Make Small Strong : पाकिस्तान से एक पेटी दवा लेकर आए, अब चार मेडिकल स्टोर
देश विभाजन के बाद जब पाकिस्तान के गुजराला शहर से कस्तूरी लाल पाहवा भारत आकर बसे तो राशन था न बिस्तर। खाली पेट और खुली छत की टीस बेहद करीब से महसूस की। पाकिस्तान में उनका दवा का बड़ा कारोबार था।
बरेली, जेएनएन। देश विभाजन के बाद जब पाकिस्तान के गुजराला शहर से कस्तूरी लाल पाहवा भारत आकर बसे तो राशन था, न बिस्तर। खाली पेट और खुली छत की टीस बेहद करीब से महसूस की। पाकिस्तान में उनका दवा का बड़ा कारोबार था। विभाजन के बाद बरेली पहुंचे तो साथ में महज एक पेटी में दवाएं। यहां आकर उन्होंने 1950 में कुतुबखाना में इंडिया मेडिकल स्टोर खोला, 1952 में इसे जनता मेडिकल हाल का नाम दिया गया। वहां से शुरू हुआ सफर स्व.कस्तूरी की मौत के बाद थमा नहीं बल्कि उनके बेटे व पौत्रों ने चार जनता मेडिकल हॉल तक पहुंचाया है। जल्द ही एक और मेडिकल हॉल बन रहा। यह पूरी तरह निचले व मध्यम वर्ग के लोगों को समर्पित होगा।
कोरोना संक्रमण काल में लोगों को घर से निकलने की मनाही थी। ऐसे में जनता मेडिकल हॉल के अनिल कुमार पाहवा व उनके बेटे, भतीजों विकास, गगन, सुमित, इशू, हर्षित आदि तकनीक के जरिये ग्राहकों से जुड़े। जरूरी दवाओं की होम डिलीवरी की। इसका अतिरिक्त चार्ज भी नहीं लिया। सुमित ने बताया कि 2004 में शील चौराहा, 2016 में पीलीभीत बाईपास रोड, 2019 में मिनी बाईपास पर जनता मेडिकल हॉल खोला। कोरोना काल में जहां शारीरिक दूरी व सावधानी के साथ लोगों को स्टोर पर दवा दी गई।
सभी स्टोरों पर मिलेंगी जेनेरिक दवाएं
सुमित बताते हैं कि कोरोना में कई लोगों को नौकरी गई है तो कई का व्यापार ठप हो गया है। ऐसे में लोगों को सस्ती दर पर दवाएं मिल सकें, इसलिए उनके सभी स्टोरों पर अब जेनेरिक दवाएं भी आसानी से मिल सकेंगी। जिससे लोगों को काफी राहत मिलेगी।
मोबाइल एप भी बन रहा, फ्री होम डिलीवरी रहेगी जारी
जनता होम्यो हाल की वेबसाइट व गूगल प्ले स्टोर पर जल्द एप भी उपलब्ध होने वाला है। जिससे लोग घर बैठे दवाएं व अन्य जरूरी चीजों का आर्डर कर सकेंगे। न्यूनतम ऑर्डर की शर्त भी नहीं रखने की योजना है। निश्शुल्क होम डिलीवरी के साथ छूट देने की भी तैयारी की जा रही है।