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Nodal Officer in Bareilly : लेखपाल बरेली रहते हैंं इन पर कार्रवाई करो

Nodal Officer in Bareilly किसानों से नोडल अधिकारी ने पूछा कि वरासत में कोई दिक्कत हो तो हमें बताएं। सामने आया कि वीरेंद्र की मांं केकई की मृत्यु 15 साल पहले हो गई थी लेकिन वरासत नहींं बन सकी है। गांंव वालों ने बताया कि लेखपाल बरेली रहते हैंं।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Mon, 28 Dec 2020 03:05 PM (IST)Updated: Mon, 28 Dec 2020 03:05 PM (IST)
Nodal Officer in Bareilly : लेखपाल बरेली रहते हैंं इन पर कार्रवाई करो
नोडल अधिकारी ने एसडीएम से पूछा कि लेखपाल फिर सस्पेंड करआओगे क्या?

बरेली, जेएनएन। Nodal Officer in Bareilly : बरेली में समीक्षा बैठक के बाद नोडल अधिकारी नवनीत सहगल गुड़वारा ग्राम पंचायत में किसानों के बीच पहुंचे। किसानों से बात की और उनकी समस्‍याएं सुनीं। किसानों से उन्‍होंने पूछा कि वरासत में कोई दिक्कत हो, तो मैं आपके बीच हूं, हमें बताएं। इस पर सामने आया कि वीरेंद्र की मांं केकई की मृत्यु 15 साल पहले हो गई थी लेकिन वरासत नहींं बन सकी है। इस पर नोडल अधिकारी ने एसडीएम से पूछा कि लेखपाल फिर सस्पेंड करआओगे क्या? गांंव वालों ने बताया कि लेखपाल तो बरेली रहते हैंं। इस पर नोडल अधिकारी भड़क गए और लेखपाल पर कार्रवाई के लिए एसडीएम से कहा। बोले वरासत किसी की नही रुकेगी, सभी अपनी वरासत बनवा लोजिये। इसलिए आज ये लेखपाल आपके पास आए हैंं, पहले कभी आए क्या? इस पर ग्रामीणों ने चुप्‍पी साध ली। अधिकारी भी कुछ नहीं बोले। यहां के बाद नोडल अधिकारी बहेड़ी मंडी पहुंचे। यहां पर उन्‍हें किसानों ने समस्याओं को लेकर घेर लिया। कहा, पांच दिन से मंडी में पड़े हैंं, धान खरीद नहींं हो रही। कोई अधिकारी भी इस ओर ध्‍यान नहीं दे रहा। इस पर एफसीआई के अधिकारियों ने सफाई दी। बताया कि यहां एक ही कांटा है। यह सुनकर नोडल अधिकारी ने कांटे बढ़ाने के लिए कहा। अधिकारियों से पूछा किसान क्यो इंतजार करे। अधिकारियों को हड़काया। किसानों के मोबाइल फोन में अपना नंंबर फीड कराया। बोले कि मैं कहींं भी रह सकता हूं, लेकिन आप लोग अपनी बात लिखकर भेजते रहिये।

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किसान को मैन्युअल पर्ची क्योंं, कंप्यूटर से क्योंं नही दी जा रही

बहेड़ी के कनमन गांव में गन्ना खरीद केंद्र पर भी नोडल अधिकारी पहुंंचे। यहां प्रभारी हरी बाबू से उन्होंने पूछा कि मैन्युअल पर्ची क्योंं दे रहे हो, कंप्यूटराइज्ड क्योंं नहींं देते। यहां लिया जाने वाला गन्ना केसर शुगर मिल जाना है। किसानों से हाल पूछे तो सामने आया कि पिछले साल का तो भुगतान हुआ, लेकिन इस बार का बकाया नहींं मिला है। सेंंटर पर 1200 किसानों का गन्ना लिया जाना है, 600 किसानों का लिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि किसानों के मोबाइल पर आने वाले मैसेज में सेंटर नम्बर लिखा होता है। किसान को केसे पता चलेगा। इसकी व्यवस्था होनी चाहिए।


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