Marry Christmas Preparations : जानिए बरेली के इस कलाकार को, जिसने संभाल रखी इजरायल के चर्च में सजावट की जिम्मेदारी
Marry Christmas Preparations सभी धर्मों का सार एक है। आए दिन इसके जीवंत उदाहरण देखने को मिल ही जाते हैं। अवसर क्रिसमस का है तो यीशु की चर्चा होना लाजिमी है। इजरायल में चर्च की सजावट की जिम्मेदारी बरेली के रघुवीर ने संभाल रखी है।
बरेली, अश्विनी शर्मा। Marry Christmas Preparations : सभी धर्मों का सार एक है। आए दिन इसके जीवंत उदाहरण देखने को मिल ही जाते हैं। अवसर क्रिसमस का है तो यीशु की चर्चा होना लाजिमी है। इजरायल में चर्च की सजावट की जिम्मेदारी बरेली के रघुवीर ने संभाल रखी है। उनके बनाए गए मिट्टी के किले व भट्ठे वहां के चर्च में रुहेलखंड की सोंधी मिट्टी व कला की सुगंध बिखेर रहे हैं।
इस साल भी 17 किले, 50 बाउंड्री और 10 ईंट-भट्टे भेजे जा चुके हैं। यह सिलसिला पिछले पांच वर्षों से लगातार चल रहा है। क्रिसमस से कुछ दिन पूर्व इन्हें बरेली से दिल्ली ले जाया जाता है। इसके बाद फ्लाइट से ये इजरायल तक का सफर तय करते हैं। कुम्हार रघुवीर कहते हैं कि किले का सुंदर और मजबूत बनाना बेहद मुश्किल काम हैं। ठंड के मौसम में मिट्टी के बने किसी भी सामान को पकाना आसान नहीं होता।
इसमें कुम्हारों काे नुकसान भी उठाना पड़ता है। क्याेंकि एक समान तापमान नहीं मिल पाता। इसकी वजह से कई किले पकाने के दौरान धराशायी हो जाते है। कैंट के धोपेश्वर मंदिर के पास इन किलों को बनाया जा रहा है। महज 250 रुपये कीमत के ये किले यीशु के जन्मस्थल की संस्कृति को जीवंत कर देते हैं।
रघुवीर ने बताया- पहले राजस्थान से जाता था सामान
रघुवीर बताते हैं कि पहले सामान राजस्थान से जाता था, पर स्थानीय चर्च के पदाधिकारियों के माध्यम से उन्हें इजरायल का आर्डर मिलने लगा।
पिछले से यह काम कर रहे हैं। पहले काम देखते थे। मिट्टी के ये किले इजरायल के चर्च में जाते हैं। प्रति किला 250 रुपये का है। साथ ही 50 बाउडी और भट्टे भी बनाए जाते हैं। इस काम से जहां हमारी आजीविका चलती है, वहीं मन को भी सुकून मिलता है। - रघुवीर प्रजापति, कुम्हार, केंट, बरेली
बरेली से जाता है आराधना का और भी सामान
इजरायल के चर्च में यीशु की आराधना के लिए बरेली से लोहबान, सोना व मूर (सुगंधित पदार्थ) भी भेजा जाता है। बाइबल में यीशु को कुम्हार के रूप में वर्णित किया गया है, जो मानव व प्रकृति को गढ़ता है। हम उसी के बंदे महत्व देते हैं। कुम्हार को हन वरीयता हैं। इसलिए अनुयायी कुम्हारों को विशेष देते हैं। इजरायल की आराधना करने की पद्धति थोड़ी अलग है। बरेली से पूजा के अन्य सामान भी इजरायल जाते हैं। -क्लेरेंस पीटर, लोकल पीचर केंट, बरेली