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Lockdown Employment : जरूरत के हिसाब से तराशा जाएगा हुनर मिलेगा रोजगार Bareilly News

प्रवासियों का हुनर अब जरूरत के हिसाब से तराशा जाएगा। जिससे उन्हें न सिर्फ रोजगार मिले बल्कि वह खुद उद्यम शुरू करके दूसरों को भी रोजगार दे सकें। हर हाथ को काम मिल सके।

By Ravi MishraEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 11:03 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 11:03 PM (IST)
Lockdown Employment : जरूरत के हिसाब से तराशा जाएगा हुनर मिलेगा रोजगार Bareilly News
Lockdown Employment : जरूरत के हिसाब से तराशा जाएगा हुनर मिलेगा रोजगार Bareilly News

बरेली, जेएनएन। Lockdown Employment in Bareilly :  प्रवासियों का हुनर अब जरूरत के हिसाब से तराशा जाएगा। जिससे उन्हें न सिर्फ रोजगार मिले बल्कि वह खुद उद्यम शुरू करके दूसरों को भी रोजगार दे सकें। हर हाथ को काम मिल सके। इसके लिए इन प्रवासियों की स्किलमैपिंग हो रही। अब तक करीब 23 हजार प्रवासियों कीमैपिंग की जा चुकी है। अब इन प्रवासियों को उनके स्किल के मुताबिक ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंगमें प्रवासियों को बाजार के तकनीकि पहलू और डिमांड के बारे में जानकारी दी जाएगी। किस तरह संवाद और मार्केङ्क्षटग करनी है, इस पर खास जो रहेगा।

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पहले पूछा जा रहा, क्या करना चाहते हैैं

स्किलमैपिंग करते समय इन लोगों से यह भी पूछा जा रहा है कि वह अब क्या काम करना चाहते हैं। ज्यादातर लोगों ने पहले से जो काम कर रहे है। उसमें रुचि दिखाई है। वहीं कुछ लोगों ने ट्रेनिंगके बाद स्वरोजगार शुरु करने की इच्छा जताई। ट्रेनिंग देकर सभी का सेवा मित्र एप में रजिस्ट्रेशन करवाया जाएगा। जहां कंपनियां जरूरतमंदों का ऑनलाइन चयन करेंगी। औद्योगिक इकाइयों में प्रवासियों को समायोजित किया जाएगा।

 लोगों को घर बैठे मिलेंगे जरूरत के नंबर

स्किल मैपिंग में बीस प्रतिशत प्रवासी मोबाइल मैकेनिक, प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन, पेंटर, दर्जी, कारपेंटर, जिम ट्रेनर, ज्वैलरी बनाने का काम करने और राजमिस्त्री हैैं। इनमें से कुछ विद्यार्थी भी हैैं। यही नहीं रोजमर्रा के काम में आने वाले इन लोगों के नाम, ट्रेड और मोबाइल नंबर से युक्त एक पोर्टल भी बनेगा। जिससे लोग इन सेवाओं का लाभ ले सकेंगे। रोजगार देने के लिए प्रवासियों का डाटा तैयार किया जा रहा है। जिसकी कवायद श्रम विभाग द्वारा की जा रही है। जिससे उन्हें रोजगार देने के लिए पंजीकृत किया जा सके।    

स्किलमैपिंग के बाद इन लोगों को रोजगार स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा।मैपिंग से हमारे पास यह भी रिकार्ड होगा कि हमारे यहां किस स्किल के कितने लोग हैं। इसका हम योजनाओं में इस्तेमाल कर सकेंगे।

-चंद्रमोहन गर्ग, मुख्य विकास अधिकारी


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