बदायूं में किसान के आत्मदाह मामले की इनसाइड स्टोरी, बेटे ने किया माफ, पर पुलिस ने चार कर्मियों का माना दोषी
Badaun Farmer Self immolation Case एसएसपी कार्यालय में रसूलपुर बिलहरी निवासी किसान कृष्णपाल ने पुलिस की एकतरफा कार्रवाई और दबंगों के आतंक से परेशान होकर आत्मदाह कर लिया था। इस मामले में निलंबित पुलिस कर्मियों की विभागीय जांच एसपी देहात कर रहे थे।
जागरण संवाददाता, बदायूं। Badaun Farmer Self immolation Case : एसएसपी कार्यालय में रसूलपुर बिलहरी निवासी किसान कृष्णपाल ने पुलिस की एकतरफा कार्रवाई और दबंगों के आतंक से परेशान होकर आत्मदाह कर लिया था। इस मामले में निलंबित पुलिस कर्मियों की विभागीय जांच एसपी देहात कर रहे थे। कुछ दिन पहले किसान के बेटे द्वारा एक शपथ पत्र एसपी देहात को सौंपा गया। इसमें उसने कहाकि वह नहीं चाहता कि पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई हो।
लेकिन एसपी देहात ने जांच में पूर्व चौकी इंचार्ज और मंडी चौकी के दोनों निलंबित सिपाही व थाने के मुंशी को दोषी मानते हुए रिपोर्ट एसएसपी को सौंप दी है। किसान के आत्मदाह करने के बाद एसएसपी डा. ओपी सिंह ने सिविल लाइंस थाने के इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित किया था। इसके बाद मामले की जांच एसपी देहात को सौंपी थी। एसपी देहात सिद्धार्थ वर्मा ने करीब 40 दिन तक इस मामले की जांच की।
इसमें उन्होंने सभी निलंबित पुलिस कर्मियों और आत्मदाह करने वाले किसान कृष्णपाल के बेटे व परिवार के लोगों के बयान दर्ज किए। जांच के दौरान ही इंस्पेक्टर सिविल लाइंस राजकुमार तिवारी को बहाल कर दिया गया था। पूरे मामले में कहीं से भी उनका कोई दोष या गलती सामने नहीं आई थी।
सूत्र बताते हैं कि जांच खत्म होती इससे पहले ही कृष्ण पाल के बेटे ने पुलिस को शपथ पत्र देते हुए कहाकि वह पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई नहीं चाहता। लेकिन एसपी देहात सिद्धार्थ वर्मा पुलिस कर्मियों की विभागीय जांच कर रहे थे। इस मामले में कहां चूक रही। इसका आंकलन करते हुए उन्होंने दारोगा समेत चार पुलिस कर्मियों को दोषी माना है। इसमें सिविल लाइंस थाने के मुंशी का नाम बाद में जांच में शामिल किया गया है।
हालांकि मुंशी की शिकायत अलग से हुई थी, जिसकी जांच भी अलग हो रही है। अब एसएसपी को रिपोर्ट सौंप दी गई है। वहीं आगे की कार्रवाई करेंगे। एसएसपी डॉ. ओपी सिंह ने बताया कि शपथ पत्र दिया गया है, वह अलग बात है। विभागीय जांच में चार पुलिस कर्मी दोषी पाए गए हैं। उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।