लालफाटक ओवरब्रिज : रक्षा मंत्रालय सकारात्मक, अब नहीं रुकेगा निर्माण कार्य Bareilly News
लोगों की दिक्कत देखते हुए ओवरब्रिज के काम को तत्काल मंजूरी मिले। प्रस्ताव मुख्यालय भेजा जा चुका है।
बरेली, जेएनएन : लालफाटक ओवरब्रिज तीन अलग-अलग महकमों की जमीन से होकर बनना है। एक तरफ राज्य सरकार की भूमि पर काम शुरू होने के बाद भी रेलवे व रक्षा मंत्रलय की मंजूरी न मिलने से प्रोजेक्ट महीनों तक लटका रहा। अब रेलवे के अपने क्षेत्र में काम शुरू करने की स्वीकृति के बाद रक्षा विभाग का रुख भी सकारात्मक हुआ। कैंटोनमेंट बोर्ड व रक्षा संपदा कार्यालय के वार्षिक निरीक्षण को आए मध्य कमान के निदेशक एमवी सत्यनारायण ने भी दैनिक जागरण से बातचीत में स्पष्ट किया कि जनहितकारी मामलों में विभाग का रवैया भी सकारात्मक है।
जागरण ने लालफाटक ओवरब्रिज की दिक्कतें निदेशक के सामने रखी। इस पर निदेशक का साफ कहना था कि कैंट बोर्ड से प्रस्ताव पहले ही पास होकर जा चुका है। इस प्रस्ताव में लिखा है कि कैंट बोर्ड एरिया में आने वाली रक्षा संपदा की जमीन लीज पर दी जाए या किसी और साधन से। लोगों की दिक्कत देखते हुए ओवरब्रिज के काम को तत्काल मंजूरी मिले। प्रस्ताव मुख्यालय भेजा जा चुका है। हालांकि अभी जवाब नहीं आया है। उम्मीद है कि विभाग के निर्णय को लेकर काम नहीं रुकने दिया जाएगा। संभावना है कि उससे पहले जमीन को लेकर फैसला हो जाए।
शहनाई बरातघर को ठेकामुक्त करने की मांग
वहीं, छावनी क्षेत्र के कुछ लोगों ने निदेशक से शहनाई बरातघर को ठेकामुक्त करने की मांग की है। स्थानीय निवासी इशियाक सकलैनी, पुष्कर, सुभाष यादव आदि ज्ञापन में कहा है कि पूर्व सीईओ भावना सिंह ने क्षेत्र के गरीब लोगों की परेशानी देखते हुए शहनाई बरातघर बनवाया था। तब छावनी परिषद ही इसका संचालन करती थी। लोगों को राहत थी, कीमत भी मुनासिब थी। बरातघर को ठेका पर देने से जनता परेशान हो रही।
सही दिशा में कैंट के आम रास्तों का प्रस्ताव
छावनी क्षेत्र की सुरक्षा के बाबत मध्यकमान निदेशक का कहना है कि बोर्ड और डीईओ की ओर से काम सही दिशा में है। अधिकांश खुले एरिया में तारबंदी की जा चुकी है। एक-दो ऐसे रास्ते बंद होंगे, जिनसे आम जनता पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। के लिए नियमावली के हिसाब से प्रक्रिया अपनाई गई है।