Online Fraud : मास्टर वॉलेट डॉट कॉम ने ऐसे किया लाखों का खेल... पुलिस के सामने आयी ये हकीकत Bareilly News
चिकित्सकों समेत कई लोगों को ठगने वाले को क्राइम ब्रांच ने दबोच लिया है। उसने मास्टर वॉलेट डॉट कॉम नाम की फर्जी कंपनी बनाकर चिकित्सक से 20 लाख रुपये ठगे थे।
जेएनएन, बरेली : चिकित्सकों समेत कई लोगों को ठगने वाले को क्राइम ब्रांच ने दबोच लिया है। उसने मास्टर वॉलेट डॉट कॉम नाम की फर्जी कंपनी बनाकर चिकित्सक से 20 लाख रुपये ठगे थे। जांच में क्राइम ब्रांच को कई और ऐसे नाम मिले जिनसे इस कंपनी के जरिए करोड़ों रुपये की ठगी की गई है। पुलिस ने ठगी के इस आरोपित को जेल भेज दिया है।
जनवरी 2019 में दंत चिकित्सक महेश गौतम ने सुभाष नगर निवासी पवन कुमार समेत दस लोगों के खिलाफ ठगी का मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाए थे कि पवन कुमार व कंपनी के एमडी परविंदर सिंह सिद्धू और मैनेजर इंदजीत सिंह ने उससे बीस लाख रुपये ठगे हैं। बताया कि इन लोगों ने बताया कि इसमें निवेश करने से लाभ होगा। विश्वास के चलते धीरे धीरे करके करीब पांच किस्तों में बीस लाख रुपये निवेश कर दिए। इसके अलावा कई महीने तक कोई लाभ भी नहीं हुआ।
इसके बाद चिकित्सक महेश गौतम ने पुलिस से शिकायत की।मुकदमे की जांच कर रहे क्राइम ब्रांच के इन्वेस्टिगेशन विंग के निरीक्षक एस के कटियार ने गुरुवार को पवन को पकड़ लिया। उन्होंने बताया कि कंपनी पूरी तरह से फर्जी थी। इसका ऑफिस चंडीगढ़ में बनाया गया था, जो कि अब बंद हो चुका है। बताया कि चंडीगढ़ जाने पर पता चला कि परविंदर और इंद्रजीत दोनों ही यमुना नगर के रहने वाले हैं, उनकी तलाश की लेकिन वह नहीं मिले। बताया कि इन दोनों समेत अन्य आरोपितों की तलाश जारी है। जल्द ही इन्हें पकड़ लिया जाएगा।
सीए हर्ष विजय अग्रवाल ने मुकदमा दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि सुमित ने स्वास्थ्य जीवन इंडिया निधि लिमिटेड कंपनी के नाम पर दस लाख से अधिक रुपये ठग लिए थे। इस जांच में भी सामने आया है कि सुमित कई लोगों से करोड़ों रुपये ठग चुका है।
मददगार व्यापारियों पर भी कसेगा शिकंजा : मोटे कमीशन के लालच में ठगी के रुपये को अपने खाते में डलवाकर ठगों को रुपये उपलब्ध कराने वाले व्यापारियों के खिलाफ पुलिस अब सख्त कार्रवाई करेगी। डीजीपी ने ऐसे लोगों को चिन्हित कर मुकदमे में नाम खोल उनकी गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं। आरोप है कि ज्यादातर ठगी के मामलों में पुलिस उन पर कार्रवाई नहीं करती हैं, जो ठगी के रुपये अपने खातों में डलवाते हैं। कोर्ट की सख्ती के बाद डीजीपी ने ऐसे लोगों को अब मुकदमे में आरोपित बनाने को कहा है।