Positive India: बिहार जा रहे मजदूर के पैरों में दिखे छाले तो इंस्पेक्टर ने पहनाए अपने जूते
इंस्पेक्टर की निगाह लंगड़ाकर चलते नन्हे पर पड़ी। उनके पैरों में छाले थे नंगे पैर चले आ रहे थे। बोले कि रास्ते में पत्नी की चप्पल टूट गई थी। उनके पैरों में छाले पड़े तो मैंने अपने
बरेली, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर देश में चल रहे लॉकडाउन के दौरान पुलिस ने जरुरतमंदों की मदद के सारे दरवाजे खोल दिए हैं। एक तरफ स्थानीय लोगों से लॉकडाउन का पालन कराया जा रहा है तो दूसरी तरफ दिल्ली-गाजियाबाद से अपने घर के लिए पैदल निकले यात्रियों को भोजन वितरण कर मदद की जा रही है।
मंगलवार को हाफिजगंज इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह ने मिसाल पेश की। दिल्ली से बिहार जाने के लिए मजदूर नन्हे खान पत्नी नरगिस व दो बच्चों को लेकर पैदल ही निकल पड़े। मंगलवार को वह हाफिजगंज पहुंचे। वहां इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह भोजन वितरण कर रहे थे। उन्होंने नन्हे व उनके परिवार को खाना दिया। इसी दौरान इंस्पेक्टर की निगाह लंगड़ाकर चलते नन्हे पर पड़ी। उनके पैरों में छाले थे, नंगे पैर चले आ रहे थे। बोले कि रास्ते में पत्नी की चप्पल टूट गई थी। उनके पैरों में छाले पड़े तो मैंने अपने जूते दे दिए। खुद परेशान होकर चलते रहे मगर घर पहुंचने की फिक्र में वह दर्द भी महसूस नहीं किया।
यह देखकर इंस्पेक्टर ने अपने जूते निकाले और नन्हे को पहनने के लिए दे दिए। इंस्पेक्टर को ऐसा करते देख नन्हे व पत्नी की आंखें भर आईं। सुबकने लगे। आपबीती सुनाई कि दिल्ली से करीब तीन सौ किमी पैदल चलते हुए यहां तक आ गए। रास्ते में कई परेशानियां आईं, मगर घर जाने की फिक्र है। दिल्ली में रहने, खाने का ठिकाना नहीं रहा। बार्डर सील हैं, आगे कैसे पहुंचेंगे, इस सवाल पर वह बोले, जहां तक हो सकेगा, चलते जाएंगे। सरकार ने हमारे बारे में कुछ तो सोचा ही होगा। उन्हें बताया गया कि सीमा पर बने क्वारंटइन सेंटर में ठहर सकते हैं। वह हामी भरते हुए आगे निकल गए। इसके बाद इंस्पेक्टर ने वहां उपस्थित सिपाही से चप्पलें मंगवाई, इसके बाद थाने पहुंचे।