सफाईकर्मी नहीं..अब होंगे स्वच्छता के सिपाही
सफाई करने वालों को सफाईकर्मी नहीं बल्कि स्वच्छता के सिपाही के तौर पर जाना जाएगा।
जागरण संवाददाता, बरेली : भारत तिब्बत सीमा पुलिस में अब सफाई करने वालों को सफाईकर्मी नहीं बल्कि स्वच्छता के सिपाही के तौर पर जाना जाएगा। दैनिक जागरण की ओर से आइटीबीपी, बुखारा कैंप में गुरुवार को आयोजित सम्मान समारोह में क्षेत्रीय मुख्यालय के डीआइजी एपीएस निंबाडिया ने यह घोषणा कैंप सभागार में की। उन्होंने कहा कि दैनिक जागरण ने देश में स्वच्छता की पहली सीढ़ी को इतना अहम बनाकर आम जनता के साथ ही आइटीबीपी को भी सबक दिया है। वहीं, प्रशस्ति पत्र के साथ दिया गया नाम 'स्वच्छता के सिपाही' भी उनके सम्मान को बढ़ाने वाला है। आयोजित सम्मान समारोह में आइटीबीपी क्षेत्रीय मुख्यालय के डीआइजी निंबाडिया ने सभी को प्रशस्ति पत्र देने के साथ ही माला पहनाकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता कोई नई बात नहीं है। बचपन में ही माता-पिता सफाई रखने के बाबत सिखाते हैं। उन्होंने कहा कि झाडू को लेकर लोगों का नजरिया बदला है।
अब हर दो अक्टूबर को सम्मान
दैनिक जागरण की पहल की सराहना करने के साथ ही डीआइजी एपीएस निंबाडिया ने कहा कि अब हर दो अक्टूबर यानी गांधी जयंती पर आइटीबीपी, क्षेत्रीय मुख्यालय में स्वच्छता के सिपाहियों का सम्मान किया जाएगा। उन्होंने आइटीबीपी में सफाई के लिए खरीदी नई मशीनों का भी उद्घाटन स्वच्छता के सिपाहियों से कराया। साथ ही कहा कि अब सफाई करने का तरीका बदला और ज्यादा सुरक्षित है, इसे स्वीकार करें। सम्मान पाकर बढ़ी आंखों की चमक
डीआइजी ने सम्मानित करने के बाद कैंप के सबसे वरिष्ठ और कनिष्ठ स्वच्छता के सिपाही को अपने अनुभव बांटने के लिए मंच पर बुलाया। तृतीय वाहिनी के सिपाही पप्पूराम ने बताया कि सालों की नौकरी में कभी इतना सम्मान नहीं मिला। वहीं, 14वीं वाहिनी के सिपाही विपिन कुमार ने स्वच्छता के प्रति बदलती सोच की सराहना की। सम्मान समारोह में ये भी रहे मौजूद
सेनानी स्टाफ अनिल कुमार अकारनिया, द्वितीय कमान अनिल कुमार, द्वितीय कमान कलीम मसूद खान (तृतीय बटालियन), उप सेनानी भइयालाल, सहायक सेनानी विकास धनकर, सहायक सेनानी पवन कुमार, सहायक सेनानी वीर व हिमवीर जवान मौजूद रहे।