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दहशत : बरेली में पुलिस अधिकारियाें के लिए मुसीबत बना पलायन, अनुसूचित जाति के दो परिवारों ने छोड़ा गांव Bareilly News

मझगवां में दबंगई से परेशान होकर अनुसूचित जाति के दो भाइयों के परिवार ने गांव छोड़ दिया है। इससे गांव में तनाव है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 05:51 PM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 05:51 PM (IST)
दहशत : बरेली में पुलिस अधिकारियाें के लिए मुसीबत बना पलायन, अनुसूचित जाति के दो परिवारों ने छोड़ा गांव Bareilly News
दहशत : बरेली में पुलिस अधिकारियाें के लिए मुसीबत बना पलायन, अनुसूचित जाति के दो परिवारों ने छोड़ा गांव Bareilly News

बरेली, जेएनएन : बिशारतगंज क्षेत्र के दसीपुर गांव में दबंगो से परेशान होकर दो परिवारों के पलायन का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि एक और मामला सामने आ गया। इस बार मझगवां में दबंगई से परेशान होकर अनुसूचित जाति के दो भाइयों के परिवार ने गांव छोड़ दिया है। इससे गांव में तनाव है।

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मझगवां निवासी जयप्रकाश सागर अपने भाई नरेंद्र के साथ रहते हैं। जयप्रकाश सब्जी की दुकान लगाते हैं, जबकि नरेंद्र मजदूरी करते हैं। ढाई महीने पहले सब्जी के लेनदेन को लेकर घर के सामने रहने वाले विद्याराम व सोहनलाल कश्यप से जयप्रकाश का विवाद हो गया था। तभी से दोनों पक्षों में मनमुटाव चल रहा था। 21 फरवरी को जयप्रकाश की पोती के नामकरण में साउंड सिस्टम चल रहा था।

आरोप है कि विद्याराम व सोहनलाल ने उसे जबरन बंद करा दिया था। जयप्रकाश के बेटे सत्यवीर ने विरोध किया तो उसे पीटा। शिकायत पर 22 फरवरी को पुलिस ने दोनों आरोपितों पर शांतिभंग की कार्रवाई की। जयप्रकाश का कहना है कि उसी रंजिश में सोमवार को दूसरे पक्ष के कई लोग घर में घुस आए और मारपीट की, एक कोने में आग लगा दी तो आनन-फानन उसे बुझाया।

शिकायत पर पुलिस ने हमें ही पीटकर चुप करा दिया। मजबूरन रात में अपने व भाई नरेंद्र के परिवार के 15 सदस्यों के साथ ससुराल चौबारी चले आए। दूसरी ओर विवाद दो जातिगत पक्षों के बीच होने से तनाव की स्थिति है। आरोपित पक्ष के लोगों की संख्या ज्यादा होने के कारण उन पर दबंगई का आरोप लगाया जा रहा।

पुलिस ने मारपीट के आरोपितों पर कार्रवाई की है। घर छोड़कर जाने वाले पक्ष ने हत्या की फर्जी सूचना दी थी, जिस पर चेतावनी देकर छोड़ दिया था। इसकी जांच कराई जाएगी। - शैलेश पांडेय, एसएसपी

बिशारतगंज थाना क्षेत्र के दसीपुर गांव प्रकरण की गूंज भले ही शासन-प्रशासन तक पहुंची हो, लेकिन स्थानीय इंस्पेक्टर पर इसका खास असर नहीं पड़ा। मझगवां गांव में एक और परिवार के पलायन प्रकरण पर इंस्पेक्टर राजेश कुमार का कहना है कि 21 फरवरी को विवाद होने पर कार्रवाई की गई थी। दूसरे दिन जयप्रकाश के बेटे ने पिता की हत्या और आग लगने की फर्जी सूचना दी थी।

पुलिस उस वक्त भी तुरंत पहुंची मगर वहां सब ठीक था। उसके बाद भी कोई घर छोड़कर चला जाए तो क्या किया जा सकता है? वहीं, आरोपित विद्याराम व सोहनलाल का कहना है कि ढाई महीने पहले सब्जी के दाम को लेकर कहासुनी हुई थी। लगाए गए आरोप मनगढ़ंत हैं। वहीं, मझगवां प्रधान दामोदर यादव का कहना है कि दोनों पक्षों में विवाद चल रहा है। सोमवार को सुलह कराने की तैयारी थी मगर मुङो शहर जाना पड़ गया।


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