खुदकशी मामले में दारोगा निलंबित, Bareilly News
दुष्कर्म के प्रयास के आरोपितों से दोस्ती निभाने वाले विवेचक को एसएसपी ने निलंबित कर दिया। पीड़िता की तहरीर फेंकने वाले थाने के मुंशी को लाइन कर दिया गया।
जेएनएन, बरेली: दुष्कर्म के प्रयास के आरोपितों से दोस्ती निभाने वाले विवेचक को एसएसपी ने निलंबित कर दिया। पीड़िता की तहरीर फेंकने वाले थाने के मुंशी को लाइन कर दिया गया। अधिकारी सक्रिय हुए मगर तब, जब पीड़िता परेशान होकर खुदकशी कर चुकी।
भमोरा क्षेत्र में रहने वाले किशोरी 11 सितंबर को पशुओं का चारा लेने जंगल गई थी। इसी दौरान दो लड़कों ने उससे दुष्कर्म की कोशिश की। पीड़िता ने घर आकर घटना की जानकारी दी तो पिता उसे लेकर थाने पहुंचे। मगर, वहां मुंशी ने तहरीर फेंक दी। इसके बाद युवती ने 1090 पर फोन किया। दूसरे दिन महिला हेल्प लाइन से लोग थाने पहुंचे। तब भी थाने में पीड़िता की रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। इसके बाद पीड़िता जब अधिकारियों के यहां आई तब रात में भमोरा थाने में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। विवेचना कर रहे दारोगा बलवीर सिंह ने पूरे मामले में आरोपितों के साथ दिखे। छेड़छाड़ व मारपीट के मामले में वह कभी मेडिकल तो कभी बयान देने आदि को लेकर बार-बार पीड़िता को बुला रहे थे। बार-बार गांव से चौकी आने वहां घंटों खड़े रहने फिर पुलिस के बात करने के तरीके से पीड़िता खासी आहत थी। वहीं गांव के कुछ दबंग व आरोपित उसका मजाक बनाने लगे। जिससे आहत होकर पीड़िता ने सोमवार को घर में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
जांच के बाद दोषी के खिलाफ होगी कार्रवाई
पीड़िता के आत्महत्या करने के बाद मामले की जांच शुरू हुई। प्रथम दृष्टया विवेचक बलवीर सिंह को दोषी मानते हुए एसएसपी ने उन्हें निलंबित कर दिया। मुंशी संदीप को लाइन हाजिर कर दिया। इसके साथ ही पूरे घटनाक्रम की जांच के आदेश कर दिए। एसएसपी शैलेश पाण्डेय ने कहा कि इसकी भी जांच होगी कि 11 सितंबर की घटना थी तो मुकदमा 13 सितंबर को क्यों लिखा गया। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
तंज कसने वाले चारों आरोपितों को भेजा जेल
मामला मीडिया के जरिये जब चर्चा में आया तब अधिकारी हरकत में आए। थाना पुलिस को फटकारा, जिसके बाद दुष्कर्म के प्रयास के दोनों आरोपितों धीरसिंह पुत्र शिवचरन व दुर्वेश पुत्र गंगाराम को कोहनी के मंदिर के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। पीड़िता के परिजनों का कहना है कि यदि पुलिस पहले ही सख्त कदम उठा लेती तो बेटी की जान नहीं जाती। मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद किशोरी का गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया।
आरोप है कि घटना के बाद गांव में रहने वाला रोजगार सेवक रमेश व उसका भाई अशोक पीड़िता पर तंज कसता था। ये दोनों बहजोई में तैनात दारोगा खूब चंद के बेटे हैं। इन दोनों को घटना वाली शाम सोमवार को ही गिरफ्तार कर लिया गया था। मंगलवार को चारों आरोपितों को जेल भेज दिया गया। घटना की जानकारी होने पर दारोगा खूब चंद गांव पहुंचे। कहा कि उनके बेटों को बेवजह फंसाया गया है।