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Kamlesh Tiwari Murder Case : जानिए खुफिया टीमों को कैसे चौका रहा कातिलों का बरेली कनेक्शन...Bareilly News

गुजरात के हत्यारोपित लखनऊ में वारदात और हत्यारोपितों का शरण बरेली में वह भी तीन दिन तक। यह सब जांच में जुटी एटीएस एसटीएफ और खुफिया टीमों को चौंका रहा। कहा जा रहा कि यह महज परिचितों की मदद भर सीमित नहीं है।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 08:59 AM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 05:52 PM (IST)
Kamlesh Tiwari Murder Case : जानिए खुफिया टीमों को कैसे चौका रहा कातिलों का बरेली कनेक्शन...Bareilly News
Kamlesh Tiwari Murder Case : जानिए खुफिया टीमों को कैसे चौका रहा कातिलों का बरेली कनेक्शन...Bareilly News

जेएनएन, बरेली : गुजरात के हत्यारोपित, लखनऊ में वारदात और हत्यारोपितों का शरण बरेली में, वह भी तीन दिन तक। यह सब जांच में जुटी एटीएस, एसटीएफ और खुफिया टीमों को चौंका रहा। कहा जा रहा कि यह महज परिचितों की मदद भर सीमित नहीं है। कोई तो ऐसी चेन या शख्स है जिसके जरिये सैकड़ों किमी दूर के हत्यारोपित व मददगार एक दूसरे से जुड़े रहे। मददगार भी ऐसे मजबूत कि प्रदेश भर की पुलिस पीछे लगी होने के बावजूद हत्यारोपितों की मदद की।

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मंशा सामने आना अभी बाकी

गुजरात से लेकर बरेली तक जो कनेक्शन है, उसकी मंशा सामने आना अभी बाकी है। इस बीच मंगलवार को दो और मददगारों को हिरासत में ले लिया गया। उनसे पूछताछ की जा रही। शुक्रवार को लखनऊ में हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या के बाद दोनों आरोपितों अशफाक और मोइनुद्दीन ने बरेली मंडल में ठिकाना बना लिया। दोनों शुक्रवार रात नौ बजे से शनिवार सुबह सात बजे तक बरेली में थे। रविवार को शाहजहांपुर में एक होटल में सीसीटीवी फुटेज में दोनों दिखे। टीमों की मानें तो सोमवार को भी उसी जिले में रहते हुए दोनों ने कुछ लोगों से फोन पर बात की।

सर्विलांस ने दिए अहम सुराग 

जांच टीमों ने बड़ी संख्या में मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर लगाया है। उन्हीं के जरिये पता चला कि बरेली आने के बाद दोनों आरोपित कई लोगों के संपर्क में रहे थे। उसी आधार पर मंगलवार को दो और युवकों को हिरासत में लिया गया।

एटीएस व एसटीएफ को खूब छकाया

दोनों आरोपितों ने पीछे लगी एटीएस व एसटीएफ को खूब छकाया। शनिवार को सुबह सात बजे लोकेशन मिली कि वे दिल्ली रूट पर किसी ट्रेन में सवार हो गए हैं, अगले ही दिन दोनों की फुटेज शाहजहांपुर में मिली। जिसके बाद आशंका जताई जा रही कि दोनों ने टीमों को गच्चा देने के लिए अपना फोन ट्रेन में रख दिया। यही वजह रही कि उस दिन लोकेशन मिलने के बाद जब रामपुर व मुरादाबाद में ट्रेन खंगाली गई तो कोई नहीं मिला। यदि वे बचकर निकल भी गए तो रविवार रात को उनकी फुटेज शाहजहांपुर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैसे आ गई। माना जा रहा कि बरेली में गच्चा देने के बाद दोनों शाहजहांपुर आ गए।

साजिशकर्ताओं के सामने मौलाना से होगी पूछताछ

सोमवार की रात करीब एक बजे पचास से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने सादा वर्दी में प्रेमनगर के मुहल्ला शाहबाद में दबिश दी थी। वहां से मौलाना कैफी अली को हिरासत में लिया। उनकी मां आबिदा बेगम का कहना है कि उर्स की तैयारियों के सिलसिले में बात करने का बहाना करते हुए कैफी को घर से बाहर निकाला और कार में बैठाकर ले गए। आधा घंटे बाद कैफी ने फोन कर मां को बताया कि उन्हें लखनऊ ले जाया जा रहा है। बताया जाता है कि लखनऊ में उनसे सूरत से गिरफ्तार हुए तीन साजिशकर्ताओं के सामने पूछताछ की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, मौलाना कैफी की गुजरात में कुछ लोगों से बात हुई थी। उसी संदेह में उनसे पूछताछ की जा रही।

देर रात मौलाना को पकड़कर लखनऊ ले गई एसटीएफ 

कमलेश तिवारी के हत्यारोपितों को पनाह देने के आरोप में एटीएस दरगाह ताजुश्शरिया के नातख्वा (कविता पढ़ने वाले) मौलाना सय्यद कैफी अली को पकड़ लखनऊ ले गई है। इस पर दरगाह ताजुश्शरिया और दरगाह आला हजरत के उलमा सक्रिय हो गए हैं। वे पुलिस-प्रशासन के उच्चाधिकारियों से संपर्क साध रहे हैं। इस तर्क के साथ कि जांच को गलत दिशा में मोड़कर बेगुनाह लोगों को फंसाया जा रहा है।शहर के मुहल्ला कोहाड़ापीर निवासी मरहूम (दिवंगत) सय्यद मारूफ के बेटे मौलाना सय्यद कैफी अली नातख्वा हैं। वह बिहार, बंगाल आदि शहरों में भी नात पढ़ने जाते थे। सोमवार की रात एटीएस उन्हें पकड़कर लखनऊ ले गई।

मुफ्ती अफजाल रजवी से भी पूछताछ कर चुकी एसटीएफ 

इससे पहले पुलिस एक गुमनाम पत्र के आधार पर दरगाह आला हजरत स्थित दारुल इफ्ता के मुफ्ती अफजाल रजवी से भी पूछताछ कर चुकी है। मौलाना कैफी की बाबत जमात रजा-ए-मुस्तफा के उपाध्यक्ष सलमान हसन खां कादरी ने बताया कि सय्यद कैफी अली बेहद सरल हैं। अपनी बेहतरीन आवाज के चलते उन्होंने शोहरत पाई। दरगाह से हर सुन्नी मुसलमान का जुड़ाव है। मगर, पुलिस जानबूझकर एक खास दिशा में जांच कर रही है। इस संबंध में पुलिस के उच्चाधिकारियों से बात की जा रही है। वहीं, सय्यद कैफी अली की मां आबिदा बेगम का कहना है कि मेरे बेटे को गलत तरीके से फंसाया जा रहा है।

उलमा में बेचैनी पैदा कर रहा उर्स के समय बरेली कनेक्शन

 आला हजरत का उर्स-ए-रजवी 23 अक्टूबर यानि बुधवार से शुरू हो रहा है। उर्स के समय इस हत्याकांड के हत्यारों को संरक्षण देने का कनेक्शन बरेली से जुड़ने से उलमा में खास बेचैनी पैदा हो गई है। बताते हैं कि दरगाह से कुछ लोगों ने इस संबंध में लखनऊ के उच्चाधिकारियों से संपर्क किया है।

 हत्यारोपित अशफाक और मोइनुद्दीन पुलिस को खुली चुनौती देते दिखे। लखनऊ में होटल में अपनी आइडी लगाई, फोन भी चलाया। वहां लगे सीसीटीवी कैमरे से चेहरा भी नहीं बचाया। सब कुछ दुस्साहसिक तरीके से करते गए। चाहते तो आइडी, फोन व कैमरे से बच सकते थे मगर वे चुनौती देते नजर आए। बड़ी बात यह सामने आई है कि वह जिससे मदद ले रहे हैं वह पुलिस की निगाह में आता जा रहा है। दोनों ने बार बार अपने रिश्तेदारों व अन्य संबंधित लोगों को कॉल भी किया, जिससे पुलिस उनकी लोकेशन जान पाई। टीमें पीछे दौड़तीं मगर वे फरार हो जाते। इसके बाद जब बरेली मंडल में तीन दिन ठिकाना बनाया तब भी टीमें दौड़ती रहीं और वे जगह बदलते रहे। चुनौती देते हुए दोनों यहां से निकलकर गुजरात पहुंच गए।

नेपाल से वापस लौट आए थे हत्यारें 

 रविवार को आरोपित अशफाक और मोइनुद्दीन नेपाल तक पहुंच गए थे। लेकिन वहां टेरर फं¨डग मामले को लेकर चल रही सख्ती के चलते उन्हें नेपाल में जाकर वापस आना पड़ा। इसके बाद वह पलिया से कार बुक कर शाहजहांपुर तक आए रविवार और सोमवार को उनकी लोकेशन मिली।

नेपाल पहुंचने के बाद फेल हुआ प्लान

इसके बाद वह कहां गए अब तक पता नहीं चल सका है।बड़े मामले सामने आने के बाद अक्सर देखा गया है कि आरोपित नेपाल चले जाते हैं। इसके चलते स्थानीय पुलिस उन्हें गिरफ्तारी नहीं कर पाती। कमलेश तिवारी हत्याकांड के आरोपितों का भी यही प्लान था। वह हत्या के बाद बरेली आए और इसके बाद सड़क के रास्ते लखीमपुर खीर के पलिया पहुंचे और यहां से नेपाल तक पहुंच गए। नेपाल पहुंचने के बाद उनका प्लान उस समय फेल हुआ जब वह यहां रुकने की जुगाड़ लगा रहे थे। नेपाल के रास्ते टेरर फं¨डग की बात सामने आने पर वहां सख्ती कर दी गई है। यह जब अंदर की ओर बढ़ रहे थे तो वहां चल रही चेकिंग व अन्य सुरक्षा इंतजामों को देख वह वापस पलिया आ गए। पलिया से ही उन्होंने शाहजहांपुर के लिए कार बुक की थी। कार चालक की गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ व अन्य तथ्यों के सामने आने पर उनके नेपाल तक पहुंचने की बात सामने आई है।

पीलीभीत में पहले छोड़ा फिर पकड़ा

पीलीभीत के एक गांव में रहने वाले युवक को एसटीएफ ने सोमवार को पकड़ा था। उसी रात छोड़ा मगर कुछ ही देर बाद दोबारा पकड़ लिया। कहा जा रहा कि वह भी आरोपितों के संपर्क में था।

शाहजहांपुर में चल रही सघन चेकिंग

फुटेज मिलने के बाद शाहजहापुंर में सोमवार से ही सघन चेकिंग शुरू कर दी गई थी। जिले के बॉर्डर पर नाकाबंदी कर दी। हालांकि आरोपित वहां से निकलने में कामयाब हो गए। दूसरी ओर दोनों ने जिस कार का उपयोग किया था, वह व चालक को एटीएस लखनऊ ले गई।


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