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कुतुबखाना पर सर्वे को बता दिया फिजिबिलिटी

कुतुबखाना पर ओवरब्रिज के मामले में आरटीआइ की सूचना ने दावों और वादों की हकीकत सामने आने लगी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Dec 2018 02:28 AM (IST)Updated: Sun, 16 Dec 2018 02:28 AM (IST)
कुतुबखाना पर सर्वे को बता दिया फिजिबिलिटी
कुतुबखाना पर सर्वे को बता दिया फिजिबिलिटी

जागरण संवाददाता, बरेली :

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कुतुबखाना पर ओवरब्रिज के मामले में आरटीआइ की सूचना ने दावों और वास्तविक स्थिति की तस्वीर साफ कर दी। सूचना में सेतु निगम ने स्पष्ट किया पुल निर्माण की फिजिबिलिटी रिपोर्ट निकाली ही नहीं गई, केवल सर्वे हुआ था। जबकि, महापौर का दावा है कि सेतु निगम ने सर्वे के आधार पर ही फिजिबिलिटी निकाली थी। इसके बाद संयुक्त सर्वे होना था, जिसके लिए निगम को शुल्क जमा करना पड़ता। बहरहाल इस प्रक्रिया के बिना ही प्रस्ताव उपमुख्यमंत्री के पास भेज दिया गया।

मौके पर सर्वे के बाद बना था केवल मानचित्र

कोहाड़ापीर से कुतुबखाना होते हुए जिला अस्पताल तक ओवरब्रिज की कवायद महापौर ने शुरू की थी। सेतु निगम की यूनिट तीन से सर्वे कराया। निगम ने टोटल स्टेशन मशीन से सड़क का सर्वे कर विस्तृत मानचित्र तैयार किया। पुल निर्माण की संभावना से संबंधित रिपोर्ट महापौर को सौंपी थी। महापौर इसे ही फिजिबिलिटी रिपोर्ट बताते रहे।

आरटीआइ की सूचना ने मचाया बवाल

आरटीआइ एक्टिविस्ट मुहम्मद खालिद जीलानी ने पुल पर अब तक हुई प्रक्रिया की सूचना मांगी। यूनिट तीन का प्रभार संभाल रहे डीपीएम विजेंद्र कुमार ने सूचना में स्पष्ट किया कि फिजिबिलिटी रिपोर्ट न बनाई गई, न दी गई। न ही यह रिपोर्ट तैयार करने के लिए नगर निगम से शुल्क लिया गया। अब सेतु निगम की इस सूचना से बवाल मचा है।

फिजिबिलिटी के लिए संयुक्त सर्वे जरूरी

सेतु निगम अफसरों के मुताबिक किसी योजना के लिए सड़क से जुड़े सभी विभागों का संयुक्त सर्वे होता है। सेतु निगम के साथ नगर निगम, विद्युत विभाग, जल निगम सभी के सुझाव के आधार पर फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जाती है। संबंधित विभाग को एक निश्चित शुल्क भी अदा करना होता है।

उपमुख्यमंत्री के पास है प्रस्ताव

कुछ दिन शहर आए पहले उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सर्किट हाउस में कहा था कि शहर के विकास के लिए महापौर जो प्रस्ताव देंगे, उसे स्वीकृत किया जाएगा। इसके बाद ओवरब्रिज का प्रस्ताव उन्हें भेज दिया गया था। वर्जन

- सेतु निगम का जो सर्वे होता है, उसमें ही अपनी फिजिबिलिटी निकाल लेते हैं। इसी तरह कुतुबखाना की फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनाई गई। पूरा नक्शा तैयार किया गया है। इसके बाद संयुक्त विभागों का सर्वे होता है, जिसके लिए सेतु निगम को शुल्क भी अदा करना पड़ता है।

-डॉ. उमेश गौतम, महापौर - सेतु निगम ने कुतुबखाना ओवरब्रिज निर्माण के लिए किसी भी तरह की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार नहीं की है। इस बाबत निगम के पास सिर्फ सर्वे शीट है। मौके पर सिर्फ सर्वे किया गया।

-विजेंद्र कुमार, डीपीएम, सेतु निगम


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