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शाहजहांपुर में खतरे में जान, उम्र पूरी कर चुके पुलों पर दौड़ रहे वाहन, जानिए ब्रिटिश कालीन जर्जर पुलों के हाल

रामगंगा पर बना पुल धंसने के बाद जांच टीमें गठित कर दी गईं हैं। विभागीय अधिकारी एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं लेकिन जिले में तमाम ऐसे पुल भी हैं जो अपनी उम्र पूरी कर चुके हैं। इनमें कुछ ब्रिटिशकाल में बने हुए हैं।

By Ravi MishraEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 04:46 PM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 04:46 PM (IST)
शाहजहांपुर में खतरे में जान, उम्र पूरी कर चुके पुलों पर दौड़ रहे वाहन, जानिए ब्रिटिश कालीन जर्जर पुलों के हाल
शाहजहांपुर में खतरे में जान, उम्र पूरी कर चुके पुलों पर दौड़ रहे वाहन

शाहजहांपुर, जेएनएन। रामगंगा पर बना पुल धंसने के बाद जांच टीमें गठित कर दी गईं हैं। विभागीय अधिकारी एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं, लेकिन जिले में तमाम ऐसे पुल भी हैं जो अपनी उम्र पूरी कर चुके हैं। इनमें कुछ ब्रिटिशकाल में बने हुए हैं। जर्जर हो चुके पुलों पर रोजाना सैंकड़ों की संख्या में वाहन गुजरते हैं। नए पुल बनवाने के प्रस्ताव तैयार हो चुके हैं, पर कहीं मंंजूरी नहीं मिल रही तो कहीं बजट स्वीकृत होने के बाद भी निर्माण नहीं शुरू हो पा रहा। सोमवार को हुई घटना के बाद अब लोगों ने जर्जर पुलों से मुक्ति दिलाने की मांग की है।

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60 मीटर लंबाई तक के पुल लोक निर्माण विभाग कराता है। जबकि इससे अधिक लंबाई के पुल सेतु निगम से बनते हैं। इन पुल को बनवाता तो सेतु निगम है, लेकिन अधिकांश में मेंटीनेंस नोडल विभाग के रूप में लोक निर्माण विभाग करता है। अगर जिले की बात करें तो यहां कई बड़े पुल सेतु निगम ने बनवाएं है। जबकि कुछ का निर्माण अभी चल रहा है, लेेकिन सेतु निगम के अधिकारी यहां नहीं मिलते। वे निर्माण के बाद अधिकांशत: बरेली कार्यालय में बैठते हैं।

टल गया बड़ा हादसा

महज 12 साल में रामगंगा पर बना पुल धंसने से शासन तक खलबली मच गई। वह तो गनीमत थी कि गनीमत थी कि रात का समय था। अगर दिन होता तो बड़ा हादसा हो सकता था। क्योंकि इस पुल पर पूरे दिन वाहनों का सबसे ज्यादा दबाव रहता है। कई बार जाम भी लगता है। ऐसे में स्थिति गंभीर हो सकती थी।

पुराने हो गए शहर के पुल

अगर शहर की बात करें तो यहां खन्नौत नदी पर बने लोदीपुर व पक्का पुल पुराने हो चुके हैं। इन पर पूरे दिन में शहर का काफी ट्रैफिक गुजरता है। हालांकि समय-समय पर मरम्मत की मांग होती रही है, लेकिन अभी ध्यान नहीं दिया जा रहा। गर्रा नदी पर पुराना पुल निष्प्रयोज्य घोषित हो चुका है। उस जर्जर पुल पर वेंडिंग जोन बनाकर सब्जी बाजार खोल दी गई है। नए पुल पर भी एक दो जगह सरिया दिखने लगी है।

जर्जर पुल बन रहा हादसों का कारण

शाहजहांपुर पलिया राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित भैंसी नदी पर ब्रिटिश काल में बना भैंसी पुल पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। हर पांच से छह माह में इसके पटले व चादर टूटने पर उनकी मरम्मत कराई जाती है, लेकिन पुल नहीं बनवाया जा रहा। लोक निर्माण विभाग के जेई भीमराव ने बताया कि पुल 70 साल से अधिक पुराना है। नए पुल का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण कराएगा। इस जर्जर पुल का मुद्दा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के सामने भी उठ चुका है। पहले लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड से इस पुल को स्वीकृति मिली थी तब इसे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण में जाने के कारण रोक दिया गया था।

सिंधौली : शाहजहांपुर से पुवायां मार्ग पर खन्नौत नदी पर बेहद संकरा पुल है। यहां एक बार में एक ही वाहन गुजर सकता है। लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता एम रहमान ने बताया कि इसका निर्माण लगभग 1940 में हुआ था। पुल की मियाद 70 साल तक मानी जाती है। पास में दूसरा बड़ा पुल स्वीकृत है, लेकिन क्यों नहीं बन पा रहा इस बारे में सेतु निगम या राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी ही बता सकते हैं।

निगोही : पीलीभीत-शाहजहांपुर मार्ग पर निगोही में कैमुआ नाले पर बना संकरा पुल 100 साल से भी अधिक पुराना बताया जाता है। यह पुल कमजोर हो चुका है। इसके पास में नए पुल का निर्माण चल रहा है, लेकिन कब पूरा होगा पता नहीं। जर्जर पुल से वाहन गुजरते समय हादसे का डर बना रहता है।


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