Weather : मौसम वैज्ञानिकों ने जताया अनुमान 26 मई को 46 पर पहुंचेगा पारा Bareilly News
मौसम वैज्ञानिक डॉ संदीप सिंह के मुताबिक 26 मई को पारा 46 डिग्री पहुंचने का अनुमान है। इसी दिन से लू चलने के आसार बन रहे हैं।
बरेली, जेएनएन। जेठ माह में गर्मी चरम पर होती है। तपिश लू की जुगलबंदी कहर ढाती है। खासकर दोपहर में बाहर निकलना बेहद मुश्किल हो जाता है। लेकिन इस साल ऐसा नहीं है। आधा जेठ बीतने को है, लेकिन वह पिछले तीन-चार दिन से ही है। पिछले वर्षों की तुलना में तापमान भी इस महीने कुछ कम है। हां दोपहर में थोड़ी मुश्किल जरूर आ रही है।
लेकिन यह भी बीते सालों की तुलना में कम है जहां हर साल मई के मध्य तक कई बार पारा 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा था। वहीं इस बार 40 डिग्री तक ही पहुंचा। मौसम वैज्ञानिक डॉ संदीप सिंह के मुताबिक 26 मई को पारा 46 डिग्री पहुंचने का अनुमान है। इसी दिन से लू चलने के आसार बन रहे हैं वहीं लखनऊ मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ की वजह से अभी तक नहीं चली है।
लू चलने से होने वाले फायदे कृषि वैज्ञानिक डॉ आर के सिंह बताते हैं लू चलने से खरबूजा और तरबूज में कुल घुलनशील लवणों की मात्रा बढ़ती है जिससे उनमें मिठास ज्यादा होती है लू के दौरान इन फलो की डिमांड भी बढ़ती है। इसके साथ ही फसलों में बीमारियां कम होती है, क्योंकि नुकसान पहुंचाने वाले कीटों की मृत्यु दर अधिक होती है।
लू से कुछ नुकसान भी कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि लू चलने से जमीन और पौधे से पानी का वाष्पन काफी तेजी से होता है और पौधा पानी की कमी से जूझता है। इससे लीची व आम का आकार छोटा रह जाता है। फलों के गिरने की भी समस्या होती है। बैंगन और टमाटर में फल कम लगते हैं वहीं स्वास्थ्य के लिहाज से भी नुकसानदायक है
यह कीट पहुंचाते फसलों को नुकसान फसलों में इस समय यारिफ्टिस, मामू, जेसिड, सफेद मक्खी, मकड़ी आदि का प्रकोप होता है यूं ना चलने से यह क्यूट काफी बढ़ जाते हैं तो फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं।
फसल बचाव के लिए करें उपाय न्यू से होने वाली हानि से फसलों को बचाने के लिए पोटेशियम सल्फेट का एक प्रतिशत घोल छिड़कना चाहिए साथ ही समय-समय पर पौधों फसलों को पानी देते रहना चाहिए।