सैकड़ों की मौत के बाद जो इंतजाम हुए , उन्हें कबाड़ बना दिया
खतरनाक फाल्सीपेरम के मरीज मिलने कम हुए, लेकिन पूरी तरह खत्म नहीं हुए हैं।
जागरण संवाददाता, बरेली: खतरनाक फाल्सीपेरम के मरीज मिलने कम हुए, लेकिन पूरी तरह खत्म नहीं हुए हैं। बावजूद इसके महिला अस्पताल की बिल्डिंग में बने फाल्सीपेरम वार्ड को स्टोर बना दिया गया। जेडी हेल्थ डॉ. एसपी अग्रवाल ने निरीक्षण के दौरान यह देखा तो नाराजगी जताई। उन्होंने दोनों मैट्रन को बुलाकर वार्ड को खाली करवाने के निर्देश दिए।
एडी हेल्थ डॉ. प्रमिला गौड़ के निर्देश पर गुरुवार को जेडी हेल्थ डॉ. एसपी अग्रवाल सबसे पहले महिला अस्पताल में बने बुखार वार्ड को देखने के लिए गए। वहां पहली मंजिल पर बीस बेड पड़े थे, लेकिन मरीज नहीं थे। दूसरी मंजिल पर वार्ड में कुछ मरीज थे, कुछ बेड खाली पड़े थे। वही, फाल्सीपेरम वार्ड में बेड, मच्छरदानी लगी थी, लेकिन मरीज नहीं थे। वार्ड को स्टाफ ने सामान रखकर स्टोर बना डाला था। बिल्डिंग के फर्श, कोनों, गैलरी, शौचालय में भीषण गंदगी थी। कूड़ा फैला हुआ था। इस पर सीएमएस को सफाई करवाने के निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने पुरुष अस्पताल का इमरजेंसी वार्ड, बच्चा वार्ड, फीवर वार्ड और डेंगू वार्ड देखा। डेंगू वार्ड में दो संदिग्ध मरीज भर्ती थे। बच्चा वार्ड में एक मरीज को खून चढ़ रहा था। पूछने पर उसने बताया कि आइएमए से खून लाए हैं। इस पर जेडी ने पैथोलॉजिस्ट को बुलाकर मरीजों को अपने ब्लड बैंक से ही खून उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने एलाइजा किट से जांच की रिपोर्ट भी एक दिन में ही मरीजों को देने के निर्देश दिए। बच्चा वार्ड के सामने पानी भरा था, जिसमें मच्छर पनप रहे थे। इस दौरान डॉ. हरीश चंद्रा, डा. गंगाचरण आदि मौजूद रहे।