स्मार्ट सिटी की राह में रोड़ा बना कोरोना, कई प्रोजेक्ट के दोबारा टेंडर
कोरोना की वजह से शहर को स्मार्ट सिटी बनाने का काम रफ्तार नहीं पकड़ रहा है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के टेंडर में कंपनियां हिस्सा नहीं ले रही हैं। ऐसे में कई प्रोजेक्ट के दोबारा टेंडर निकाले गए हैं।
बरेली, जेएनएन : कोरोना की वजह से शहर को स्मार्ट सिटी बनाने का काम रफ्तार नहीं पकड़ रहा है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के टेंडर में कंपनियां हिस्सा नहीं ले रही हैं। ऐसे में कई प्रोजेक्ट के दोबारा टेंडर निकाले गए हैं।
अपराध पर लगाम लगाने और शहर की हर गतिविधि की मॉनीटरिग करने के लिए इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर बनाया जाना है। इसकी लागत 180 करोड़ रुपये है। हालांकि दो ही कंपनियों के भाग लेने से अभी टेंडर फाइनल नहीं हो पाया है। क्योंकि पहली बार टेंडर में कम से कम तीन कंपनियों का हिस्सा लेना जरूरी है। अब दोबारा टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। 50 मशीनों के लिए भी होगा दोबारा टेंडर
शहर के मुख्य मार्गो पर लोगों के हाथों को सैनिटाइज करने और उनका तापमान चेक करने के लिए मशीनें लगाई जानी हैं। एक मशीन की कीमत करीब 20 हजार रुपये है। इसके लिए भी दोबारा टेंडर निकाले जाएंगे। पुल कनेक्टिविटी के लिए भी फिर से होगा टेंडर
जिला अस्पताल के दोनों परिसरों को जोड़ने के लिए पुल कनेक्टिविटी दी जाएगी। जिला अस्पताल का परिसर सड़क के दोनों तरफ है। ऐसे में कई बार मरीजों को सड़क पार करके दूसरी तरफ जाने में परेशानी होती है। इस प्रोजेक्ट के लिए भी दोबारा टेंडर किया गया है। वहीं शहर में बनने वाले मैटेरियल रिसीव फैकेल्टी के लिए भी दोबारा टेंडर हुआ है। वर्जन
कोरोना काल में कंपनियां टेंडर में दिलचस्पी नहीं ले रही हैं। पहली बार में अगर तीन से कम कंपनियां आती हैं तो दोबारा टेंडर करने का प्रावधान है। इसलिए दोबारा टेंडर किए गए हैं।
संजय सिंह चौहान, जीएम, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट।