अशोक की लाट लगी कार में कॉपी जांचने यूनिवर्सिटी पहुंचीं मैैडम, छिड़ी बहस
एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय में सोमवार को एक मैम अशोक की लाट लगी कार में मूल्यांकन करने पहुंचीं। इसको लेकर बहस छिड़ गई।
जेएनएन, बरेली : एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय में सोमवार को एक मैम अशोक की लाट लगी कार में मूल्यांकन करने पहुंचीं। जैसे ही उनकी गाड़ी गेट से कैंपस में दाखिल हुई, अशोक की लाट देखकर पहले तो कर्मचारी सकपकाए। बाद में जब कर्मियों ने उनसे पूछा तो बताया कि कॉपी जांचने आई हैं। इस पर कर्मचारियों ने विरोध किया और अशोक की लाट लगाने की वजह पूछी। इसको लेकर बहस भी हुई।
मैडम समाजशास्त्र की शिक्षिका हैं। वह पीलीभीत के एक कॉलेज में पढ़ाती हैं। कर्मचारियों को उन्होंने बताया कि वह जेल में विजिटर हैं। इसी हैसियत से अशोक की लाट का उपयोग करती हैैं। उन्हें इसकी अनुमति मिली हुई है। काफी देर बहस के बाद मामला शांत हुआ और मैम कॉपी जांचने केंद्र पर चली गईं।
कौन कर सकते चिह्न का उपयोग
अशोक चिह्न का उपयोग राष्ट्रपति, गृह मंत्रालय या विदेशी प्रतिनिधियों के वाहनों पर करने की इजाजत है। इसके साथ ही राज्यपाल, कैबिनेट के सदस्य आदि। यानी संवैधानिक पदों पर आसीन देश की बड़ी शख्सियतें के वाहनों पर ही इस चिह्न का उपयोग हो सकता है।
मूल्यांकन की बढ़ी रफ्तार
रुविवि में मूल्यांकन के लिए शिक्षकों का संकट दूर हो गया है। परीक्षा नियंत्रक संजीव कुमार के मुताबिक चारों केंद्रों पर पर्याप्त परीक्षक कॉपी जांच रहे हैं।