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Jagran Impact : बरेली में जेवर बिकवाने और जमीन गिरवी रखवाने वालों पर होगी कार्रवाई, खुफिया विभाग तैयार कर रहा सूदखोरों की कुंडली

सूदखोरों ने कर्जदारों को अपने चंगुल में फंसाकर उनकी संपत्ति अपने नाम करा ली। जेवर बिकवा दिए जमीन गिरवी रखवा दी। कोरोना काल में सूदखोरी के बढ़ते मामलों को देखते हुए दैनिक जागरण ने सूदखोरों के खिलाफ सूदखोरी का दंश अभियान चलाया।

By Ravi MishraEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 10:44 AM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 01:54 PM (IST)
Jagran Impact : बरेली में जेवर बिकवाने और जमीन गिरवी रखवाने वालों पर होगी कार्रवाई, खुफिया विभाग तैयार कर रहा सूदखोरों की कुंडली
Jagran Impact : बरेली में जेवर बिकवाने और जमीन गिरवी रखवाने वालों पर होगी कार्रवाई

बरेली, जेएनएन।  : सूदखोरों ने कर्जदारों को अपने चंगुल में फंसाकर उनकी संपत्ति अपने नाम करा ली। जेवर बिकवा दिए, जमीन गिरवी रखवा दी। कोरोना काल में सूदखोरी के बढ़ते मामलों को देखते हुए दैनिक जागरण ने सूदखोरों के खिलाफ सूदखोरी का दंश अभियान चलाया। हर दिन सूदखोरों द्वारा कर्जदारों का उत्पीड़न किए जाने के नए-नए मामले सामने आए जिसे दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया। दैनिक जागरण के अभियान के बाद अब खुफिया विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। खुफिया विभाग कर्जदारों से सीधे संपर्क कर सूदखोरों की कुंडली तैयार करने में जुट गया है।

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खुफिया विभाग ने सूदखोरी के चंगुल में फंसे कर्जदारों से संपर्क शुरू कर दिया है। कर्जदार से सूदखोर द्वारा दी गई रकम के बारे में जानकारी की जा रही है। यह भी जानकारी की जा रही है कि सूदखोर की वर्तमान स्थिति क्या है और बीते सालों में उसकी स्थिति क्या थी। कर्जदारों को देने वाली राशि सूदखोर कहां से लाता हैं। वह लाइसेंस धारी हैं कि नहीं। इन सब बिंदुओं पर कुंडली तैयार कर खुफिया विभाग सूदखोरों की एक रिपोर्ट तैयार करेगा।

रिपोर्ट तैयार कर यह जानकारी जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी। इसी के बाद सूदखोरों के खिलाफ आगे की कार्रवाई तय होगी। सूदखोर से लाइसेंस के साथ आय का जरिया जैसे कई बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी जाएगी। जानकारी न देने पर सूदखोर के खिलाफ कार्रवाई के साथ कर्ज देकर उत्पीड़न मामले में भी कार्रवाई होगी। ऐसे में कर्ज के चंगुल तले आम लोगों को दबाने वाले सूदखोर अब जल्द ही कानून के शिकंजे में होंगे।

शहर के साथ गांव में भी डेरा डालेगी टीम

सूदखोरी के फैले रैकेट को जानने के लिए टीम शहर के साथ गांवों में भी डेरा डालेगी। पीड़ित से बात के बाद संबंधित सूदखोर के साथ अन्य सूदखोर के बारे में भी जानकारी जुटाई जाएगी। यहीं नहीं सूदखोरों की मदद करने वालों लोगों का अलग से डाटा तैयार किया जाएगा। इसके लिए खुफिया विभाग ने कर्जदारों से संपर्क करना शुरू कर दिया है।


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