खाते से 'करोड़ों' हथियाने के लिए दोस्तों ने रची साजिश, MBBS छात्र को किया किडनैप; ऐसे हुआ खुलासा
बरेली में एमबीबीएस के एक छात्र का उसके सहपाठी ने अपहरण कर लिया। सहपाठी ने छात्र के खाते में करोड़ों रुपये होने की अफवाह सुनकर फिरौती के लिए अपहरण किया था। बदमाशों ने छात्र से 60 हजार रुपये यूपीआई के माध्यम से ट्रांसफर करवा लिए और उसके पिता से 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए छात्र को छुड़ा लिया और एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

जागरण संवाददाता, बरेली। एमबीबीएस छात्र के बैंक खाते में करोड़ों रुपये हैं, इस चर्चा ने उनकी जिंदगी खतरे में डाल दी। उसके सहपाठी ने बैंक खाते के करोड़ों रुपये लूटने के लिए बाहर के अन्य बदमाशों के साथ उनका अपहरण कर लिया।
उन्हें घंटों चलती कार में धमकाया, यूपीआइ के माध्यम से 60 हजार रुपये भी अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर लिए। छात्र गिड़गिड़ाता रहा कि उसके खाते में ज्यादा रुपये नहीं हैं, इसके बाद आरोपितों ने उनके पिता को भी फोन कर 50 लाख की फिरौती मांगी।
पुलिस की गाड़ियों को देख आरोपित उन्हें सूनसान स्थान पर छोड़कर फरार हो गए। पुलिस ने उसके सहपाठी को गिरफ्तार कर लिया है। उसे व एक अन्य को नामजद करते हुए अज्ञात में प्राथमिकी लिखी गई है।
महाराष्ट्र के अहिल्यानगर के सोनई गांव निवासी गौरव वरपे राजश्री मेडिकल कालेज में एमबीबीएस छात्र हैं। गौरव ने बताया कि कुछ छात्रों ने चर्चा फैला दी कि उनके खाते में करोड़ों रुपये हैं। कभी-कभार सहपाठी इस बारे में पूछते तो मजाक कहकर टाल देता था।
रविवार शाम करीब चार बजे गौरव अपने बैचमेट दिविज बहल और गौरवेंद्र सिंह के साथ स्कूटी से घूमने के लिए निकले थे। वहां से लौटते समय राधा कृष्ण मंदिर से थोड़ा आगे एक ईको कार उनके पास आई और तीनों को जबरन कार में बैठा लिया। इसके बाद वह सूनसान रास्तों पर कार को घुमाते रहे।
इस बीच आरोपितों ने गौरव के खाते का यूपीआइ पिन पूछा और अगल-अलग खातों में रुपये ट्रांसफर कर लिए। इसमें दिविज भी उनके साथ शामिल था। आरोप है कि दिविज बदमाशों में से एक बदमाश को बार-बार सोनू के नाम से बुला रहा था।
तब उन्हें इस बात की जानकारी हुई बदमाशों के साथ दिविज भी मिला हुआ है। आरोप है कि दिविज ने गौरव को छोड़ने के लिए उनके पिता व दोस्त कपिल को फोन कर 50 लाख रुपये की फिरौती भी मांगी। साथ ही यह भी धमकी दी कि अगर इस बारे में किसी को बताया तो वह उसे जान से मार देगा।
आरोपित रातभर गौरव को बंधक बनाए रहे। इसी बीच सोमवार को जब पुलिस को सूचना मिली तो सर्विलांस की मदद से आरोपितों की खोज शुरू हुई। जब अपने आस-पास आरोपितों ने पुलिस की गाड़ियों को देखा तो गौरव को छोड़ दिया। पुलिस ने गौरव के शिकायती पत्र पर दिविज और सोनू को नामजद करते हुए अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी लिखकर दिविज को हिरासत में लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है।
सर्विलांस की मदद से जंगल के बाहर गौरव को तलाश लिया गया, जबकि कार मालिक भाग गया। गौरव के शिकायती पत्र के आधार पर दो लोगों को नामजद करते हुए प्राथमिकी लिखी है। आरोपितों से पूछताछ की जा रही है।
-शिवम आशुतोश, सीओ हाईवे।
काफी कर्ज में है दिविज, सस्ते में जूतों को मंगाकर महंगे में बेचता
पुलिस की अभी तक की जांच में सामने आया है कि इस अपहरण की कहानी दिविज ने ही रची थी। इस पूरे घटनाक्रम का मुख्य षड्यंत्रकर्ता दिविज ही है। उसी ने अपने बाहरी कुछ दोस्तों को फोन कर पूरी योजना के बारे में बताया और इस घटना को अंजाम दिया।
पुलिस ने इसका कारण पूछता तो दिविज ने बताया कि वह सस्ते में जूते मंगाता है और उन्हीं जूतों को महंगे में बेचकर मोटी कमाई करता है। इस बीच उस पर काफी कर्ज हो गया था। जिसे निपटाने के लिए परिवार वालों से और रुपये मांगने की हिम्मत नहीं थी, इसलिए उसने यह षड्यंत्र रचा। आरोपित को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि पुलिस उसे ट्रेस कर लेगी।
पहला अपराध और अपने ही फोन से मांग ली फिरौती, फंसा
दिविज को उसके माता-पिता ने डाक्टर बनने के लिए भेजा था, इस बात का अंदाजा उन्हें भी नहीं था कि उनका बेटा डाक्टर नहीं बल्कि अपराधी बन रहा है। उसने पहली बार अपराध की दुनिया में कदम रखा था।
जानकारी नहीं होने चलते उसने नादानी में अपने ही फोन से फोन कर फिरौती मांगी और इसी में फंस गया। फिरौती मांगने के बाद आरोपित ने अपना मोबाइल भी बंद नहीं किया और लगातार उससे संपर्क कर रहा था। पुलिस ने उसे पीड़ित समझकर ट्रेस किया तो पूरी कहानी का रजाफाश हो गया।

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