Special on Biodiversity Day: सुधरी आबोहवा तो शाहजहांपुर में बढ़ी जलीय -स्थलीय जंतुओं की जमात
प्रभागीय वन अधिकारी की ओर से दुर्लभ प्रजाति के पौधों के रोपण काे चलाया जा रहा अभियान भी जैव विविधता को संबल प्रदान कर रहा है। ककरा में नगर निगम की ओर से पार्क बनाया जा चुका है। अब जलालाबाद में 20 हेक्टेयर में जैव विविधता पार्क भी बनाया जाएगा।
शाहजहांपुर, जेएनएन। जनपद की आबोहवा जलीय, स्थलीय जीवों के साथ पेड़ पौधों पर बसेरा करने वाले जीवों के लिए भी अनुकूल साबित हो रही है। तीन साल में 40 से 80 प्रतिशत तक इनकी संख्या बढ़ गई है। प्रभागीय वन अधिकारी की ओर से दुर्लभ प्रजाति के पौधों के रोपण काे चलाया जा रहा अभियान भी जैव विविधता को संबल प्रदान कर रहा है। ककरा में नगर निगम की ओर से पार्क बनाया जा चुका है। अब जलालाबाद में 20 हेक्टेयर में जैव विविधता पार्क भी बनाया जाएगा।
जनपद में गंगा, गोमती, रामगंगा, बहगुल, गर्रा, खन्नौत समेत नदियों तथा तालाबों की वजह से जैव विविधता को काफी बढ़ावा मिल रहा है। नतीजतन यहां काला हिरन, चीतल, सेही, गोह, बिज्जू बाघ, तेंदुआ समेत कई प्रकार के जीव चिन्हित किए जा चुके है। वन विभाग की ओर से ढाक, बहेड़ा आदि 30 प्रकार के दुर्लभ प्रजाति के पौधों का भी रोपण कराया जा रहा है। नदियों में विविध प्रकार की मछलियाें के साथ कछुआ, केकड़ा आदि की बहुलता से भी जैव विविधता को बल मिल रहा है।
जल के स्वच्छकार का भी कुनबा बढ़ा: कछुआ काे जल का स्वच्छकार कहा जाता है। रामगंगा के किनारे कछुआ की हेचरी विकसित की गई। तीन साल के भीतर इस हेचरी में सौ से ज्यादा कछुआ का कुनबा बढ़ गया। जो कि जलीय जैव विविधता का बड़ा प्रमाण है।
राज्यपक्षी ने भी लगाई जैव विविधता पर मुहर: राज्यपक्षी सारस ने जैव विविधता पर मुहर लगा दी है। तीन साल के भीतर सारस की संख्या में लगातार वृद्धि दर्ज हुई है। हाल ही में कराई गई गणना में व्यस्क सारस की संख्या 1230 तथा बच्चों की संख्या 376 पाई गई। जबकि तीन वर्ष पूर्व कुल संख्या एक हजार से कम थी।
पर्यटन का केंद्र बनेगा गंगा की गोद में प्रस्तावित जैव विविधता पार्क : नदी संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण तथा जल संरक्षण के लिए नमामि गंगे योजना की ग्राम पंचायत गुटेटी के मजरा मोहकमपुर महोलिया में जैव विविधता पार्क प्रस्तावित है। गंगा से पांच किमी दूर करीब 20 हेक्टेयर में प्रस्तावित यह पार्क पर्यटन का भी केंद्र बनेगा। इसके लिए पार्क को आकर्षक स्वरूप प्रदान किया जाएगा। प्रभागीव वन अधिकारी डा. आदर्श कुमार ने वन क्षेत्राधिकारी विकास प्रताप सिंह को पार्क के विकास का जिम्मा सौंपा है।