क्रासिंग पर दोनों ओर रेलवे बनाएगा अंडरपास
आइवीआरआइ क्रासिंग पर ओवरब्रिज के निर्माण की लागत बढ़ गई है।
जागरण संवाददाता, बरेली : आइवीआरआइ क्रासिंग पर ओवरब्रिज के निर्माण की लागत बढ़ गई है। रेलवे ने ओवरब्रिज के डिजाइन में सड़क के दोनों ओर दो अंडरपास भी जोड़ दिए हैं। इसके साथ ही पुल की लंबाई भी बढ़ाई है। सेतु निगम ने बीते दिनों जीएसटी लगाकर रिवाइज एस्टीमेट शासन को मंजूरी के लिए भेजे थे। शासन ने एस्टीमेट पीडब्ल्यूडी को जांच के लिए वापस कर दिए हैं।
सपा सरकार में मार्च 2016 में आइवीआरआइ रेलवे क्रासिंग पर ओवरब्रिज को मंजूरी मिली थी। इसके लिए शासन ने 38 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया था। इसमें रेलवे के हिस्से में करीब दस करोड़ रुपये और सेतु निगम को 28 करोड़ रुपये खर्च करने थे। सरकार ने अब तक स्वीकृत धनराशि सेतु निगम को उपलब्ध करा दी है। ओवरब्रिज के साथ ही पैदल लोगों को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने पुल का डिजाइन कुछ बदला है। रेलवे वहां सड़क के दोनों ओर अंडरपास भी बनाएगा, ताकि पैदल व दो पहिया वाहनों को लाभ हो सके।
रिवाइज एस्टीमेट मंजूरी का इंतजार
रेलवे ने दो अंडरपास बनाने के चलते अपने एस्टीमेट को दस करोड़ से बढ़ाकर 19 करोड़ रुपये किया है। इसके साथ ही सेतु निगम ने भी करीब सात करोड़ एस्टीमेट बढ़ाया है। रिवाइज एस्टीमेट में 12 फीसद जीएसटी भी जोड़ी गई है। सेतु निगम ने रिवाइज एस्टीमेट शासन की मंजूरी को भेज दिया है। उसकी मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है।
मुख्य अभियंता के पास पहुंचे एस्टीमेट
शासन की नई गाइडलाइन के अनुसार सेतु निगम के सभी एस्टीमेट शासन से पास कराने से पहले पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता के पास चेक होंगे। उसके बाद ही एस्टीमेट शासन को भेजे जाएंगे। इसी के चलते सेतु निगम द्वारा भेजे गए रिवाइज एस्टीमेट शासन ने पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता के पास जांच को भेज दिए हैं।
करीब 90 फीसद पूरा हुआ काम
सेतु निगम के अधिकारियों के अनुसार उन्हें पूरे पुल का करीब 80 फीसद निर्माण करना है। इसमें से करीब 90 फीसद काम उन्होंने पूरा कर लिया है। क्रासिंग के दोनों ओर पुल तैयार है। बीच में दो डेक बननी है, जो रेलवे के काम पूरा करने के दो माह में पूरी कर ली जाएगी। वर्जन
ओवरब्रिज निर्माण के लिए रिवाइज एस्टीमेट शासन को भेजा गया है। करीब 90 फीसद निर्माण पूरा हो चुका है। क्रासिंग के ऊपर रेलवे का काम बचा है। उसके बनते ही सेतु निगम भी बचा हुआ काम पूरा कर लेगा।
एसके गर्ग, डीपीएम, सेतु निगम