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System : जानिए सीएम की नाराजगी के बाद भी क्यों नहीं मिल सकी विकास कार्यो के लिए जमीन Bareilly News

जिले में विकास की सूरत को कागजों में उजली और आकर्षक दर्शाने वाले यह प्रोजेक्ट हकीकत की जमीन पर ही नहीं उतर पाए।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Wed, 11 Dec 2019 09:30 AM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 01:48 PM (IST)
System : जानिए सीएम की नाराजगी के बाद भी क्यों नहीं मिल सकी विकास कार्यो के लिए जमीन Bareilly News
System : जानिए सीएम की नाराजगी के बाद भी क्यों नहीं मिल सकी विकास कार्यो के लिए जमीन Bareilly News

जेएनएन, बरेली : सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट। कूड़ा निस्तारण को संयंत्र। पुलिस विश्वविद्यालय, राजकीय संप्रेक्षण गृह. और न जाने कितनी परियोजनाएं। जिले में विकास की सूरत को कागजों में उजली और आकर्षक दर्शाने वाले यह प्रोजेक्ट हकीकत की जमीन पर ही नहीं उतर पाए। कारण, शासन से घोषणा होने, प्राथमिकता में होने के बावजूद इन्हें उपयुक्त भूमि न मिल सकी। विकास कार्यो में देरी पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक नाराजगी जता चुके। बस फाइलें ही दौड़ रहीं। जिले में आमजन की सुविधा के लिए शासन ने कई प्रोजेक्ट मंजूर किए हैं।

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कुछ स्मार्ट सिटी योजना में शामिल हैं तो कुछ अन्य विभागों व कार्यदायी एजेंसी से संबंधित हैं। इनके लिए उपयुक्त और आवश्यक जमीन उपलब्ध कराने का दायित्व जिला प्रशासन का है। कई कोशिशों के बावजूद जमीन ही नहीं मिल पा रही।

इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सिस्टम

इसके लिए स्मार्ट सिटी को दो हजार वर्गमीटर जमीन चाहिए। 223 करोड़ रुपये है प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत। जमीन नहीं मिल सकी। शासन ने भी नाराजगी जताई।

कचरा प्रबंधन प्लांट

कूड़ा निस्तारण के लिए एनजीटी ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए करीब दस एकड़ जमीन की जरूरत है। कई जगह जमीन देखी गई, लेकिन तय नहीं हुई।

पुलिस विश्वविद्यालय 

पुलिस को अपराध नियंत्रण के नए तरीके, तकनीक से परिचित कराने के लिए पुलिस विश्वविद्यालय की घोषणा हुई थी। फरीदपुर में इसकी स्थापना होनी है। जमीन नहीं मिल सकी।

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट

शहर में चार ट्रीटमेंट प्लांट बनने हैं। अभी तक जमीन फाइनल नहीं हो पाई। दो प्लांट के लिए भूमि की प्रक्रिया काफी दिनों से चल रही है। अन्य दो के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।

समाधान होने की है उम्मीद

ऐसा नहीं कि भूमि के लिए प्रयास नहीं हुए। बस कोशिशें फलीभूत होने की जरूरत है। इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड के लिए नगर निगम के सदन में प्रस्ताव को रखा जाना है। चौबारी और ततारपुर में एसटीपी का एस्टीमेट भेजा जा चुका है। हरुनगला और तुलापुर में जमीन के लिए शासन से अनुमति का इंतजार है। अफसरों को उम्मीद है कि नए वर्ष में कई कामों की शुरुआत हो जाएगी।

जमीन की दरकार

2000 वर्ग मीटर इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सिस्टम

08 एकड़ सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट

16990 वर्ग फुट राजकीय संप्रेक्षण गृह किशोर

16990 वर्ग फुट राजकीय संप्रेक्षण गृह किशोरी

16990 वर्ग फुट राजकीय बाल गृह बालक

9000 वर्ग मीटर के दो एसटीपी को

6500 वर्ग मीटर सेना को देने के लिए चाहिए


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