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सीवर लाइन की खोदाई में सुरक्षा मानकों से खिलवाड़ bareilly news

शहर के लिए सीवर लाइन जरूरी है। इसके लिए खोदाई। लेकिन जल निगम हजारों जिंदगियों को दांव पर लगाकर खोदाई करा रहा है।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Sun, 05 Jan 2020 09:45 AM (IST)Updated: Sun, 05 Jan 2020 09:45 AM (IST)
सीवर लाइन की खोदाई में सुरक्षा मानकों से खिलवाड़ bareilly news
सीवर लाइन की खोदाई में सुरक्षा मानकों से खिलवाड़ bareilly news

जेएनएन, बरेली : शहर के लिए सीवर लाइन जरूरी है। इसके लिए खोदाई। लेकिन, जल निगम हजारों जिंदगियों को दांव पर लगाकर खोदाई करा रहा है। पुलिस लाइन के सामने मानकों से खिलवाड़ कर सड़क 20 फीट से भी अधिक गहराई तक खोद दी। मजदूर तो बिना सुरक्षा उपकरणों के काम कर रही रहे हैं, ऊपर से गुजर रहे वाहनों पर भी अनचाहे हादसे का खतरा मंडराने लगा है। शहर का ट्रैफिक अस्त-व्यस्त है सो अलग। यह हालात सेतु निगम के अफसरों को दिख रहे न प्रशासन और पुलिस के।

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जल निगम ने बीते दिनों पुलिस लाइन के सामने से चौकी चौराहे की ओर ट्रंक सीवर लाइन डालने का काम शुरू किया है। चौड़ी लाइन के लिए गड्ढा चौड़ा तो खोदा ही गया, करीब बीस फीट तक गहरा भी है। सेतु निगम ने खोदाई के दौरान और उसके बाद भी मानकों से खिलवाड़ किया।

न पर्याप्त बैरियर लगाए और न ही नीचे मिट्टी धंसकने से रोकने के इंतजाम किए। दर्जनों मजदूर बिना किसी सुरक्षा उपकरण के काम कर रहे हैं। वहां सड़क का बड़ा भाग खोदा गया है, लेकिन काफी हल्के बैरियर होने से वाहन गड्ढे के पास से गुजरते हैं। ऊपर से दबाव बढऩे पर मिट्टी धंसकने और वाहनों के गिरने का भय बना है।

ठेकेदार ने नहीं दिए उपकरण

साइट पर मजदूर बिना हेलमेट, सेफ्टी जैकेट के काम कर रहे हैं। ठेकेदार ने उन्हें उपकरण ही नहीं मुहैया कराए। मजदूर 20 फीट गहरे गढ्ढे में उतरकर काम करते हैं।

ये होने चाहिए जरूरी सुरक्षा मानक 

पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता हरवंश सिंह के मुताबिक गहराई में काम करते वक्त मजदूरों के सिर पर हेलमेट और शरीर पर सेफ्टी जैकेट जरूरी है। जरूरत पर उन्हें बूट और दस्ताने भी उपलब्ध कराने चाहिए। साइट पर यदि मिट्टी गिरने की आशंका हो तो उसकी सपोर्ट भी लगानी चाहिए। रोशनी के प्रबंधन रहें। गहरी खोदाई के वक्त बाहर पक्की बैरीकेडिंग या फिर भारी बैरियर लगाने चाहिए ताकि वाहन नीचे न गिरने पाएं।

बीसलपुर रोड पर दबे थे छह मजदूर

करीब डेढ़ साल पहले बीसलपुर रोड पर एक मोबाइल कंपनी की लाइन बिछाने के लिए सड़क किनारे गड्ढे खोदे जा रहे थे। अचानक मिट्टी गिरने से छह मजदूरों की दबकर मौत हो गई। बावजूद इसके सुरक्षा मानकों की अनदेखी विभाग कर रहे हैैं। 

गहराई में जहां भी काम कराया जा रहा है वहां सोङ्क्षरग बॉक्स लगाए गए हैं। बैरियर भी ठीक लगाए हैं। अगर कहीं कोई कमी होगी तो ठेकेदार से उसे दूर करवा दिया जाएगा।

संजय कुमार, एक्सईएन, जल निगम

एक साथ छिड़ा काम, बिगड़ी ट्रैफिक की चाल

शहर में चारों प्रमुख मार्गों पर पुल निर्माण ने पहले ही यातायात प्रभावित किया था। चौपुला से चौकी चौराहा के बीच जल निगम की खोदाई ने तो ट्रैफिक सिस्टम की कमर ही तोड़ दिया। रही सही कसर नगर निगम ने पूरी कर दी। किला क्षेत्र में टूटी सड़कों का काम शुरू करा दिया। सिविल लाइंस, कुतुबखाना आने वाली गलियां तक जाम से कराह रहीं।

सरकारी कार्य बता पुलिस ने झाड़ा पल्ला

जल निगम की खोदाई से चौपुला से जंक्शन और चौकी चौराहा जाने वाले दोनों रास्ते आधे से अधिक घिरे हैं। वाहन जोखिम लेने के बावजूद बिना जाम में फंसे नहीं निकल पा रहे। राहगीर दिन भर जाम की समस्या से जूझ रहे हैं। वहीं ट्रैफिक पुलिस ने सरकारी कार्य बताकर पल्ला ही झाड़ लिया।

यातायात निरीक्षक जेएन अस्थाना का कहना है कि सभी विभाग ने उन्हें खोदाई की जानकारी दी है। उन्हें एक साथ खोदाई करने से मना किया था, लेकिन सभी ने समय से सरकारी कार्य पूरा करने का हवाला देकर काम शुरू करा दिया। इसी कारण जाम से निजात नहीं मिल पा रही है।

जाम खुलवाने में छूट रहे पसीने

जाम का आलम यह है कि यातायात पुलिस ने इन दिनों अपना सारा स्टाफ सड़क पर उतार दिया। व्यस्ततम चौराहा होने के साथ दिल्ली व बदायूं का मुख्य मार्ग होने से चौपुला पर जाम खुलवाने में पुलिस को पसीना छूट रहा है।

 रास्ता ही नहीं तो कहां करें रूट डायवर्जन

टीआई कहते हैं कि चौपुला, पुलिस लाइन के सामने और माल गोदाम रोड पर खोदाई ही जाम की मुख्य वजह है। ऐसा कोई मार्ग नहीं, जहां इनका यातायात डायवर्ट किया जा सके। शनिवार दोपहर में हाल यह था कि चौकी चौराहे के पास से बाकरगंज फाटक तक जाम पहुंच गया। स्थिति बेकाबू हुई तो चौकी चौराहे से ट्रैफिक को अयूब खां की तरफ मोड़ा गया। इससे वहां भी जाम लग गया। शाम को लोड कम होने के बाद ही जाम कुछ खुला।


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