जांच भी शुरु कर दी गई है। संबधित अधिकारियों से अभिलेख मांगे गए हैं। इसके साथ टीमें भी बना दी गई हैं जो स्कूलों में जाकर निरीक्षण और पूछताछ कर रही है। आने वाले सप्ताह में इसकी रिपोर्ट भी आ जाएगी।

जांच के लिए चिह्न्ति किए 75 गांव

बैठक में विधायकों ने शिकायत की थी कि मनरेगा के तहत होने वाले कामों में अधिकारी आनाकानी करते हैं। विधायक केसर सिंह ने डीसी मनरेगा से पूछा था कि उनके क्षेत्र में कहां कहां पर समतली करण किया। इसका वह जवाब नहीं दे पाए थे। मंत्री ने डीएम को विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए थे। डीएम ने मामले की जांच सीडीओ को सौंपी थी। अधिकारियों का कहना है मामले की जांच के लिए 75 गावों का चिन्हित किया गया है। यहां पर टीमें जाकर मनरेगा के तहत किए गए कामों का परीक्षण करेगी। इसकी रिपोर्ट शनिवार तक आ जाएगी। प्रभारी मंत्री ने पौधों की भी स्थलीय जांच के आदेश दिए थे। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सभी विभागों से पौधों की सूचना मांगी गई है कि उन्होंने कितने पौधे लगाए कितने बचे हैं। पंद्रह दिन बाद भी तेजी नहीं पकड़ पाया जनता को राहत देने के लिए बन रहे पुलों का निर्माण, अफसरों को जिम्मेदारी भी तय की थी

पीलीभीत रोड पर धुएं से सांस लेना मुश्किल 

शुक्रवार रात पीलीभीत बाईपास पर मेडिसिटी अस्पताल के पास सड़क किनारे कूड़े के ढेर में किसी ने आग लगा दी। इससे थोड़ी ही देर में धुएं ने पूरे क्षेत्र को आगोश में ले लिया। वहां से निकलने वाले वाहनों को सामने दिखाई देना बंद हो गया। लोगों का दम घुटने लगा। 

मंत्री ने जिन कामों के लिए भी कहा था, उन पर संजीदगी से काम कराया जा रहा है। दो मामलों में जांच के लिए टीमें बना दी गई हैं। टीमे मौके पर जाकर परीक्षण करेगी। इसके बाद जांच रिपोर्ट सौंपेंगी। उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। -सत्येंद्र कुमार, सीडीओ

मंत्री जी, बरेली शहर कूड़े में तब्दील हो रहा है। सब नेता, अधिकारी हाथ पर हाथ रखे बैठे अपने स्वार्थ सिद्ध कर रहे हैं। -संजय अग्रवाल

यू है यूपी का शहर ए बरेली का सूरत ए हाल। सामने मस्जिद है और आगे सरकार शाहदाना वली की मजार है और जिम्मेदार खामोश है।-हाजी नाजिम कुरैशी

मंत्री जी, ग्राम चमन नगरिया में बिजली के तार जर्जर हालात में रोज टूटकर गिर रहे हैं। जिस कारण कई जानवरों की मौत हो चुकी है। कृपया कार्रवाई करें। -अंसार खान

श्रीमानजी मेरे ब्लाक शेरगढ़ में एक गांव है नूरावाद। आजतक बिजली नहीं पहुंची है और हमारे यहां भी एचटी लाइन 25-30 साल पुरानी है और खेत-खलिहान में घूमकर आती हैं। -गोपेंद्र गंगवार

स्मार्ट मीटर लगे, बिजली चोरी पर लगाम नहीं

उन्होंने स्मार्ट मीटर लगाने के बिजली अधिकारियों को निर्देश दिए थे। इसके साथ बिजली चोरी रोकने और कार्रवाई की भी प्रभारी मंत्री ने निर्देश दिए थे। अधिकारियों का कहना है कि स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। इसके साथ बिजली चोरी रोकने के लिए छापेमारी की जा रही है और बड़े बकाएदारों के कनेक्शन काटे जा रहे हैं। इसके लिए कई जगह अफसरों के साथ मारपीट की घटनाएं हो चुकी हैं।

प्रभारी मंत्री के निर्देश के बाद अब बिजली विभाग शट डाउन की उन्हें सूचना देता है। उनका कहना है कि विभाग की तरफ से जब भी उनके क्षेत्र में बिजली काटी जाती है तो वह उसकी उन्हें पहले सूचना देते हैं। - अरुण कुमार, शहर विधायक

प्रभारी मंत्री के निर्देश के बाद कुछ बदलाव तो आया है। अधिकारी बातों को सुन रहे हैं लेकिन अभी और सुधार की जरुरत हैं - केसर सिंह, विधायक, नवाबगंज


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