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    बरेली में 311 KM की रोड़ के हालात, घुट रहा सड़कों का दम, ये है Black Spot पर सुरक्षा के इंतजाम

    By Jagran NewsEdited By: Ravi Mishra
    Updated: Tue, 22 Nov 2022 03:55 PM (IST)

    Road Safety News बरेली में 3़11 किलोमीटर की रोड़ के हालात जानकर आपको सुरक्षा के बारे में अहसास हो जाएगा कि सुरक्षा के क्या इंतजार है। इसके साथ ही यह भी पता चल जाएगा कि शहर में सड़कों का दम क्याें घुट रहा हैं।

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    बरेली में 311 KM की रोड़ के हालात, घुट रहा सड़कों का दम, Black Spot पर सुरक्षा के इंतजाम

    बरेली, जागरण संवाददाता। Road Safety News : सड़कों पर होने वाले हादसों को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) भी चिंतित है। हादसों में जान-माल की हानि रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल अप्रैल में जिलावार सड़क सुरक्षा समिति बनाने के निर्देश दिए थे। समिति को हर माह बैठक करने के बाद जिले में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं की जानकारी एक आनलाइन पब्लिक पोर्टल (Online Public Portal) पर उपलब्ध कराने को कहा था। जिले में इस पर सिर्फ कागजी तौर पर ही अमल किया जा रहा है।

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    साल बीतने को है और अब तक सिर्फ एक बैठक हो पाई है। उस बैठक में लिए गए फैसले भी धरातल पर नहीं उतर पाए हैं। अतिक्रमण जहां सड़कों का दम घोट रहा है, वही ब्लैक स्पाट (Black Spots) पर सुरक्षा प्रबंध भी बेदम हैं। जागरण की टीम जिले की 311 किलोमीटर सड़कों का निरीक्षण कर अव्यवस्थाओं का हाल देख चुकी है। सरकारी तंत्र की लापरवाही के चलते यात्री जान गवां रहे हैं।

    30 जुलाई को हुई थी सड़क सुरक्षा समिति की बैठक

    जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी की अध्यक्षता में 30 जुलाई को सड़क सुरक्षा समिति की पहली बैठक कलक्ट्रेट में हुई थी। डीएम ने एनएचएआइ, लोक निर्माण विभाग, नगर निगम को क्षेत्र के सीओ एवं एसडीएम से संपर्क कर सड़कों से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे।

    सड़कों को अभियान चलाकर कब्जा मुक्त करने को कहा था। मयूर वन चेतना केंद्र के पास, नवदिया झादा चौराहा, फरीदपुर तिराहा समेत अन्य ब्लैक स्पाट पर सुरक्षात्मक कार्य करने को लेकर अधिकारियों को निर्देशित किया था। उन्होंने स्कूल वाहनों को बिना फिटनेस कराए न चलाए जाने, सड़क दुर्घटना से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने के निर्देश एआरटीओ को दिए थे। दुर्घटना बाहुल स्थानों को चिह्नित कर साइनेज बोर्ड लगाने को कहा था।

    सड़कों का नहीं हट पाया अतिक्रमण, लाखों हुआ खर्च

    सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में अतिक्रमण हटाने के निर्देश पर नगर निगम ने दो बार दस-दस दिन का अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया। शहर की प्रमुख सड़कों को पूरे अमले के साथ साफ कराया। इसमें मैनपावर के साथ ही मशीनरी और डीजल-पेट्रोल भी खर्च हुआ।

    अभियान के दौरान निगम के लाखों रुपये खर्च भी हुए, लेकिन सड़कें कुछ घंटे भी अतिक्रमण मुक्त नहीं रह पाई। उन पर दोबारा कब्जा कर लिया गया। इसी तरह पीडब्ल्यूडी ने सीबीगंज में सड़क किनारे अतिक्रमण साफ किया था, वहां भी दोबारा अतिक्रमण हो गया है। स्कूल के वाहन फिटनेस के बाद चल रहे हैं। एआरटीओ सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान चला रहे हैं।

    37 ब्लैक स्पाट, सुरक्षात्मक कार्य अधूरे

    जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग पर 14 जगह, राज्य मार्गों पर 15 जगह और अन्य सड़कों पर करीब आठ जगह ब्लैक स्पाट हैं। कुल 37 ब्लैक स्पाट में से 15 जगह सुरक्षात्मक इंतजाम नहीं किए गए हैं। हाईवे पर लेन मार्किंग (सफेद पट्टी) का अभाव है, जिसकी वजह से वाहन सवार बीच सड़क पर चल रहे हैं। रंबल स्ट्रिप, जेब्रा क्रासिंग, दिशा सूचक, गो स्लो बोर्ड, संकेतक नहीं लगे हुए हैं।

    सड़क सुरक्षा समिति का यह है काम

    डीएम की अध्यक्षता में जिले में अप्रैल में ही सड़क सुरक्षा समिति बना ली गई। समिति में एसएसपी, एसपी ट्रैफिक, एआरटीओ, सीएमओ, पीडब्ल्यूडी, एनएचएआइ, नगर निगम के अधिकारी शामिल हैं। उद्यमियों व एनजीओ के सदस्यों को भी रखा गया है। समिति को हर 15 दिन में आनलाइन और हर माह प्रत्यक्ष बैठक करनी है। हर माह दुर्घटनाओं की सारी जानकारी आनलाइन अपलोड करनी है।

    बड़ी दुर्घटनाओं के मामलों में फोरेंसिक जांच भी करानी है। घायलों के तुरंत उपचार के लिए अस्पताल और एंबुलेंस का समन्वय भी करना है। अपने जिले में अब तक सिर्फ एक बैठक हुई है। हर माह प्रत्यक्ष व 15 दिन में आनलाइन मीटिंग नहीं हो रही है। बड़ी दुर्घटनाओं की फोरेंसिक जांच भी नहीं हो रही है।

    311 किलोमीटर में मिली थी सिर्फ एक एंबुलेंस

    हादसों को रोकने के लिए समिति को ऐसे स्थान, जहां लगातार हादसे हो रहे हैं, उन्हें ब्लैक स्पॉट के रूप में चिह्नित करते हुए हादसों के कारणों की समीक्षा करनी है। हादसों के दौरान तुरंत उपचार मिल सके, इसके लिए प्रमुख मार्गों पर एंबुलेंस की उपलब्धता और नजदीकी अस्पतालों में उपचार की उपलब्धता भी सुनिश्चित करना है। 

    जिससे घायलों को तुरंत अस्पताल ले जाया जा सके और समय पर उपचार देकर जान बचाई जा सके। जागरण की टीम ने जब जिले की 311 किलोमीटर सड़कों को देखा तो सिर्फ फरीदपुर रोड पर एक एंबुलेंस दिखाई दी।

    सुरक्षात्मक कार्य

    नहीं हुई स्कूली वाहनों की फिटनेस

    चल रहा जागरूकता अभियान

    ब्लैक स्पाट पर संकेतक : 15 जगह नहीं

    अवैध कट की संख्या : 100

    दुर्घटना बाहुल क्षेत्र : 37

    सूचना बोर्ड ठीक नहीं : 52 जगह

    खतरनाक मोड़ : 11

    सड़क सुरक्षा समिति की बैठक इसी महीने रखी जाएगी। उसमें पिछली बैठक में लिए गए निर्णयों की समीक्षा की जाएगी। काम नहीं करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। शिवाकांत द्विवेदी, जिलाधिकारी

    पीडब्ल्यूडी के पास पीलीभीत बाइपास रोड के मयूर वन चेतना के पास एक ब्लैक स्पाट है। रोड की नवीनीकरण का प्रस्ताव पास हुआ है। जल्दी ही ब्लैक स्पाट पर साइनेज बोर्ड, रम्बल स्ट्रिप, सफेद पट्टी दुरुस्त करा दी जाएगी। अभिनेश कुमार, अधीक्षण अभियंता, पीडब्ल्यूडी

    एनएच के पास बीसलपुर रोड पर तीन ब्लैकस्पाट चिन्हित हैं, जिस पर प्राथमिक काम (संकेतक बोर्ड आदि) किया गया था। ब्लैक स्पाट पर अभी ढेरों काम किए जाने हैं, इसके लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही काम कराया जाएगा। शशांक भार्गव, अधिशासी अभियंता, एनएच

    शहर के सभी ब्लैक स्पाट पर संकेतक लगाए गए हैं। कुछ स्थानों पर सड़क मरम्मतीकरण का काम चलने की वजह से सफेद पट्टी मार्किंग, रम्बल स्ट्रिप व स्पीड ब्रेकर मिट गया है, जिसे शीघ्र दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। भूपेश कुमार सिंह, मुख्य अभियंता नगर निगम