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चीन के खिलौने और फर्नीचर को छोडिए, अब बरेली बनेगा हब

कोविड के बाद चीन के उत्पाद का इस्तेमाल लोग छोड़ रहे हैं। इस अवसर को भुनाने के लिए मंडलीय उद्योग बंधु की बैठक में कमिश्नर ने खिलौना और फर्नीचर उद्यम के लिए बरेली को हब बनाने के लिए कहा। उद्यमियों ने वर्चुअल बैठक में लेआउट देखकर उत्साह भी दिखाया।

By Ravi MishraEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2020 11:30 PM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2020 11:30 PM (IST)
चीन के खिलौने और फर्नीचर को छोडिए, अब बरेली बनेगा हब
चीन के खिलौने और फर्नीचर को छोडिए, अब बरेली बनेगा हब

बरेली, जेएनएन। कोविड के बाद चीन के उत्पाद का इस्तेमाल लोग छोड़ रहे हैं। इस अवसर को भुनाने के लिए मंडलीय उद्योग बंधु की बैठक में कमिश्नर ने खिलौना और फर्नीचर उद्यम के लिए बरेली को हब बनाने के लिए कहा। उद्यमियों ने वर्चुअल बैठक में लेआउट देखकर उत्साह भी दिखाया। जिले में औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने की तैयारियों के लिए कमिश्नरी रणवीर प्रसाद ने उद्यमियों के साथ वर्चुअल बैठक दोपहर तीन बजे से शाम साढ़े चार बजे तक की।

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बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर और पीलीभीत के अधिकारी और उद्यमी बैठक में मौजूद रहे। बैठक में चर्चा हुई कि उद्यम के लिए जमीन की जरूरत है। इसलिए जिन्हें उद्यम की जमीन दी गई, लेकिन तीन साल बाद भी उद्यम नहीं लगाया। उनका सर्वे पूरा होना चाहिए। इसके लिए कमेटी का गठन किया गया है। एडीएम-ई, एसडीएम सदर, परसाखेड़ा औघोगिक क्षेत्र के प्रेम बाबू शर्मा, डीआइसी शामिल है। यह कमेटी 15 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। बदायूं उझानी के उद्यमियों ने कहा कि उनको ग्रामीण फीडर से बिजली मिल रही है।

वह 15 लाख रुपये खर्च करके वह शहर फीडर से बिजली आपूर्ति चाहते थे। कमिश्नर रणवीर प्रसाद ने बदायूं के बिजली विभाग के अधिकारियों को एस्टीमेट बनाने के निर्देश जारी किए। उद्यमी सुरेश सुंदरानी ने औद्योगिक क्षेत्र की जर्जर सड़कों का मामला उठाया। नियम होता है कि औद्योगिक क्षेत्रों से हाउस और सीवर टैक्स वसूली का 60 फीसद औद्योगिक क्षेत्र में ही खर्च होना चाहिए। तय हुआ कि 2.5 करोड़ टैक्स वसूली से नगर निगम 1.12 करोड़ लोक निर्माण विभाग को देगा। सड़क बनाने के लिए वन विभाग की एनओसी भी चाहिए। इसलिए वन विभाग की तरफ से केंद्र सरकार को एनओसी के लिए पत्राचार किया है।

डीएम नितीश कुमार ने रजऊ की तरफ फायर स्टेशन नहीं होने पर टीपी नगर में जमीन उपलब्ध कराने के लिए कहा। इस मामले में स्टाम्प ड्यूटी को लेकर पेंच फंसा हुआ है। एआइजी स्टाम्प ने बताया कि शासन से स्टाम्प ड्यूटी माफी के लिए पत्राचार किया जा रहा है। पीलीभीत के उद्यमियों ने रेलवे साइडिंग के मुद्दे उठाए। जिसपर सहमति बन गई।


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