झुमके के शहर में खोया जुबली पार्क, ऐसे खोज रहा बरेली प्रशासन Bareilly News
नजूल की जमीनों में हुए खेलों को छिपाना थोड़ा मुश्किल होने वाला है। डीएम नितीश कुमार शहर की नजूल भूमि के सर्वे करवाने की तैयारी कर रहे हैं।
बरेली, जेएनएन। नजूल की जमीनों में हुए खेलों को छिपाना थोड़ा मुश्किल होने वाला है। डीएम नितीश कुमार शहर की नजूल भूमि के सर्वे करवाने की तैयारी कर रहे हैं। एडीएम एफआर मनोज कुमार ने नायब तहसीलदार, लेखपाल और नगर निगम के संबधित अधिकारी, कर्मचारी के साथ बैठक की। सर्वे के अंतिम ब्लू प्रिंट के साथ अगले सप्ताह दोबारा बैठक होनी है।
नजूल की जमीनों के विवादित मामलों में रसूखदार फायदा उठाते रहे हैं। अक्षर विहार और गायब हो चुुके जुबली पार्क सभी नजूल के मामले हैं। शहर के बीचो बीच सिविल लाइंस के क्षेत्र में पांच हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्रफल में जुबली पार्क था। जिसका अब नामोनिशान मिट चुका है। पार्क की सीमाओं में घिरी जमीन का लैंड यूज बदले बिना संजय कम्यूनिटी हॉल, एलन क्लब, फायर ब्रिगेड, मेयर आवास बनाया जा चुका है। इस सर्वे में सबसे पहले जुबली पार्क के एरिया का सर्वे होना है। इसके बाद अक्षर विहार का सर्वे रिपोर्ट आएगी।
सर्वे रिपोर्ट करेगी बड़ा खुलासा सूत्रों का कहना है कि नजूल की जमीन का सर्वे पूरा होने और रिकार्ड का मिलान पर सरकारी जमीनों के हेरफेर का बड़ा खुलासा हो सकता है। पूरे प्रदेश में नजूल रिकार्ड कलेक्ट्रेट में रखा जाता है लेकिन बरेली में इसे नगर निगम में रखा गया है। सूत्रों का यह भी कहना है कि कई मामलों में रिकार्ड तक नहीं मिल रहे हैं। डीएम को शिकायतें भी मिली थीं कि नजूल की जमीनों पर कब्जाकर उनका रिकार्ड गायब करा दिया गया है। इस पर उन्होंने नजूल भूमि का सर्वे करने का आदेश दिया था।
इससे पहले नजूल की जमीनों के सर्वे 2007 में हो चुके हैं। इसके बाद एक प्रयास 2014 में हुआ था, लेकिन सर्वे पूरा नहीं करवाया जा सका था। सर्वे में सामने आएगा कि कितनी जमीन खाली है। कितनी नजूल की है। नजूल की जमीनों पर कहां-कहां कब्जे है। - मनोज कुमार पांडेय, एडीएम वित्त