Sucide : लड़कियों के आत्महत्या के मामले में राज्य महिला आयाेग की सदस्य ने पुलिस पर लगाया ये आरोप Bareilly News
एक प्रकरण में पुलिस के अधिकारियों के जवाब से नाराज सदस्य ने कहा कि इसी रवैये की वजह से लड़कियां आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाती हैं।
जेएनएन , बरेली : सर्किट हाउस में महिला जन सुनवाई के दौरान राज्य महिला आयोग की सदस्य रश्मि जायसवाल ने पुलिस को जमकर फटकार लगाई। एक प्रकरण में पुलिस के अधिकारियों के जवाब से नाराज सदस्य ने कहा कि इसी रवैये की वजह से लड़कियां आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाती हैं। पुलिस मामलों को सुलझाने की बजाय मुकदमा लिखकर कोर्ट भेज देती है। पीड़िता न्याय के लिए भटकती है तो पुलिस कोर्ट में मामला कहकर हाथ खड़े कर देती है। ऐसे में पीड़िता कहां जाएं।
पुलिस को मानवता के चलते इस बात पर जोर देना चाहिए कि कोई भी घर न उजड़े। हर मामले को कोर्ट भेजने की बजाय पुलिस को समाधान निकालने पर फोकस करना चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि अधिकारी थोड़ी देर के बाद चुपके से निकल जाते हैं। लोग दूर दूर से न्याय के लिए आते है। मैं तुरंत कार्रवाई करना चाहती हूं लेकिन अधिकारी गायब हो जाते हैं। ऐसे में उन्होंने सभी अधिकारियों से हस्ताक्षर भी करवाए।
इसलिए चढ़ा पारा: बिहारीपुर निवासी जूही का आरोप था कि उनका पति तुलसी राम शक करता है। इसीलिए आए दिन मारपीट करता जिससे गर्भपात तक हो गया। इसके बाद घर से निकाल दिया। वह तलाक भी नहीं देता है और पुलिस कोई कार्रवाई भी नहीं करती है। इस पर आयोग सदस्य ने पुलिस अधिकारियों से जवाब तलब किया तो उन्होंने बताया कि मामला कोर्ट में है और वह कुछ नहीं कर सकते हैं। इस पर उनका पारा चढ़ गया।
डीआइजी को बुलाओ: रोहली टोला की रहने वाली युवती भी गुहार लेकर पहुंची। कहा कि पति ने कमरे में बंद किया फिर कुछ लोगों से दुष्कर्म कराया। पति एक थाने में चौकीदार है इसलिए पुलिस सुनवाई नहीं कर रही। एक लोग ने सहायता की तो पति ने उनके खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करा दिया। इस पर आयोग सदस्य ने कहा कि इस मामले की जांच के आदेश डीआइजी ने दिए थे, इसलिए उन्हें बुलाओ। हालांकि बाद में उन्होंने एसपी क्राइम को फोन कर बुलाया। सुनवाई के दौरान ज्यादातर ऐसे मामले आए जो कोर्ट में लंबित हैं।
सूची बनाकर होगी कार्रवाई: बाद में पहुंचे एसपी क्राइम ने पुलिस अधिकारियों को कोर्ट में चल रहे मामलों की सूची बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने आयोग की सदस्य को अश्वासन दिया कि वह इन मामलों में एक बार दूसरे पक्ष को भी समाधान करवाने का प्रयास करेंगे।