रुहेलखंड विश्वविद्यालय में तीन साल से कम अनुभव वाले नहीं बनेंगे आंतरिक परीक्षक
रुहेलखंड विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों में स्नातक व परास्नातक की प्रयोगात्मक एवं मौखिक परीक्षाओं में आंतरिक परीक्षक बनने के लिए कम से कम तीन साल पढ़ाने का अनुभव होना जरूरी है। यह वही शिक्षक होंगे जो राजकीय महाविद्यालयों में संविदा या अनुदानित महाविद्यालयों में मानदेय पर तैनात होंगे।
बरेली, जेएनएन। रुहेलखंड विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों में स्नातक व परास्नातक की प्रयोगात्मक एवं मौखिक परीक्षाओं में आंतरिक परीक्षक बनने के लिए कम से कम तीन साल पढ़ाने का अनुभव होना जरूरी है। यह वही शिक्षक होंगे जो राजकीय महाविद्यालयों में संविदा या अनुदानित महाविद्यालयों में मानदेय पर तैनात होंगे। वर्तमान में भी उसी कॉलेज में पढ़ा रहे हों और उन्हें सरकारी कोष से वेतन दिया जा रहा हो। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक संजीव कुमार ने महाविद्यालयों को पत्र जारी कर ऐसे शिक्षकों की सूची मांगी है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में होने वाली यूजी-पीजी की प्रयोगात्मक एवं मौखिक परीक्षाओं के लिए आंतिरक परीक्षकों की ड्यूटी लगाई जानी है। इसके लिए ब्योरा तलब किया गया है। आंतरिक परीक्षकों के नाम वरीयता चक्र क्रमानुसार प्रस्तावित कर पांच दिसंबर तक देने के लिए कहा गया है। वाह्य एवं आंतरिक परीक्षकों की एक सूची प्राचार्यों को भेजी जाएगी। वहां से परीक्षकों को सूचित किया जाएगा। नियुक्त परीक्षक के न आने पर विश्वविद्यालय नया परीक्षक देगा।
ये भी मानक
- सेवानिवृत्त होने के बाद पुन : नियुक्त मानदेयक शिक्षकों के नाम सूची में शामिल नहीं होंगे।
- स्ववित्त पोषित महाविद्यालयों एवं पाठ्यक्रमों में अर्ह परीक्षक उपलब्ध न होने पर विश्वविद्यालय राजकीय एवं एडेड कॉलेजों से ऐसे परीक्षक की ड्यूटी लगाएंगे।
- अनुदानित महाविद्यालयों में जो पाठ्यक्रम सेलफ फाइनेंस मोड पर संचालित हैं। उनमें आंतरिक परीक्षकों के नाम की संस्तुति दूसरे एडेड कॉलेजों से नहीं की जा सकेगी।