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Kamlesh Tiwari Murder : बेहतर प्लानिंग के साथ आए थे हत्यारे....इस तरह से मददगारों को कर रखा था लाइनअप...Bareilly News

हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या से बरेली का लिंक लगभग साफ हो गया है। हत्या करने वाले दोनों आरोपितों के यहां एक नहीं बल्कि कई मददगार हैं।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 11:37 AM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 11:44 AM (IST)
Kamlesh Tiwari Murder : बेहतर प्लानिंग के साथ आए थे हत्यारे....इस तरह से मददगारों को कर रखा था लाइनअप...Bareilly News
Kamlesh Tiwari Murder : बेहतर प्लानिंग के साथ आए थे हत्यारे....इस तरह से मददगारों को कर रखा था लाइनअप...Bareilly News

जेएनएन, बरेली :  हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या से बरेली का लिंक लगभग साफ हो गया है। हत्या करने वाले दोनों आरोपितों के यहां एक नहीं बल्कि कई मददगार हैं। इनमें से पांच पुलिस टीमों के हत्थे चढ़ चुके हैं। अभी कई रडार पर हैं। ये पांचों मददगार सीधे हत्यारोपितों तक नहीं पहुंचे, बल्कि एक से दूसरे और दूसरे से तीसरे .. चेन के रूप में चले और मदद पहुंचाई। पुलिस लोकेशन और कॉल डिटेल के आधार पर इन्हें उठा रही है।

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हत्या के बाद आरोपित दोनों युवक कार से शाहजहांपुर आए और यहां ट्रेन से बरेली पहुंचे। इसके बाद दोनों ने अपने पहले मददगार को फोन किया और लोकेशन दी। इस पर पहले मददगार ने अपने दो अन्य साथियों से फोन कर उन तक पहुंचने को कहा। इसके बाद आरोपितों का फोन बंद रहा, जो सुबह सात बजे के करीब खुला। पुलिस ने जब कॉल डिटेल खंगाली तो एक के बाद एक ऐसे कई फोन कॉल मिले जिनके तार हत्यारोपितों से जुड़ रहे थे। इसमें काम कर रही एटीएस, एसटीएफ और क्राइम ब्रांच की टीमों के कुछ सदस्य रविवार शाम से ही यहां डेरा डाले थे। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने लोकेशन के हिसाब से एक-एक कर करीब पांच लोगों को बरेली से उठाया और साथ ले गए। सभी किसी न किसी तरह हत्यारोपितों के मददगार रहे।

शातिर हैं आरोपित दे गए झांसा

हत्यारोपितों को जब पुलिस के पीछे होने की जानकारी मिली तो उन्होंने अपना फोन रात में बंद कर लिया। इसके बाद फोन सुबह खोला। एटीएस के एक अधिकारी की मानें तो हत्यारोपितों ने फोन खोलने के बाद उनके किसी मददगार ने फोन किसी ट्रेन में रख दिया। जिससे बार बार उनकी लोकेशन बदलती दिखाई दे। इस तरह वह झांसा देकर किसी और रास्ते से बरेली से निकल गए।

मददगारों के यहां छिपे होने की संभावना

कमलेश तिवारी की हत्या के बाद आरोपित अशफाक और मोइनुद्दीन की लोकेशन बरेली मंडल में ही मिल रही है। दोनों के बरेली, पीलीभीत और शाहजहांपुर में ही होने की आशंका है। माना जा रहा है कि पुलिस की सख्ती के बाद वे अपने मददगारों की मदद से यहीं कहीं छिपे हो सकते हैं। उन्होंने पलिया के रास्ते नेपाल भागने की कोशिश की लेकिन नहीं जा सके। शाहजहांपुर से पकड़े गए कार चालक ने भी इसकी पुष्टि की है।

रात होने से फिरा नेपाल जाने के मंसूबो पर पानी 

हत्या के बाद के घटनाक्रम पर नजर डालें तो वह आरोपितों के बरेली के आसपास होने की ओर ही इशारा कर रहा है। शुक्रवार को हत्या के बाद रात नौ बजे से सुबह सात बजे तक उनकी लोकेशन बरेली में ही थी। यहां उनके मददगारों ने सुबह तक रुकने व अन्य जरूरतों का इंतजाम किया। इनमें पांच संदिग्ध सामने आए हैं। इसके बाद वह यहां से निकलकर किसी तरह पलिया पहुंचे और रात होने के चलते नेपाल नहीं जा सके।

शाहजहांपुर के रास्ते से निकलने पर किया विचार 

इस पर उन्होंने शाहजहांपुर के रास्ते निकलने का विचार किया। रात 12 बजे उनकी अंतिम लोकेशन शाहजहांपुर मिलती है और इसके बाद वह यहां से निकल जाते हैं। माना जा रहा है कि वह अभी भी बरेली मंडल में ही बने हुए हैं। स्ली¨पग सेल के रूप में यहां मौजूद उनके मददगार उनकी मदद कर रहे हैं। उनकी मदद लेकर ही वह बरेली या आसपास के जिलों में ही छिप गए हैं। सोमवार रात बरेली एसटीएफ और एटीएस खासी सक्रिय दिखाई दी। सूत्रों की मानें तो यह टीमें देर रात आरोपितों की तलाश में थीं।

 गौरीफंटा जाने के लिए किराए पर ली थी कार 

कमलेश तिवारी के दोनों हत्यारोपित नेपाल भागने की फिराक में थे, लेकिन सीमा बंद होने के कारण शाहजहांपुर आ गए। ट्रेन में बैठकर फरार होने की फिराक में थे मगर उस वक्त कोई ट्रेन नहीं थी। बताया जा रहा है कि दोनों हत्यारोपित शनिवार को पलिया में थे। वहां शाम करीब छह बजे उन्होंने नेपाल बॉर्डर पर गौरीफंटा जाने के लिए एक ट्रैवल एजेंसी से दो हजार रुपये पर कार किराये पर ली। कार चालक ने बताया था कि पांच बजे के बाद बॉर्डर बंद हो जाता है। जाने का कोई फायदा नहीं, पर उन दोनों ने कहा कि वहां चलो हम बात कर खुलवा लेंगे।

जवानों ने किया इन्कार तो हत्यारोपित हुए वापस

बताया जाता है कि बॉर्डर पहुंचते-पहुंचते सात बज गए। दोनों ने वहां पर तैनात एसएसबी के जवानों से गेट खुलवाने के लिए बात की, इन्कार करने पर उन्होंने कार चालक से कहा कि उन्हें शाहजहांपुर छोड़ दे। जिस पर उसने रात का हवाला देते हुए मना कर दिया। कहा कि पलिया पहुंचते ही आठ बज जाएंगे, शाहजहांपुर पहुंचने में काफी देर हो जाएगी।

पांच हजार रुपये में फोन पर तय हुआ था सौदा 

जिसके बाद दोनों ने कहा चाहें जितना किराया ले लो, इस पर भी चालक नहीं माना तो उन्होंने किसी से कार चालक के पास फोन करा दिया। बताया जा रहा है कि गुजरात से किसी शख्स ने फोन किया था। उसके कहने पर चालक पांच हजार रुपये में कार शाहजहांपुर तक लाने को राजी हुआ। बाद में दोनों सवा घंटे तक शहर में घूमते रहे।

एसटीएफ की जानकारी पर पकड़ा गया चालक

इस बीच किसी तरह एसटीएफ को उसकी लोकेशन मिल गई। खुटार से उसे पकड़ लिया गया। वह वहां तिकुनिया स्थित एक होटल में खाना खा रहा था। तड़के एसटीएफ भी वहां पर पहुंच गई। चालक को होटल की सीसीटीवी फुटेज दिखाईं जिसमें उसने दोनों आरोपितों को पहचान लिया।

किसकी कार पुलिस नहीं दे पा रही जानकारी  

खुटार थाने में लखीमपुर के नंबर की कार खड़ी है। बताया जा रहा है कि कार वही है, जिससे दोनों आरोपित शाहजहांपुर गए थे, लेकिन पुलिस इस बारे में कुछ बताने को तैयार नहीं है। कार किसकी है वहां कैसे आई इस बारे में थाना प्रभारी तेजपाल सिंह ने कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया।

ट्रेन न होने पर पी सिगरेट, वापस लौटे हत्यारोपित  

सीसीटीवी फुटेज में रात करीब 11 बजकर 59 मिनट पर एक इनोवा कार होटल के सामने से गुजरती दिखाई दे रही है। बताया जा रहा है कि यह वही कार है, जिसे हत्यारोपित पलिया से किराए पर लाए थे और उससे स्टेशन तक गए थे। कार गुजरने के करीब तीन मिनट बाद 12 बजकर दो मिनट पर दोनों हत्यारोपित भी होटल से रोडवेज जाने वाले रास्ते पर जाते नजर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि इस बीच उन्होंने किसी बरेली या लखनऊ की दिशा में जाने वाली ट्रेन के बारे में पूछताछ की, लेकिन उस समय ट्रेन न होने पर वे वापस हो गए। इस बीच उन्होंने सिगरेट भी पी।

थानों में दिखे संदिग्ध पुलिस बोली- ये नहीं

सोमवार को सुबह से ही हत्यारोपितों के मददगारों के पकड़े जाने की सूचना रही। किला थाने में कुछ संदिग्ध लोगों को देखा गया। पूछे जाने पर पुलिस ने उनके लखनऊ मामले से जुड़े होने से इन्कार कर इधर उधर करवा दिया। वहीं पुलिस लाइन स्थित एक दफ्तर में भी संदिग्ध देखा गया।


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