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डेढ़ दर्जन को निवाला बना चुका था तेंदुआ, पिंजरे में फंसा ऐसे

पिछले एक महीने से पीलीभीत टाइगर रिजर्व से सटे गांवों में आतंक का पर्याय बना तेंदुआ आखिरकार पकड़ा गया।

By Edited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 12:51 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 06:51 PM (IST)
डेढ़ दर्जन को निवाला बना चुका था तेंदुआ, पिंजरे में फंसा ऐसे
डेढ़ दर्जन को निवाला बना चुका था तेंदुआ, पिंजरे में फंसा ऐसे

पीलीभीत(जेएनएन)। पिछले एक महीने से पीलीभीत टाइगर रिजर्व से सटे गांवों में डेढ़ दर्जन मवेशियों को निवाला बनाकर दहशत फैला रहा तेंदुआ आखिरकार पिंजरे में कैद हो गया। वन विभाग की टीम ने तेंदुए को पकड़ने के लिए दो अलग-अलग पिंजरे लगाए थे, इनमें से पूरनपुर के बूंदीभूड गाव में लगाए गए पिंजरे में तेंदुआ पहुंचा और पकड़ा गया।

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तेंदुआ की निगरानी में जुटी वन विभाग की टीम को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने भीड़ से बचाने के लिए दिन निकलने से पहले ही पिंजरे में कैद तेंदुआ को गाव से हटा दिया। टीम पिंजरे को लेकर टाइगर रिजर्व की तरफ रवाना हो गई। उधर, मंगलवार सुबह ग्रामीणों को तेंदुआ पकड़े जाने की जानकारी हुई तो उनमें खुशी की लहर दौड़ पड़ी। तेंदुआ को देखने की उत्सुकता में भारी भीड़ टाइगर रिजर्व भी पहुंची। हालांकि, तेंदुआ के पकड़े जाने के बाद भी अभी क्षेत्र में एक बाघ की दहशत बनी हुई है। बुधवार सुबह भी बाघ ने एक मवेशी को अपना निवाला बना लिया।

डेढ़ दर्जन मवेशियों को बनाया निवाला

पीलीभीत के रमनगरा में बीते दिनों बॉर्डर क्षेत्र के बूंदी भूड, कुतिया कबर, नौजलिया सहित आधा दर्जन गाव में तेंदुए का आतंक था। तेंदुआ अब तक एक दर्जन घरों में घुसकर डेढ़ दर्जन मवेशियों को अपना शिकार बना चुका है। विगत गुरुवार को रात में तेंदुआ ने कलीनगर तहसील क्षेत्र के गाव महाराजपुर निवासी प्रेम सरदार की पशुशाला में घुसकर एक बैल को निवाला बना लिया था। मामले की सूचना पर टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर आदर्श कुमार व डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के नरेश वर्मा ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया था।

पिंजरा लगाने के बावजूद दे रहा था चकमा

गांव बूंदी भूड़ के मायापुरी घाट में तेंदुआ को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने पिंजरा लगाया था। इसके अलावा विभाग ने गांव कुतिया कबर के नौजलिया नंबर 2 में भी पिंजरा लगाया था। वन विभाग के एसडीओ प्रवीन खरे, रेंजर चंद्रभान, गिरीश चंद्र, मोहम्मद आरिफ, ओमप्रकाश कंहई लाल सहित कई वनकर्मी लगातार तेंदुआ को पकड़ने की कोशिश में जुटे रहे, लेकिन पिंजरे में आने की जगह तेंदुआ कैमरे में कैद होकर चकमा दे रहा था। पिंजरे में लगे कैमरे के सामने आकर तेंदुआ वापस लौट जा रहा था। हालांकि, मंगलवार रात वह उसमें कैद हो गया। इस पर वन विभाग की टीम ने राहत की सांस ली।

नेपाल से कुत्ते को खींच लाया था तेंदुआ

तेंदुआ ने पूरनपुर बॉर्डर सीमा से सटे कई गाव में आतंक मचा रखा था। तेंदुए ने नेपाल में भी दस्तक दी थी। नोमैंस लैंड से सटे नेपाल में रहने वाले अशोक सुनर विगत शुक्रवार सुबह 4 बजे अपने परिजनों के साथ घर के अंदर सो रहे थे। ग्रामीण का पालतू कुत्ता घर की पहरेदारी कर रहा था। तभी गन्ने के खेत से निकलकर तेंदुए ने नेपाल सीमा में प्रवेश कर अशोक के पालतू कुत्ते को दबोच लिया था। कुत्ते के चीखने-चिल्लाने पर परिजन जाग गए तो तेंदुआ कुत्ते को खींचता हुआ भारत सीमा में ले लाया था। यहां गाव कुतिया कबर निवासी तपन बाथाड़ के गन्ने के खेत में छुप गया था।

बाघ ने बछड़े और बैल को मार डाला

तेंदुआ के पकड़े जाने के बाद ग्रामीणों में दहशत कम नहीं हुई है। क्योंकि तेंदुआ के अलावा एक बाघ ने भी इलाके में आतंक मचा रखा है। मंगलवार रात तेंदुआ पकड़ा गया, मगर कलीनगर में संडई हाल्ट के सामने स्थित गुरद्वारे के पास बुधवार सुबह बाघ ने एक बछड़े को मारकर अपना निवाला बना डाला। सूचना पर वनकर्मचारी मौके पर पहुंचे। इससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई। इलाके में बाघ की चहलकदमी से ग्रामीण परेशान हैं। बुधवार को शारदा किनारे चरने गए बैल पर बाघ ने हमला कर दिया। उसे वहीं निवाला बना लिया। बैल का क्षत विक्षत शव देखकर ग्रामीणों को इसका अहसास हुआ। बाघ के हमले की पुष्टि होने के बाद आसपास गांवों के लोग घरों से निकलने में डर रहे। 


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