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रजिस्टर्ड डाक से आया नियुक्ति पत्र, ज्वाइनिंग करने पहुंचा तो पैरों तले खिसक गई जमीन Bareilly News

रजिस्टर्ड डाक से आए नियुक्ति पत्र को असली मानकर युवक दिल्ली में अपनी प्राइवेट जॉब से इस्तीफा तक दे चुका था।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Fri, 02 Aug 2019 01:28 PM (IST)Updated: Fri, 02 Aug 2019 10:08 PM (IST)
रजिस्टर्ड डाक से आया नियुक्ति पत्र, ज्वाइनिंग करने पहुंचा तो पैरों तले खिसक गई जमीन Bareilly News
रजिस्टर्ड डाक से आया नियुक्ति पत्र, ज्वाइनिंग करने पहुंचा तो पैरों तले खिसक गई जमीन Bareilly News

बरेली, जेएनएन : भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आइवीआरआइ) में टेक्नीशियन पद पर ज्वाइनिंग के लिए नियुक्ति पत्र लेकर पहुंचे एक युवक के पैरों तले जमीन उस वक्त खिसक गई, जब निदेशक ने नियुक्ति पत्र को फर्जी करार दे दिया। रजिस्टर्ड डाक से आए नियुक्ति पत्र को असली मानकर युवक दिल्ली में अपनी प्राइवेट जॉब से इस्तीफा तक दे चुका था। खोजबीन में पता चला कि फर्जी नियुक्ति पत्र भेजकर नौजवानों से सिक्योरिटी मनी के नाम पर हजारों रुपये ठगने का खेल चल रहा है। जिसका वह भी इसका शिकार बन गए हैं। 

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कर्मचारी नगर निवासी कौशल किशोर चतुर्वेदी के बेटे सजल चतुर्वेदी ने वर्ष 2016 में टेक्नीशियन पद के लिए आवेदन किया था। परीक्षा दी। परिणाम देरी से आया। कुछ दिन पहले आइवीआरआइ में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हुई। गत 27 जुलाई को सजल के घर नियुक्ति पत्र पहुंचा तो खुशी से परिवार झूम उठा। सजल दिल्ली में प्राइवेट जॉब छोड़कर उसी रात घर पहुंच गए। इसके बाद ज्वाइनिंग करने पहुंचे तो फर्जीवाड़ा सामने आ गया। जिससे वह निराश हो गए।

फर्जीवाड़ा रोकने को निदेशक से मिले

सजल के पिता कौशल किशोर चतुर्वेदी फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर आइवीआरआइ के निदेशक से मिले। बहस भी हुई। उनका कहना था कि संस्थान को इस तरह के फर्जीवाड़े पर कड़े कदम उठाने चाहिए। निदेशक से फर्जी नियुक्ति पत्र भेजने के मामले पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की मांग रखी। ताकि कोई और नौजवान इसके झांसे में फंसकर जमा-पूंजी न गवाए।

बड़ा सवाल- परीक्षा का डाटा लीक कैसे हुआ

सजल के पिता का आरोप है कि परीक्षा का डाटा लीक हुआ है। उसके बाद ही ठगों के पास मेरे परिवार की जानकारी पहुंची। मैं स्थानीय था तो सीधे संस्थान चला गया। बाकी देश के सैकड़ों युवा झांसे में फंस रहे होंगे। वह बताते हैं कि ठगों ने नियुक्ति पत्र पर एक संपर्क नंबर दिया। उस पर कॉल की तो 18500 रुपये की मांग आई। उनका कहना है कि इस नंबर की जांच कराकर कार्रवाई की जा सकती है।

आइवीआरआइ की ओर से सजल चतुर्वेदी के नाम का कोई नियुक्ति पत्र जारी नहीं हुआ है। प्रस्तुत किया गया नियुक्ति पत्र पूरी तरह फर्जी है। मामले की विभागीय जांच भी होगी। - राकेश कुमार, संयुक्त निदेशक अकादमिक, आइवीआरआइ

इस तरह की कोई शिकायत नहीं आई है। शिकायत आने पर कार्रवाई की जाएगी। -केके वर्मा, इंस्पेक्टर, इज्जतनगर 

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