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Insurance Sector News : विशेषज्ञ बाेले- अपडेट रखेंगे नाॅॅमिनी ताे आसानी से हाेगा बीमा पालिसी का भुगतान

Insurance Sector News कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में कई परिवारों ने अपने मुखिया युवा बेटों को खोया है। उनके अचानक चला जाने से परिवार को बीमा कंपनी और बैंक से मिलने वाले भुगतान में नॉमिनी का नाम अपडेट न होने से काफी परेशानी हुई। इसके लिए जरूरी है

By Ravi MishraEdited By: Published: Fri, 09 Jul 2021 07:52 AM (IST)Updated: Fri, 09 Jul 2021 07:52 AM (IST)
Insurance Sector News : विशेषज्ञ बाेले- अपडेट रखेंगे नाॅॅमिनी ताे आसानी से हाेगा बीमा पालिसी का भुगतान
Insurance Sector News : विशेषज्ञ बाेले- अपडेट रखेंगे नाॅॅमिनी ताे आसानी से हाेगा बीमा पालिसी का भुगतान

बरेली, जेएनएन। Insurance Sector News : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में कई परिवारों ने अपने मुखिया, युवा बेटों को खोया है। उनके अचानक चला जाने से परिवार को बीमा कंपनी और बैंक से मिलने वाले भुगतान में नॉमिनी का नाम अपडेट न होने से काफी परेशानी हुई। इसके लिए जरूरी है कि नॉमिनी पहले से नियुक्त हो। नॉमिनी अपडेट कराने के लिए अपनी जीवन बीमा पॉलिसियों, म्यूचुअल फंड, स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी, बचत खाते, पीपीएफ अकाउंट, प्रोपराइटर फर्म के चालू खाते के कागजात को ठीक से पढ़ लेना चाहिए।

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बीमा पॉलिसियों, म्यूचुअल फंड लेते समय नॉमिनी अवश्य नियुक्त किया जाना चाहिए। नॉमिनी की मृत्यु होने पर तुरन्त परिर्वतन करा देना चाहिए। इसके अलावा बैंक के बचत खाता, एफडीआर, पीपीएफ अकाउंट आदि में भी नॉमिनी नियुक्त किया जाना जरूरी है। शादी के बाद भी नॉमिनी परिवर्तित करने के मामले में लोगो को लापरवाही बरतते देखा गया है।

यदि आपका बचत खाता पीपीएफ अकाउंट बहुत पुराना है तो उसमे नॉमिनी चेक अवश्य करा ले। हाल में ही एक परिवार में पत्नी की मृत्यु होने पर जब बैंक में जानकारी की गई तो बचत खाते, एफडी आर, पीपीएफ अकाउंट में कोई भी नॉमिनी नियुक्त नहीं था। यदि बैंक में जमा खातों में नॉमिनी नियुक्त किया गया है तो बैंक आसानी से नॉमिनी को भुगतान कर देगा।

नॉमिनी अपडेट न होने से भुगतान में होती देरी

बीमा सलाहकार अनुज अग्रवाल का कहना है बैंक में पॉलिसी बंधक रखने की परंपरा तेजी से बढ़ रही है उनका कहना है बैंक लोन चुकाने के बाद पालिसी में फिर से नॉमिनी नियुक्त किया जाना जरूरी होता है। इस मामले में लोग बिना नॉमिनी नियुक्त किए बांड बैंक से वापस ले लेते हैं। यदि पॉलिसी मैच्योरिटी से पूर्व पॉलिसी धारक की मृत्यु हो जाती है तो परिवार को उत्तराधिकार प्रमाण पत्र कोर्ट से लेना होता है भुगतान में अनावश्यक विलंब होता है। बताया कि बैंक में जीवन बीमा पॉलिसी कभी भी बंधक नहीं रखना चाहिए क्योंकि जीवन बीमा से मिलने वाली राशि परिवार का इमरजेंसी फंड होता है।


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