Badaun News: परिवार के रचे चक्रव्यूह में फंसकर जेल पहुंचा पांच माह का मासूम, साजिशों की यह कहानी सुन रह जाएंगे दंग
Innocent Child sent to Jail अब जेल में बंद अभिषेक के पिता चाचा और ताऊ को छुड़ाने के प्रयास में लगीं उसकी मां सोनी दादी मुन्नी देवी और ताई सीमा ने मासूम अभिषेक को हथियार बनाया और उसके अपहरण की झूठी साजिश रच डाली।
बदायूं, (अंकित गुप्ता)। Innocent Child sent to Jail: वो अभी पांच माह का ही है। उसे तो अच्छे और बुरे का भी पता नहीं। गुनाह और साजिश जैसी बातों की तो उसमें समझ भी नहीं है। मां को देख कर हंसता, मां न मिले तो रोता। जमीन पर लोटता और मां का आंचल ढूंढता, जिस उम्र में मां-बाप, दादा-दादी का दुलार मिलना था, उस उम्र में वह साजिश का जरिया बन गया। गुनाह दादी, ताई और मां ने किया, लेकिन जेल की सलाखों के पीछे पांच माह का मासूम अभिषेक भी पहुंच गया।
हम बात कर रहे है बदायूं के उस परिवार की, जिसके द्वारा रचे गए साजिशों के चक्रव्यूह में फंसकर पांच माह का बच्चा भी जेल पहुंच गया। दरअसल, अभिषेक के पिता, चाचा और ताऊ ने बीते साल नवंबर माह में एक युवती का अपहरण किया था। इसके बाद सभी ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इस मामले में मुकदमा दर्ज हुआ और युवती को बरामद कर आरोपितों को जेल भेज दिया गया।
अब जेल में बंद अभिषेक के पिता, चाचा और ताऊ को छुड़ाने के प्रयास में लगीं उसकी मां सोनी, दादी मुन्नी देवी और ताई सीमा ने मासूम अभिषेक को हथियार बनाया और उसके अपहरण की झूठी साजिश रच डाली। इसके बाद अभिषेक को 10 अगस्त को उसकी मां सोनी ताई सीमा के घर छोड़ आई और पुलिस को उसके अपहरण की कहानी बताते हुए पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया।
अब पुलिस ने मामले का राजफाश कर दिया और मां, दादी, ताई समेत पांच लोगों को जेल भेज दिया। थानाध्यक्ष उसावां महेंद्र सिंह ने बताया कि मासूम अभिषेक को अपने साथ रखने वाला काेई नहीं है। इसके चलते उसे भी मां सोनी के साथ जेल भेजा गया। नियमानुसार मां सोनी जेल में ही उसकी देखरेख करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने बनाई है गाइडलाइन
सुप्रीम कोर्ट ने मासूम बच्चों को जेल में रखने के लिए गाइड लाइन बनाई है। जिसके तहत जेल में महिलाओं के साथ उनके छह साल तक के बच्चों को रखा जा सकता है। इन बच्चों पर जेल के माहौल का विपरीत प्रभाव न पड़े इसके लिए कई तरह के नियम भी बनाए गए हैं। इन्हीं नियमों के तहत जेल प्रशासन जेल में बच्चों की देखरेख करता है। बच्चों के खाने पीने के लिए जेल में दूध, फल समेत अन्य पौष्टिक आहार की व्यवस्था की जाती है।