इंटरनेट पर छाया 'मधु का पांचवां बच्चा', सीएम योगी के दखल पर मिला दाखिला
Madhu Ka Panchva Bachcha Inside Story पंजाब में बने आधार कार्ड से मधु का पांचवां बच्चा पल भर में इंटरनेट के जरिए पूरे देश में छा गया। जिसके बाद मामला यूपी सीएम याेगी आदित्यनाथ के पास पहुंचा।
बरेली, जेएनएन। Madhu Ka Panchva Bachcha Inside Story :पंजाब में बने आधार कार्ड से मधु का पांचवां बच्चा चंद घंटों में ही पूरे देश में छा गया। जिसको लेकर टीवी चैनलों में बहस छिड़ गई। मामला सीएम योगी आदित्यनाथ के पास भी पहुंच गया।आइए जानते है कौन है मधु और सुर्खियों में कैसे आया उसका पांचवां बच्चा?
दरअसल मधु बदायूं के अंबियापुर ब्लाक के रायपुर बुजुर्ग में रहने वाली एक साधारण महिला है।जो अपने पति दिनेश व बच्चों के साथ गांव में रहती है। मधु ने अपने पांचवें बच्चे यानि आरती को जन्म दिया।जिसके कुछ दिनों बाद आरती ने पंजाब में ही उसका आधार कार्ड बनवा लिया।आधार कार्ड बनवाने के बाद उसने उसे बिना देखे ही रख लिया।आरती के बड़े होने पर वह उसका दाखिला कराने स्कूल पहुंची तो वहां के शिक्षक आधार कार्ड पर बच्ची का नाम पढ़कर चौंक गए।बस यहीं से मधु का पांचवां बच्चा सुर्खियों में आ गया।
आधार कार्ड पर लिखा था 'मधु का पांचवां बच्चा'
मधु और दिनेश ने स्कूल के शिक्षक को जो आधार कार्ड दिया उस पर बच्ची के नाम की जगह लिखा था मधु का पांचवां बच्चा।यह देख हैरानी में आए शिक्षकों ने उन्हें भी इस बात से अवगत कराया।इसके बाद शिक्षकों ने इसे आधार कार्ड में लापरवाही मानते हुए लोगों को इंटरनेट मीडिया पर सावधान करना शुरू कर दिया।मामला जागरण के पास आया।तो जागरण ने इस मामले को प्रसारित किया।इसके साथ ही प्रमुखता से प्रकाशित भी किया।जिसके बाद मामला मीडिया में छा गया।
टीवी चैनलों में शुरू हो गई पांचवें बच्चे पर बहस
आधार कार्ड में नाम की जगह लिखे मधु के पांचवां बच्चे पर बहस शुरू हो गई। टीवी चैनलों में इसे लापरवाही बताया जाने लगा तो किसी ने सिस्टम पर सवाल खड़े करना शुरू कर दिए। मामला सीएम योगी आदित्य नाथ के पास पहुंच गया।जिसके कुछ देर बाद डीएम ने आदेश जारी किए। इसके बाद बच्चे का एडमिशन होने के साथ-साथ आधार में नाम भी संशोधित हो गया।इस पूरे मामले के दौरान आधार की प्रक्रिया से जुड़ी नई जानकारी भी लोगों के संज्ञान में आई।
गलती नहीं, बल्कि आधारबद्ध प्रकिया है ये नाम
आधार कार्ड पर अंकित जिस नाम (मधु का पांचवां बच्चा) को लेकर लापरवाही व शरारत जैसे कयास लगाए जा रहे थे। उन पर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ के उप महानिदेशक ले.कर्नल प्रशांत सिंह ने जानकारी देकर विराम लगा दिया। उन्होंने स्थिति को स्पष्ट करते हुए बताया कि ये कोई लापरवाही नही है और ना ही कोई गलती है। आधारबद्ध जन्म पंजीकरण (एल्बर आधार लिंक्ड बर्थ रजिस्ट्रेशन) में इसी तरह की व्यवस्था है, जिसमें बच्चे के नाम की जगह माता का नाम और उसकी संतान की संख्या लिख दी जाती है।
जिसे बाद में खुद ही संशोधित कराना पड़ता है। हालांकि इसकी जानकारी बहुत कम लोगों को है। चूंकि काफी मामलों में बच्चों का नाम रखने को लेकर माता-पिता असमंजस की स्थिति में होता है। जिसके चलते आधार कार्ड बनवाने के दौरान बच्चे के नाम की जगह मां और उसकी संतान की संख्या लिख कर कार्ड जारी कर दिया जाता है।