Move to Jagran APP

Jagran Column : लखनऊ में मजबूत है मैडम की पकड़ Bareilly News

खाद्य आपूर्ति विभाग की मंडल व जिले वाली मैडम के किस्से के खूब सुनने में आ रहे। दोनों के बीच पटरी नहीं बैठती यह सभी को पता है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Thu, 30 Jan 2020 08:58 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2020 05:58 PM (IST)
Jagran Column : लखनऊ में मजबूत है मैडम की पकड़ Bareilly News
Jagran Column : लखनऊ में मजबूत है मैडम की पकड़ Bareilly News

शांत शुक्ला, बरेली :  खाद्य आपूर्ति विभाग की मंडल व जिले वाली मैडम के किस्से के खूब सुनने में आ रहे। दोनों के बीच पटरी नहीं बैठती, यह सभी को पता है। हां, वजह को लेकर सभी के अपने-अपने तर्क हैं। फिलहाल दोनों के बीच तल्खी इस कदर बढ़ी कि मंडल वाली मैडम ने उनके खिलाफ रिपोर्ट बनाकर कमिश्नर रणवीर प्रसाद को भेज दी। एक बार की रिपोर्ट में कुछ नहीं हुआ तो दूसरी और फिर तीसरी बार भी ऐसा ही किया। वहां से रिपोर्ट शासन तक पहुंच गई तो लगा कि इस बार मंडल वाली मैडम भारी पड़ जाएंगी। इंतजार हो रहा था कि लखनऊ से कोई संदेश आए। वहां से कागज तो आया मगर टेंशन इतनी भर हुई कि उन्हें जवाब लिखकर भेजना पड़ा। दोनों के बीच खींचतान अभी भी जारी है। माहौल देख कर्मचारी कह रहे, इगो तो बड़ी चीज है ही, मगर लखनऊ में पकड़ भी मजबूत है।

loksabha election banner

आदेश से निर्देश गायब 

जिला प्रोबेशन अधिकारी नीता अहरवार आजकल बहुत टेंशन में हैं। एक तो सुमंगला योजना का लक्ष्य अभी बहुत दूर है। वहीं एक और आदेश उनके लिए परेशानी की वजह बन गया है। चार महीने पहले महिलाओं से जुड़ी योजनाओं की समीक्षा करने के लिए तीन सदस्यीय महिला नोडल अधिकारियों की टीम आई थी। टीम बैठक कर वापस लौट गई। उसके बाद सबकुछ शांत रहा। अब अचानक मैडम के पास आदेश आया है कि महिलाओं से जुड़े मामलों मे निर्देशों का पालन किया जाए। वह उस कागज को बार-बार पलटती रहीं मगर निर्देश कहां लिखे हैं, नहीं दिखे। अब मैडम टेंशन में हैं कि कौन से निर्देशों का पालन करें। फिR इस बात की भी है कि निर्देश पूरे न किए तो नोडल अधिकारियों वाली टीम का कोई फंसाने वाला आदेश न आ जाए। विभाग के कुछ लोग इस पर चुटकी ले रहे, क्या आदेश वाले निर्देश आपको पता हैं।

पोस्टर पर उतरा गुस्सा 

बीते दिनों संजय कम्युनिटी हाल में महिला कल्याण विभाग की तरफ से कामन सर्विस सेंटर संचालकों को ट्रेनिंग देने के लिए बुलाया गया था। उन्हें सुमंगला योजना के लाभार्थियों को फायदा पहुंचाने और उन्हें जागरूक करने की जानकारी दी गई। इसके लिए पोस्टर भी बांटने के लिए रखे गए थे। कार्यक्रम खत्म हुआ, बात भी खत्म। पूरा जोर पोस्टर झपटने में लगा दिया गया। छीनाझपटी में जिनके हाथ कुछ नहीं आया वे भन्नाए हुए नाश्ते वाली टेबल की ओर बढ़ गए। तब तक वहां भी बर्तन खाली हो चुके थे। गुस्सा अब सातवें आसमान पर था। इधर-उधर देखा। कुछ हाथ न आया दूसरों के हाथ से पोस्टर लिए और फाड़ दिए। पांच हजार की कीमत वाला स्टैंड उठाकर चल दिए। सबकुछ निपटा तो विभाग के अधिकारी हैरान रह गए। यह सोचकर कि जिन्हें जागरुकता के पोस्टर लगाने थे, वे ही नाश्ते के लिए उन्हें फाड़कर चलते बने।

साहब का मूड ऑफ है

जिला उद्योग केंद्र के कर्मचारी इन दिनों बड़ी टेंशन में हैं। वजह पूछो तो बड़े साहब के कमरे की ओर इशारा कर देते हैं। दुखती रग पर हाथ रखा जाता है तो उन पुराने दिनों को बयां करने लगते हैं जिनकी वजह से साहब का मूड खराब रहने लगा। दरअसल, बीते दिनों जिले के नोडल अधिकारी नवनीत सहगल ने समीक्षा बैठक की थी, तब उद्योग केंद्र के बड़े साहब को खूब कस दिया था। योजनाओं की धीमी गति पाई इसलिए उन्हें तेज गति वाली आवाज से हड़का दिया। बड़े साहब लौटकर आए तो सारा गुस्सा कर्मचारियों पर उड़ेल दिया। अधीनस्थों को तलब कर लिया, लाइन लगाकर सबको हड़काया। भन्नाए कर्मचारी भी कब तक बर्दाश्त करते। साहब के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सीडीओ सत्येंद्र के पास पहुंचे तो मामला ठंडा हुआ। अब सत्येंद्र कुमार चले गए, कर्मचारी फिर टेंशन में हैं कि बड़े साहब पुराना हिसाब न बराबर कर लें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.