International conference: इंडोनेशिया दुनिया का पहला देश जहां 2020 में काम करेंगे एआइ रोबोट Bareilly News
अगले साल से इंडोनेशिया में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) से तैयार रोबोट सरकारी दफ्तरों में अधिकारियों की जगह ले लेंगे। यही रोबोट सारा काम करेंगे।
जेएनएन, बरेली। अगले साल से इंडोनेशिया में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) से तैयार रोबोट सरकारी दफ्तरों में अधिकारियों की जगह ले लेंगे। यही रोबोट सारा काम करेंगे। यह बातें शुक्रवार को रुहेलखंड विश्वविद्यालय पहुंचे जकार्ता, इंडोनेशिया के सैंपोयेर्ना यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर साइंस के वैज्ञानिक प्रो. टेडी मंटोरो ने कहीं।
प्रो. मंटोरो यहां विश्वविद्यालय में शुक्रवार से टेक्यूप परियोजना के तहत आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में शामिल होने पहुंचे थे। एडवांस इन कंप्यूटिंग, कम्यूनिकेशन एंड ऑटोमेशन विषय पर उन्होंने संबोधित किया। कहा कि आने वाला समय आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) तकनीक पर आधारित होगा। एआइ रोबोट के काम करने के लिए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने सरकारी एजेंसियों को आदेश भी दे दिया है।
बता देंगे बीमारी
प्रो. मंटोरो ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए अब 2 डी इमेज, 3 डी इमेज में बदली जा सकेंगी। इसमें डीप लर्निंग का प्रयोग करते हुए एक ऐसी टेक्नोलॉजी तैयार की गई है जो फ्लोरेंस माइक्रोस्कोपी की क्षमताओं को और विस्तार दे सकती है। इसके जरिए उन कोशिकाओं को ठीक करने में मदद मिलेगी जो विशेष प्रकाश डाले जाने पर चमकती हैं। प्रो. मंटोरो के मुताबिक शरीर के भीतर कोशिकाओं में होने वाले बदलावों के कारण गंभीर बीमारियां पनपने का खतरा रहता है क्योंकि कई बार रासायनिक प्रक्रियाओं के चलते कोशिकाएं अव्यवस्थित तरीके से बढऩे लगती हैं। इनके इलाज के लिए माइक्रोस्कोपी की जरूरत पड़ती है। इस प्रक्रिया में शरीर के भीतर माइक्रोस्कोप डालकर रोग की पहचान की जाती है।
5-जी से आएगी सूचना क्रांति
टेलर्स यूनिवर्सिटी मलेशिया से आए कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियङ्क्षरग विभाग के प्रो. राजा कुमार मुरुगेसन ने सूचना क्रांति में आने वाले बदलाव की जानकारी दी। कहा कि 5-जी इसमें बड़ी भूमिका निभाएगी। पलक झपकते ही पांच घंटे की फिल्में डाउनलोड हो सकेगी।
तकनीक ने दुनियाभर को नजदीक कर दिया
कांफ्रेंस का शुभारंभ कुलपति प्रो. अनिल शुक्ल ने किया। उन्होंने कहा कि तकनीक के क्षेत्र में काफी काम हुआ है। दुनियाभर को तकनीक ने काफी नजदीक कर दिया। डीन प्रो. एसके पांडेय, डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. राजीव तिवारी, टेक्यूप कोआर्डिनेटर डॉ. मनोज कुमार सिंह आदि मौजूद रहे।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों से हुआ स्वागत
कांफ्रेंस के तकनीकी सत्र समाप्त होने के बाद देर रात तक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुए। इसमें छात्र-छात्राओं ने नृत्य, संगीत के जरिए हर किसी का दिल जीत लिया।