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चार साल से फंसा यूनानी मेडिकल कालेज की जमीन का लैंड यूज

यूनानी मेडिकल कालेज का प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) के तहत हजियापुर में निर्माण होना है। सपा सरकार के प्रोजेक्ट को योगी शासन में भले ही तेजी मिली लेकिन चार साल से लैंड यूज के चक्कर में इसकी पहली ईट नहीं रखी सकी है। बरेली विकास प्राधिकरण बोर्ड ने लैंड यूज बदलने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। अब शासन के जवाब का इंतजार है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 08:40 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 08:40 PM (IST)
चार साल से फंसा यूनानी मेडिकल कालेज की जमीन का लैंड यूज
चार साल से फंसा यूनानी मेडिकल कालेज की जमीन का लैंड यूज

जासं, बरेली: यूनानी मेडिकल कालेज का प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) के तहत हजियापुर में निर्माण होना है। सपा सरकार के प्रोजेक्ट को योगी शासन में भले ही तेजी मिली, लेकिन चार साल से लैंड यूज के चक्कर में इसकी पहली ईट नहीं रखी सकी है। बरेली विकास प्राधिकरण बोर्ड ने लैंड यूज बदलने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। अब शासन के जवाब का इंतजार है।

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बरेली में राजकीय यूनानी मेडिकल कालेज बनाने की कोशिश पिछली सपा सरकार के समय से हो रही है। तीन साल पहले नगर निगम ने हजियापुर में 27 हजार वर्ग मीटर जमीन यूनानी मेडिकल कालेज के नाम ट्रांसफर की थी। अगस्त 2019 में पीएमजेवीके की जिला स्तरीय समिति ने यूनानी मेडिकल कालेज के प्रस्ताव को अपनी संस्तुति के साथ लखनऊ भेज दिया। मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय की अध्यक्षता वाली कमेटी ने 129.5 करोड़ के यूनानी मेडिकल कालेज प्रोजेक्ट पर मुहर लगाकर केंद्र सरकार को भेज दिया। केंद्र में यूनानी मेडिकल कालेज की बिल्डिग बनाने को 129.5 करोड़ का फंड स्वीकृत किया है। पहली किस्त के 29 करोड़ रुपये भी जारी हो गए, लेकिन पूरा मामला लैंड यूज पर आकर अटक गया।

शासन के संकेत का इंतजार

हजियापुर में जिस जमीन पर मेडिकल कालेज तैयार होना है, उसकी जमीन आवासीय है। इंस्टीट्यूशनल में लैंड यूज बदलाव के लिए शासन की अनुमति की आवश्यकता है। बीडीए बोर्ड ने प्रस्ताव भेजा, लेकिन कई सवाल खड़े हुए। अब जवाब के साथ फाइल को दोबारा स्वीकृति के लिए भेजा है।

हैदराबाद की कंपनी को गया है निर्माण का टेंडर

यूनानी मेडिकल कालेज में 100 बेड के अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने की सुविधा भी होगी। एक साल पहले पैमाइश के बाद जमीन भी हस्तांतरित हो चुकी है। निर्माण कार्य का टेंडर हैदराबाद की एक कंपनी को जारी हुआ है।

वर्जन

लैंड यूज बदलने के लिए हमनें पत्राचार किया था। कुछ सवाल पूछे गए। हमनें जवाब शासन को भेजे हैं। उम्मीद है इंस्टीट्यूशन लैंड यूज बदलने के लिए जल्दी अनुमति आ जाएगी। इसके बाद ही निर्माण शुरू हो सकेंगे।

- जगमोहन सिंह, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी


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