कान्हा उपवन मारपीट : थानेदार की अभद्र टिप्पणी पर महिलाओं ने घेरा थाना, किया प्रदर्शन Bareilly News
खेतों में बेसहारा गोवंश के घूमने और फसल खराब होने से परेशान ग्रामीणों ने शुक्रवार देर शाम कान्हा उपवन पशु आश्रय गृह में धावा बोल दिया। सैकड़ों ग्रामीण गोवंश लेकर पहुंचे।
जेएनएन, बरेली : कान्हा उपवन में गार्ड सहित स्टाफ के साथ हुई मारपीट के मामले में शनिवार को ग्रामीण महिलाओं के साथ सीवीगंज थाने पहुंचे। जहां ग्रामीणों ने पुलिस से मुकदमा दर्ज करने की बात कहीं। इसी दाैरान थाने में मौजूद सुभाषनगर इंस्पेक्टर ने महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी कर दी। जिससे महिलाएं भड़क उठी और उन्होंने थाना घेर लिया। महिलाओं ने हंगामा करते हुए थाने के बाहर बैठकर प्रदर्शन किया। जिसके बाद महिलाओं सहित ग्रामीण अपनी शिकायत लेकर क्षेत्रीय विधायक के आवास की ओर चले गए।
मारपीट के बाद दर्ज हुआ था मुकदमा
खेतों में बेसहारा गोवंश के घूमने और फसल खराब होने से परेशान ग्रामीणों ने शुक्रवार देर शाम कान्हा उपवन पशु आश्रय गृह में धावा बोल दिया। सैकड़ों ग्रामीण गोवंश लेकर पहुंचे। बंद गेट के आगे जमकर हंगामा काटा। फिर उग्र ग्रामीण ताला तोड़कर भीतर घुस आए। सुपरवाइजर व गार्ड से मारपीट की थी जिसके बाद मामला दर्ज हो गया था।
कान्हा उपवन नदोसी गांव में स्थित है। इसके आसपास के कई गांवों में बेसहारा गोवंश आए दिन फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ग्रामीणों कहना है कि उपवन में पशु बढ़ने और हमलावर होने पर सांड़ों को छोड़ दिया जा रहा है। इसकी शिकायत भी की, लेकिन उपवन वाले नहीं सुनते। इसी से गुस्साए सैकड़ों महिलाएं, पुरुष कई सांड़ों को लेकर उपवन पहुंचे थे।
उधर, उपवन में मैनेजर सर्वेश और सुरक्षा गार्ड गोपाल व रवि का आरोप है कि ग्रामीणों ने उनसे मारपीट की। मैनेजर ने वेतन में मिले 40 हजार रुपये और मोबाइल लूटने का आरोप भी लगाया। महापौर और नगर आयुक्त को सूचना दी तब पुलिस को खबर मिली। इंस्पेक्टर सीबीगंज बच्चू सिंह फोर्स के साथ पहुंचे। इस पर अपर नगर आयुक्त ईश शक्ति कुमार सिंह, पर्यावरण अभियंता संजीव प्रधान सीबीगंज थाने पर पहुंचे।
थाने में पार्षद पति व उपवन संचालकों में नोकझोंक
कान्हा उपवन चलाने वाले आचार्य संजीव गौड़, रतन शंकर शर्मा, कौशल सारस्वत भी थाने आ गए। घायलों को मेडिकल के लिए जिला अस्पताल भेजा। ग्रामीणों की ओर से पार्षद के पति सुखदीश कश्यप पहुंचे। यहां उनकी व संचालकों की पुलिस के सामने ही काफी नोकझोंक हुई। पार्षद पति ने आरोप लगाया कि संचालकों के कहने पर ही गोवंश को बाहर छोड़ा जा रहा। संचालकों ने इसे नकार दिया। देर रात तक थाने में दोनों पक्षों के लोग और निगम अफसर डटे थे।